Monday, July 13, 2009

10 साल की बची

आज मैं आप को अक आसी स्टोरी सुनाता होऊं जो मेरी सची स्टोरी हाय या स्टोरी मेरे अक १० साल की बची क सैट की हाय जिस क बूब भी सही से नही नकलां थान.
रीमा उस लार्द्की का नम हाय रीमा मेरे घर क सैट वाले घर क ऊपर वाले माकन मैं क्रयादर थी रीमा अक्सर मुजे आपनी चाट से दकती थी मैं उस को आपना लैंड ढकता तह रीमा मेरा लैंड धक् कर बोहत खौश होती थी मैं ने उस से कहा रीमा तुम मेरे चाट माँ आवो रीमा खाने लगी नोमन भाई जिस दिन आप क घर मैं कोई नही हो गा तो आ जौन गी.
और वो दिन भी आ गया मेरे घर मैं कोई नही था रीमा जादा तर दिन मैं तकरीबन ३ बजे आती थी उस वक़त रीमा की अम्मी सो रही होती थी रीमा को मैं ने आपने घर आने को कहा रीमा आ गई मैं ने उस को किस के उस क होंटों को चौसने लगा मैं ने रीमा क हात मैं आपना लैंड डे दया रीमा मेरे लैंड को दबाने लगी.
नोमन भाई इस को बहार नकलां मैं ने आपनी पन्त और शर्त उतर दी अब मैं उस क सामने नंगा खरा था.
रीमा मेरे लैंड को आपने हात मैं ले कर आगे पचे कर रही थी रीमा इस को मौन मैं ले कर चौसो रीमा मेरे लैंड को चौसने लगी बोहत मज़ा आ रहा था रीमा अब तुम भी आपने कपरे उतरोउस ने आपने सारे कैप्री उतर दये रीमा क चौद पर अभी तक बल भी नही आयन थान १० साल की चोटी बची क चौद पर बल की थार आ सक्तं हाय मैं उस क चौद को सालने लगा उस को मज़ा आ रहा था मैं ने रीमा क चौद को आपने मौन मैं ले लाया और आपनी ज़बान को उस की चौद की सौरख मैं डालने लगा रीमा की आखन बन थी उस को मज़ा आ रहा था मुजे समज नही आ रहा था अतनी चोटी सी सौताकह मैं आपना ८ इंच क लैंड की थार दलौं गा मैं ने रीमा से कहा अब मैं तुम्हरी इस चौद मैं आपने इस लैंड को दलौं गा नही नोमन भाई अतना बार लैंड इस मैं नही जे गा.
मेरे पास अक क्स्क्स्क्स फ़िल्म राखी थी मैं ने रीमा से कहा मैं तुम को दहका ता होऊं क किस थार जाता हाय मैं ने कद पर फ़िल्म लगी मैं ने रीमा से कहा धको इस फ़िल्म को इस फ़िल्म मैं अक कला से आदमी जिस का लैंड १२इन्च हो गा अक लार्द्की क चौद मैं आपना पुरा लैंड दल रहा था रीमा धक् कर हरण हो गई रीमा जब या लार्द्की अतना बार लैंड ले सकती हाय तो तुम अतना सा लैंड नही ले सकती.
थक हाय नोमन भाई मैं ने दराज़ से क्राइम की दबया नकली आपने लैंड पर बोहत साडी क्राइम लगी और रीमा क चौद मैं आपने ऊँगली से उस की सुराख़ मैं लगने लगा रीमा क टांगों को आपन खंडे पर रखा अब मेरा लैंड की टोपी उस क चौद क सोरख पर थी मैं ने रीमा क मौन मैं आपने मौन रखा और अक जूर का झाह्टका लगाया लकिन मेरी लैंड की टोपी ही रीमा क चौद मैं गई रीमस क मौन से चैक नकली लकिन मेरा मौन उस क मौन पर था उस की आवाज़ नही नकिल सकी मुजे उस वक़त कुछ नही पता था क वो बची हाय मुजे बस आपना लैंड उस क चौद मैं डालना था मैनाब हल्का हल्का जूर लगने लगा मेरा लैंड मोटा था उस क सोरख से जिस की वजा से फस फस क जा रहा था अब मेरा लैंड तकरीबन २ इंच अन्दर चला गया था थोरी और कोइश क बाद ३ इंच अब मुजे लगा कोई चिईज़ मेरे लैंड की टोपी से तकरी है मैं समज गया या इस का बरदा हाय अब मुजे जूर का झटका लगना था मैं ने रीमा क दोनों हात को आपने हात मैं लिया और उस क मौन मैं आपना मौन को अची थार दबा दया और अक जूर क झटका डे मेरा लैंड जहर तक उतर गया रीमा क आखों से अन्सौं नक़ल रहन तति चारा लाल यो रहा था मुजे पता था उस को बोहत दर्द हो रहा हाय थोरी डर मैं रीमा को इस ही थार पाकर रहा जब मैं ने ढाका क उस क दर्द मैं कुछ कमी इ हाय तो मैं ने आपने मौन को हटाया तो रीमा खाने लगी नोमन भाई मुजे बोहत दर्द हो रहा था अब किसा हाय दर्द कम हाय अब मैं आपने लैंड को आहिस्ता आहिस्ता आगे पचे करने लगा थोरी डर मैं रीमा को भी मज़ा आने लगा नोमन भाई और जूर सीह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ हुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्हाआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ बोहत मज़ा आ रहा हाय जूर से भाई जूर से हम्म्म्म्म्म हुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म हाआआआआआआअ हुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ तकरीबन १५ मनात मैं मेरे लैंड ने जवाब डे दया और मैं ने आपनी साडी मणि उस क मौन पर गारा दी रीमा का चौद फट चोका था उस मैं से खौं नक़ल रहा था मैं ने उस दिन उस १० साल की बची को १० बार चोदा मैं ने सही सुना हाय लार्द्की को १०० बार भी चौद लो उस को कुछ नही होता अक्सर मोका केलने पर वो मुसे चौदने आती हाय.
अब उस की उमर १३ साल हाय इन २ सलौन मैं मैं ने उस को बोहत होदा और या स्टोरी लिखते वक़त वो मेरे सैट हाय मेरी कोड मैं हाय मेरा लैंड उस क चौद मैं हाय लघता हाय रीमा भी आप लोगों से कुछ खाने छाती हाय.
मरा दोस्तों मैं आप से कहों गी जब भी किसी को छोड़ो तो जम क छोड़ो जिसे नोमन भाई मुजे चोदते हाय.........

बाथरूम मई कौन है

ही, थिस इस विकी, जैसा की आप जानते ही है की मई २२ साल का हूँ, मगर ये मेरा पहला सेक्स एक्ष्पेरिएन्के था तब मई सिर्फ़ १७ साल का था, और स्कूल मई पड़ता था. मेरी तेअचेर जो की उस वक्त करीब २३ साल कित ही, और मेरी कालोनी मई ही रहती थी, मई उसको दीदी बोलता था, उसने हमारे स्कूल मई अस अ साइंस तेअचेर ज्वाइन किया, जब वोह पहले दिन स्कूल मई ई तोह. सबको अपना इन्त्रोदुक्शन देते हुए बोली. ही, इ ऍम निशा.

अब एपी लोग अपना इन्त्रोदुक्शन दीजिये.हम सबने अपना-अपना इंट्रो दिया. तोह व्हो मुजसे बोली की अर्र्री मई तुमको को तोह जानती हूँ , फिर वो मुड़कर क्लास अत्तेंदन्स लेने लगी . करीब २०/ २५ दिन बाद उन्होंहेय मुझे कहा की तुम मुझे घर जाने साईं पहले मिलना, मैंने क्या " काया बात है दीदी" तोह बोली की तुम साइंस मई बहुत ही कमजोर हो और पास भी होना मुस्किल है, तोह मैंने कहा की व्हो तोह मुझे मालूम है अब आप बताऊ की काया कर्रू मई, तोह उन्होंने बोला कित उम आज साईं मेरे पास शाम को पड़ने आ जाया करो. मैंने कहा टीक है मई आज साईं ही आ जौनगा. फिर मैंने उनके पास तुसैओं लेना शुरू कर दिया, करीब २० दिन बाद मई जब टूटें के लिए उनके घर गया और बेल बजाई तोह कोई रेस्पोंसे नही मिला, मैंने दूर को दक्का दिया तोह व्हो खुला हुआ था, मई अन्दर चला गया तोह मैंने स्वर की आवाज़ सुनी, कोई और उनके घर माहि नही था.

तभी मरे मन मई आया की मुझे देखना चैये की बाथरूम मई कौन है , सो मई उस तरफ़ चल पड़ा, मगर मुझे कुछ भी दिकाही नही दिया, मगर जैसे ही मई वापस मुड़ने लगा, दरवाजा खुला और उस मई साईं दीदी निकली, व्हो उस वक्त सिर्फ़ पैंटी पहनी हुए थी, मुझे देखते ही व्हो चिल्लाई की तू यंहा काया कर रहा है.. और जब उनको अपनी पोसिशन का ध्यान आया तोह व्हो वापस बाथरूम मई गुस गई, तब तक मेरा कमसिन लुंड खड़ा हो चुक्का था. मई वापस द्रविंग रूम मई आ गया, थोडी देर मई व्हो कपड़े पहन कर वंहा ई और बोली की गनती नही बजा सकता था काया, ऐसे कैसे गुस आया तू, मैंने कहा दीदी सॉरी बुत मैंने बहुत देर तक गनती बजी थी मगर कोई रेस्पोंसे नही मिला तोह आ गया और आप को देख लिया, तोह वोह बोली काया देखा मैंने कहा दीदी मैंने आपके सिर्फ़ बोबे देखे है, व्हो बोली की किसी को बताना मत की तुने ऐसा कुछ देखा है, मैंने कहा की दीदी वो एक बार और दिखा दो न, मैंने देख तोह लिए ही है, व्हो बोली नही तू अभी बहुत छूता है अपनी पडी कर. मई चुपचाप वापस आ गया.

दुसरे दिन स्कूल मई उन्होंने मुझे कहा की आज तू २ बजे पड़ने आ जन, मैंने कहा टीक है, स्कूल पुरा होते ही मई खाना खा कर उनके घर चला गया, व्हो उस वक्त खाना खा रही थी, मैंने पुचा की सब लोग कान्हा गए तोह वो बोली की सब बहार गए है मगर तू घर साईं नहा कर क्यों नही आया, मैंने कहा की मई तोह शाम को नाता हूँ, तोह बोली की तुज मई साईं बदबू आ रही है यही बाथरूम मई जा कर नहा ले, मैंने कहा की यंहा कैसे नहा लूँ , मेरे पास कपड़े नही है, तोह व्हो बोली नहने कई लिए कपड़ो की काया जरुरत है. तब तक मई समाज गया की लाइन कलिर हो रही है. मैंने कहा की बदबू आप को आ रही है मुझे नही तोह इसको दूर भी आप ही कर दो, तोह वोह बोली टीक है मगर तू किसी को बोलना मत, मैंने कहा मई क्यों बोलूँगा. फिर हम दोनों बाथरूम मई आ गए, उन्होंने ने मेरी टी- शर्ट उत्तरने को कहा, तोह मैंने कहा की आप ही उत्तर दो, उन्होंने ने मेरी टी- शर्ट उत्तर दी, तोह मैंने कहा, " दीदी आप कई भी कपड़े भेग जायेंगे इनको भी उत्तर दो, तोह व्हो मुस्कुराती हुई बोली तू सब जनता है, तोह ख़ुद ही उत्तर डे, मैंने फ़ौरन उनका कुरता फाड़ते हुए उत्तर दिया, अब व्हो सिर्फ़ ब्रा मई मेरे समाने थी, उन्होंने मुजसे कहा की तू पहला आदमी है जो मुझे एस कांदिसिओं मई देख रहा रहा है , मेरे घरवाले मेरे लिए आज लड़का देखने गए है, मैंने कहा दीदी आप भी पहली लड़की हो जो मुझे एस तरहे देख रही हो, फिर हम दोनों ने कसम खाई की हम एस बारे मई किसी को कुछ नही कहेंगे.

फिर व्हो बोली अब तू जो करमा छठा व्हो मेरे साथ कर ले, मैंने कहा दीदी मुझे तोह कुछ भी नही अत, आप बताओ, तोह वोह बोली हमारे पास ३ जानते है, जो तू करमा चाय वो तू कर ले और जो मई करमा चुंगी व्हो मई करुँगी, फिर मैंने उनके बूब्स अपने मुह मई ले लिए और चूसने लगा वोह मेरी पीठ पर हाथ फार रही थी, तभी उन्होंने ने मेरी पन्त को खोल दिया और बोली अब मई करुँगी, और मेरी चड्डी और पन्त ऊतर कर बाथरूम के बहार फेक दी, अब हम दोनों अदम जाट नंगे थे, २५ मं. तक हम दोनों एक दुसरे तो किस करते रहे, व्हो मुझे जायदा कर रही थी, फिर व्हो बोली चल अब पलंग पर चालित है, वोह मुझे पलंग पर ले गई और सीडी लेट गई, और बोली की अब तू मेरी छूट चाट, मैंने कहा दीदी मई नही चतुन्गा, तोह व्हो बोली मई तेरा लैंड भी तोह चतुंगी मैंने कहा पहली आप करो, तोह वह फ़ौरन शुरू हो गई, करीब १५ मं के बाद व्हो बोली अब तू चाट, तोह मैंने भी उनकी छूट को चाटना शुरू कर दिया तोह व्हो आआआआह्ह्हाआआआ आ, ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़, अक्चीईईईई तर्ह्ह्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य यी चाट, ऐसे आवाज़
निकलने लगी, फिर उन्होंने मुझे कहा की अब तू मेरे ऊपर आ जा और कम पुरा कर क्युकी घरवाले आने वाले है, मैंने फ़ौरन अपना लैंड उनकी छूट मई डालने की कोसीसी की मगर वोह बहुत टाइट थी, मेरे मोटा लैंड जा ही नही सका, तोह व्हो उत्ती और बोली कित उ बनता तोह बच्चा है मगर है नही, और तेल ले कर ई, और मेरे लैंड और अन्प्जी छूट पर नेकी अक्भर बीचा कर लगा दिया.

अब व्हो सीडी लेट गई और बोली अब जल्दी कर वरना कुछ नही होगा और कोई आ जाएगा, मैंने फ़ौरन अपना लैंड छूट पर टिकाया और एक जोर डर दक्का दिया तोह वोह चीक पड़ी, मैंने देखा तोह उनकी छूट साईं खून निकल रहा था, और उनकी अख्कू मई अस्सों आ गए थे, ,मैंने कहा काया हुआ तोह व्हो बोली बेफकूफ इतनी जूर साईं डालते है के मेरी जान निकल गई. मैंने कहा मुझे पता नही था दीदी, तोह व्हो बोली मुझे भी कान्हा पता था मई भी तोह पहली बर्र करवा रही हूँ, फिर मैंने
धेरे धेरे अपना लैंड उनको छूट मई डाला, व्हो भी आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआअ करते हुए कोप्रते करने लगी. करीब २० मं बाद व्हो बोली की मेरा तोह पानी निकल गया, अब तुब ही जल्दी कर,
मैंने कहा बस मेरा भी निकलने वाला है, और १० मं बाद मैंने भी उनकी चुद मई ही अपना पानी चुद दिया, और हम दोनों एक दुसरे साईं चेपक गए, थोडी देर बद्द हम नहा कर जैसे ही बाथरूम साईं बहार निकले घर की बेल बजी, हमने जल्दी साईं कपड़े पहने और टेबल पर पहुच गए, दीदी ने दरवाजा खोला तोह उनकी नौकरानी दरवाजे पर कड़ी थी.

व्हो बोली मैडम इतना टाइम कैसे लग गया गेट खोल ने मई, तोह दीदी बोली की मई एस को पड़ा रही थी,, एस बीच हमसे एक गलती हो गई थी की हमने बाद की चद्दर नही बदली थी जिस पर की थिदा सा दीदी का ब्लड सील टूटने के कारन लग गया था , मैड सर्वेंट जिसका की नाम सविता था लेकर बहार आ गई और बोली की मैडम आपको कही लग गई काया जो ये कनून निकल गया साथ ही मुस्कुराती जा रही थी, अब दीदी की हालत ख़राब हो गई तोह मैंने कहा तुमको काया मतलब है तोह वोह सविता बोली मुझे सब पता लग गया है मगर गब्रावू मत मई किसी को नही बतौऊंगी. और उसने अपना वडा निभाया भी, कुछ दिन बद्द मैंने उसको अपने घर पर काम डे दिया, और उसको भी कम मई ले लिया, एस बेच मई दीदी और मई भी अपना काम करते रहे और उनकी वझे साईं मुझे ६५% मार्क्स मिली, कुछ दिन बाद उनकी शादी हो गई मगर हम दोनों फिर भी अपना कम करते रहे और आज उनके पास मेरे बच्चा है, जो की मेरी वझे साईं पैदा हुआ है, उसका नाम भी उन्होने मुजसे
पुच कर रखा है अभिषक. अब व्हो ३४ साल की है और मई २२ का मगर हमारा गेम अभी भी चालू है,

Tuesday, July 7, 2009

Monday, July 6, 2009

शादी का माहोल

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Bus Se Bed Tak

अब में आपको मेरी स्टोरी बता रहा हु. में पुनजब( के एक फमोउस सिटी में रहता हु. मेरा ऑफिस है और में एकदम फ्रीएंद्य लड़का हु.बॉडी अच्छी है,मेरा लुंड ७ का है और थोड़ा मोटा है,,अब जयादा बोरे न करते हुए आगे खानी शुरू करता हु यहाँ की भाभी और लड़कियों में जो बात है वो इंडिया में और कही नही.बड़े बूब्स,चिकनी गंद,मस्त बॉडी, जैसे छोड़ते ही रहो.में डेली ऑफिस जाने के लिए ट्रावेल्स में उप्दोवं करता हु.सुबह जाता हु और शाम को वापस आता हु,रोज यही चलता है.मेरे साथ एक लड़की भाई डेली ट्रेवल करती है,वोअआगे से ही उसी गाड़ी में होती थी सायद अगले सिटी से आती होगी,एक बार गाड़ी में भीड़ ज्यादा ही थी,उसके बाजु में एक सीट खली थी सो में उसके पास बैठ गया,वो मुझे देख कर हलके से मुस्करायी मैंने भी स्मिले से अंस दिया,फ़िर थोडी देर बैठे रहे, अचानक ही उसने मुझे पुचा की तुम पढ़ाई करते हो या कोई जॉब, मैंने कहा की मेरा बिज़नस है, और उसने बताया की की वो गवर्मेंट सर्वेंट है,कुछ बाते हुई और फ़िर हम कम पर चले गए,रोज ऐसे ही मुलाकात होती रही,हम अपनी बाते बताते रहे,वो शादिधुदा थी पर डिवोर्स थी अकेली रहती थी,उसका नम सोनू था,उसकी आँखों में कुछ अजब सी कशिश थी,गोरा बदन,३६ बूब्स,काफी सुदुल बदन और एकदम सेक्सी.एक बार उसने कहा की कल मेरी छुट्टी है हो सको तो मेरे घर ची-पानी के लिए आओ.मैंने कहा ठीक है.और उससे एड्रेस और मो.नो. लेके में उसके घर पंहुचा.उसका घर काफी सुंदर था.मैंने डोरबेल बजाई और उसने दरवाजा खोला और मुझे वेल्कोमे कहा.अन्दर एके में ड्राइंग रूम में बैठा.थोडी देर में वो ची ले के आई और हमें आपस में बाते करना सुरु किया.हु एक दुसरे स एकाफी देर तक बातें करते हुए.उसने पिंक कोलोर क असुइत पहने हुआ tha जो की भट टाइट था जिसमे उसके कसे हुए मुम्मे साफ दिखाई दे रहे थे और सुइट की पजामे बी काफी त्घ्त थी.... जब वो छाए बने के लिए जुकी तो उसकी ब्रा साफ नज़र आ रही थी जाकें मनो इतने त्घ्त थे उसके बूब म्ज्से कंट्रोल नि हो रहा था..फर अचानक ही उसने कहा की इ लव उ.में तुह्मे प्यार करती हु और तुम्हे पाना चाहती हु और मुझसे लिपट गई,जैसे ही उसके बदन का स्पर्श हुवा मेरे सरीर में करंट दौड़ गया में भाई उससे लिपट गया और उसे चूमने लगा,वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई और हम दोनों बेद में लेते हुवे एक दुसरे के कपड़ो पर टूट पड़े थोडी देर में हम एकदम नंगे थे,क्या बताऊ दोस्तों उसका बदन था या क़यामत,नर्म और बड़े बूब्स,उस पुर गुलाबी निप्प्लेस एकदम फुल गए थे,चिकनी गंधे और बिच में गुलाब की तरह लाल छूट ,जैसे मुझे न्योता दे रही थी,उसने मेरे लोंद को पकड़ा और कहा मेरे जणू तुम्हारा लुंड तो एकदम कड़क है,अब मेरे प्यास बुझेगी,मैंने अपना एक हाथ उसकी योनी पर रखा और रब करने लगा, मैंने धीरे से उसकी छूट खोली,एकदम फूली हुयी और चोटी सी उसकी छूट थी.एकदम सफाचट थी मैंने छूट की चलित को चुवा तो वो तड़प उठी और आहे भरने लगी मेरा सर पकड़कर उसने योनी पर रख दिया,और में धीरे धीरे उसकी छूट पर अपनी झिब फेरने लगा वो बुरी तरह से तड़प रही थी,उसकी छूट में से चिकना पानी निकल रहा था,मैंने अपनी एक ऊँगली को चिकना किया और धीरे से उसकी छूट में दल दिया,और अन्दर बहार करने लगा.
वो मस्त हो रही थी,फ़िर उसने मेरे लुंड को पकड़ लिया और अपनी जीभ उस पर फिरने लगी में उसका दोनों निप्प्लेस को चुटकियों में रगड़ रहा था फ़िर उसने कहा की अब मुज्मे समां जाओ और फ़िर मैंने उसकी दोनों टांगो को अलग किया और बिच में बैठ गया.उसकी गुलाबी छूट एकदम फुल गई थी,और पानी से एकदम चिकनी हो गई थी.चिकना पानी लगातार निकल रहा था मैंने अपना लुनद छूट के पानी से चिकना किया और छूट पर रब करने लगा,वो बहोत तड़प रही थी, उसने अपनी छूट दोनों हाथो से खोल दी,उसकी छूट का छोटा सा होल एकदम साफ दिख रहा था, फ़िर मैंने अपना चिकना लुंड धीरे से उसकी छूट में डालना सुरु किया और वो कराहने लगी, धीरे धीरे मैंने पुरा लुंड उसकी छूट में डाला और अपनी कमर हिलाने लगा.अब वो भी मस्त होकर एकदम मुझसे लिपट पड़ी थी और में शोट पर शोट लगता रहा,उसे बहोत मज़ा आ रहा था, छूट चिकना पानी निकल रही थी और उकी बजह से चाप चपक चाप जैसे आवाज़ आ रही थी,फ़िर मैंने उसे घोडी स्टाइल में रख कर पीछे से अपना लुनद उसकी छूट में दल दिया,में कभी लुनद पुरा निकल लेता और फ़िर पुरा दल देता,रगड़ से चपक चपक की आवाज़ गूंज रही थी और फ़िर स्पीड से मैंने उसे चोदना सुरु किया और अपना पुरा वीर्य उसकी छूट में दल दिया.अब वो पुरी तरह सतिस्फ्य हो गई थी.हम दोनों आफ्टर सेक्स बेद पर लेते एक दुसरे को चूमने लगे.और दोस्तों फ़िर सुरु हुवा न ख़त्म होने वाला एक छोड़ने का सिलसिला.

Hum teeno bister par aa gye

दोस्तों मेरी शादी १२ साल पहले हुई थी.में और मेरी बीवी रोजाना सेक्स के मजे लेते हैं.मेरी बीवी का रंग गोरा-है,उसका भरा हुआ बदन बहुत सेक्सी लगता है.उसका फिग ३६.३०.३८ है जो भी उसे देखता है उसके मून में उसे
छोड़ने की इच्छा जाग उठती है.
शादी के वक्त वो एक सीधी सदी युवती थी जिसे चुदाई की असली मस्ती का बिल्कुल भी अंदाजा नही था.हम लोग रात को खाना खाकर्बिस्टर में घुस जाते एक या दो बार चुदाई करके सो जाते थे.करीब तीन साल निकल जाने पर मैंने महसूस किया की मेरी बीवी की सेक्स में रूचि कुछ कम होने लगी है.मेरे कई बार पूछने पर भी उसने कुछ नही बताया.अब हमारे बीच हफ्ते में एकाध बार चुदाई का मूड बन पता था.वो ज्यादातर सर दर्द या थकावट का बहाना करके चुपचाप सो जाती थी.
मैंने सोचा की रात को बीवी को ब्लू-फ़िल्म दिखाया करून जिस से उसमे पहले जैसी सेक्स की गर्मी आ जायेगी.दुसरे दिन में ६ अलग अलग ब्लू फ़िल्म की कद ले आया.शाम को मैंने बीवी से कहा आज जल्दी मत सो जन क्योंकि आज में तुम्हे खास चीज दिखने वाला हूँ.उसने भी हामी भर दी.
में बेसब्री से इन्तजार करने लगा.जैसे ही घर का काम निपटाकर मेरी बीवी कमरे में ई मैंने झट से दरवाजा बंद कर दिया और बोला मेरी जान आज में तुम्हे वो चीज दिखानुगा की तुम दुंग रह जोगी.कहकर मैंने डीवीडी ओं कर दिया.जब असली फ़िल्म शुरू हुई तो पहले मेरी बीवी खुशबू शर्माने लगी.तब मैंने खा की इसमे शर्माने की क्या बात है,यही तो जिन्दगी का असली मजा है.धीरे-धीरे खुशबु को भी फ़िल्म का मजा आने लगा.फ़िल्म में सब कुछ था कभी लड़की लुंड चूस रही थी कभी लड़का उसकी छूट चाट रहा था कभी लड़का उसको चित लिटाकर कभी घोरी बनाकर छोड़ रहा था और कभी लड़की उसके उपर बैठ कर घप-घप पूरा लैंड खा रही थी.
ये सब देख कर खुशबु गरम हो उठी और मेरा ५ इंच का लैंड पाकर कर मसलने लगी.उस रात हमने जी भर कर चुदाई का मजा लिया.काफी दिन यह सिलसिला चलता रहा.हम दोनों शराब के एक या दो पैग लगाकर बी/फ देखते और छूट चाटने लुंड चूसने और छोड़ने चुदाने का मजा लेते रहे.
लगभग एक साल पहले एक दिन अचानक खुशबु पूछने लगी बी/फ में ये जो दो या अधिक आदमी मिल कर एक औरत की चुदाई करते हैं क्या उसके पति को एतराज नही होता.मैंने खा की जो पति अपनी बीवी को प्यार करते हैं वो उसकी खुशी या मजे के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
तब वो मुस्कराते हुई शरारती अंदाज में बोली अगर मुघे भी दो आदमियों से चुदाई का मजा लेना है तो आप क्या करेंगे?मैंने दोनों हाथों में उसका चेहरा लेकर प्यार से पूछा मेरी जान बिना मजाक सुच बताओ क्या तुम सच मच दूसरा लुंड खाना चाहती हो,देखो सुच बोलना तुम्हे मेरी कसम मेरी जान मैं भी चाहता हूँ की तुम इल खोल कर लुंड के मजे लो बोलो मेरी जान तेरे लिए और लुंड का इतजाम करून?
उसने शरमाकर मेरी छाती पर सर रखते हुए खा यदिअपकी यही इच्छा है और आपको कोई एतराज नही तो आप किसी लुन्द्का इंतजाम कर लो.देखो जी में ३१ साल की हो गई हूँ इस उमर मेंसेक्स्य बहुत अधिक हो गई हूँ.जो भी लड़का या आदमी आप लायें उसका लुंड आपसे लंबा और मोटा हो तो अच्छा है.
दूसरे दिन मैंने अपने दफ्तर में क्लर्क मोहित को सेक्सी बैटन से टटोला वो कुंवारा है.मोहित भी सेक्स के लिए लड़की की जुगाड़ में था.मैंने उसे किसी बहने रात को घर आने कहा.
रात ८ बजे मोहित मेरे घर पहुँच गया.खुशबु ने खाना पहले ही बना लिया था.मैंने शराब की बोत्त्ले खोलकर तीन लर्गे पैग बनायेऔर बीवी को वहीँ बुला लिया.मोहित बोला सर मैं शराब नही लूँगा मुघे अपने घर जन है तो मैंने कहा की यहीं सो जन.वो तैयार हो गया.खुशबु ने उसका मेरी लुंगी पेहेन्ने को दी.
खुशबु के हाथ शराब का ग्लास देख कर मोहित हैरान हुआ तो मैंने कहा की हम ओपेंमिन्देद लोग हैं.
दो लर्गे पैग लेने के बाद तीनो सरूर में आ गये.मैंने बीवी को हम दोनों क
ऐ बीच बैठने को खा वो हमारे बीच सूत कर बैठ गई.मैंने मोहित के सामने ही बीवी के लिप्स चूमे और एक चूची पर हाथ फेरने लगा. मोहित पसीने से भर गया.मैं बोला सक्की अच्छा हो तो शराब का मजा दुगना हो जाता है मोहित यार तुम क्यों शर्मा रहे हो एक चूची तुम पकड़ लो वो घबरा गया तो मैं फिर बोला अआदेखो तुम कुंवारे हो मैं जनता हूँ तुम सेक्स एन्जॉय करना चाहते हो दरो मूत कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर खुशबु के मुम्मे पर रख दिया और बीवी को उसका लुंड सहलाने का इशारा किया तो वो उसके लुंड को पकड़ कर दबाने लगी थोडी देर में ही मोहित गरम होने लगा उसकी आँखों में लाल डोरे तैरने लगे एकाएक उसने मेरी बीवी को बाँहों में भर लिया और अंग अंग चूमने लगा खुशबु भी उसका लुंड पकड़े हुए थी.फिर मेरी तरफ़ मुद कर वो बोला सर! एक शोट खाने से पहले लगा ले.
हम तीनो बिस्टर पर आ गये.उन दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतरे बमें हैरान रह गया मोहित का लुंड ७ इंच लंबा मुझसे दुगना मोटा था. खुशबु ने चूसते हुए उसके लुंड को और तगर बना दिया थ फिर उसने भी मेरी बीवी की छूट चाट चाट कर बेहाल कर दिया फिर उसे लिटा कर अपना तगड़ा लुंड छूट के मुहँ पर रखा. मैं पहली बार किसी न्दुसरे लुंड को अपनी बीवी की छूट में जाते हुए देख रहा था.फिर उसने पूरा लुंड अंडर पेल दिया जोरदार चुदाई करने लगा. बीवी के चेहरे पर लंबे मोटे लुंड की चुदाई की संतुष्टि भरी मस्ती देखकर मैं भी खुश हो रहा था. ये सिलसिला अब तक चल रहा है और मोहित की शादी तक तो चलेगा ही.

Pooja ki chudai

आज मई आप लोगो के साथ अपनी रियल स्टोरी शेयर करने जा रहा हु..

ये बात २००६ की है तब मई ग्रादुअशन लास्ट इयर(अलाहाबाद यूनिवर्सिटी) में था. मई किसी भी लड़की में सिर्फ़ दो ही चीजे देखता हु एक उसके बूब्स और दूसरी उसकी गंद, जिस लड़की की बूब्स और गंद भरी भरी होती है वो लड़की मुझे बोहोत सेक्सी लगती है और ऐसी लड़की को देख कर मेरा लैंड खड़ा हो जाता है और उसे छोड़ने को मचलने लगता है. मैंने अपने फ्रिएंड्स से उनकी गर्लफ्रेंड की चुदाई के किस्से सुने थे और मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही थी इस लिए मेरा मन चुदाई को भोत तरसता था. पैर मेरी भी इच्छा पूरी हो गई. एक शाम जब मई अपने चाट पैर बैठा सड़क पैर आती जाती खूबसूरत लड़कियों के हुस्न के मज़े ले रहा था तब अचानक मैंने अपने पड़ोस वाली चाट पैर एक लड़की को देखा. मई तो उसे देखते ही रह गया वो लड़की क्या खिलता हुआ कमल था बस इतना समझ लो १४-१५ साल की लड़की थी वो जिसने जवानी की दहलीज पे अभी अभी अपने कदम रखे थे, उसके बूब्स तो बोहोत बारे नही थे पैर उसकी गंद बोहोत भरी भरी थी, देखते ही मेरा मन किया काश मई इसकी गंद को अपने हाथों से सहला सहला के इसे छोड़ पड़ा.

अच्तुअल्ली काया है के मेरे परोस वाला घर काफी दिनों से खली था और वो अपने मम्मी और पापा के साथ वह किराये पे रहने उसी दिन आई थी. उस रात मई उसे अपने सपने में ही छोड़ के खुश हो गया पैर मैंने फैसला कर लिया था की इसे मई छोड़ के ही रहूँगा. न जाने क्यों वो मुझे बोहोत अची लगी थी. शायद ये पहली नज़र का प्यार था.अगले दिन मई फिर शाम को चाट पे पोहंच गया और उसका वेट करने लगा पैर शायद मेरी कि़स्मत ख़राब थी काफी देर बाद भी वो नही आई. थोरी देर बात मेरी मोम भी चाट पैर आ गई और मई अपनी मोम से बात करने लगा. अचानक से उसकी मोम भी चाट पैर आ गई पैर मेरी नज़रें तो उसे ढूँढ रही थी, जब उसकी मोम ने मेरी मोम को देखा तो दोनों में बातचीत शुरू हो गई. मैंने भी सोचा चलो अच है शायद मेरा भी कुछ काम बन जाए इस लिए मई उनकी बातें सुन ने लगा उसकी मोम ने बताया की उनकी लड़की १०थ क्लास में पढ़ती है और उसे मैथ के लिए कोई अच टूशन चाहिए. बस फिर क्या था मेरी तो मन मांगी मुराद पूरी हो गई मैंने झट से कहा आंटी मैथ तो मई भी पड़ता हु आप चाहें तो मई ही पढ़ा देता हु. उसकी मोम ने मेरी कुँलिफिकाशन, और दूसरे तुशंस के बारे में पुछा और उसको मुझसे टूशन दिलवाने के लिए राज़ी हो गई.

अगले दिन वो अपनी मोम के साथ मेरे घर आई ओह गोद! वो भरी भरी गंद वो बूब्स उसपर उसका परियों जैसा चेहरा मेरा लैंड तो पैंट में तूफ़ान मचने लगा. मई सोफे पे बैठ गया वो मेरे साथ वाले सोफे पे बैठी थी और उसकी मोम दूसरे कमरे कमरे में मेरी मोम से बात करने चली गई. हाय कमरे में सिर्फ़ मई था और वो मन तो कर रहा था खूब जूर जूर से उसके बूब्स दबा कर उसे किस करू पैर किस तरह से अपने जज्बात पैर काबू किया ये सिर्फ़ मई ही जनता हु. मैंने पुछा तुम्हारा नामे क्या है. उसने कहा "पूजा मिश्रा". ओह गोद कितनी प्यारी आवाज़ थी और उसके होंट जी तो चाह आज अभी इन प्यालों को अपने लबों से लगा कर जी भर के पियून. दिल पैर पत्थर रखना किसे कहते है ये उस दिन मैंने जाना था.

दोसरे दिन मैंने उसके लिए टेबल के दूसरी तरफ़ एक कुर्सी रख दी ताकि वो मेरे सामने रहे. जब वो आई तो मैंने उसे कुर्सी पे बैठने को कहा अच्तुअल्ली मई चाहता था की वो मेरे सामने बैठे ताकि मई उसके बूब्स को उसकी टी-शर्ट के गले में से दीख सकू. पैर वो कुर्सी पैर सीधी हो कर बैठ गई और जब मई कोई क़ुएस्तिओन सोल्वे करने को देता तो वो कॉपी अपनी गोद में रख कर लिखने लगती, जब बार बार उसने ऐसा ही किया तो मैंने उस से कहा की कॉपी को टेबल पैर रख कर लिखा करो वरना तुम्हारी व्रितिंग ख़राब हो जायेगी तो वो कॉपी टेबल पैर रख कर लिखने लगी.. वो क्या गोल गोल खूबसूरत बूब्स थे उसके मुझे बोहोत मज़ा आया. उसने भी कई बार नोटिक किया की मई क्या देख रहा हु पैर वो कुछ न बोली.

धीरे धीरे वो मुझसे बोहोत फ्रीएंद्ली हो गई और खुल कर बात करने लगी. एक दिन जब मेरा पीसी ख़राब था तो मई उसके घर चला गया. मैंने आंटी से कहा की मेरा पीसी ख़राब है मई पूजा का पीसी उसे कर लू तो आंटी ने मुझे पेर्मिस्सिओं दे दी. वो कॉलेज गई थी मई कद से सोंग्स अपने मोबाइल में ट्रान्सफर करने के बाद उसके पीसी को एक्स्प्लोरे करने लगा. मई तो देख कर दंग रह गया उसके पीसी में ढेर साड़ी ब्लू फिल्म्स थी मैंने पीसी बंद किया और आंटी से कहा की अब मई घर जा रहा हूँ. साड़ी रात मई सोचता रहा की अगर पूजा ये सब देखती है तो १००% उसका मन भी चुदवाने को करता होगा और उसका कोई बोय्फ़्रिएन्द भी नही है. मैंने फ़ैसला किया की मई पूजा से इस बारे में बात करूँगा. और उस रात मैंने अपने सपने में उसकी जमकर चुदाई की......

अगले दिन जब पूजा टूशन के लिए आई तो मैंने उस से बातों बातों में कहा की कल मई तुम्हारे पीसी पे काम कर रहा था मैंने उसमे कई साड़ी ब्लू फिल्म्स देखि क्या तुम ब्लू फ़िल्म देखती हो? वो एकदम से सकपक गई उस से कोई जवाब देते न बना फिर वो इंकार करने लगी की उसके पीसी में ऐसा कुछ नही है तो मैंने कहा अच घर चलो मई अभी दिखता हु. तो वो कहने लगी की आपने ही कल मेरे पीसी में ये मूवी दाल दी होगी. मैंने सोचा हो सकता है ब्लू फ़िल्म किसी और ने राखी होगी. सच कहू तो मेरा शक उसके पापा पैर गया पैर फिर मुझे याद आया की एक दिन अंकल ने अपने मोबाइल की फोटो मुझे कद में राइट करने को दी थी. मतलब साफ़ था वो पीसी नही चला सकते थे और वो फिल्म्स पूजा ने ही राखी होगी...

मैंने बाद में कई बार पूजा से इस बारे में बात की पैर पूजा साफ़ इंकार कर देती थी. एक रात जब मैं इन्ही ख्यालों में था तो मैंने सोचा की अगर पूजा ब्लू फिल्म्स देखती है तो वो भी चुदाई को तरसती होगी फिर वो मुझसे शर्मा क्यों रही है. साड़ी रात मई ये ही सोचता रहा फिर मैंने सूचा की मई पूजा के साथ जबरजस्ती सेक्स करूँगा. और उस दिन से मई मौका देखने लगा. फिर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया. मेरी मोम मर्केत्तिंग करने गई थी और जल्दी घर आने वाली नही थी. उस दिन जब पूजा आई तो मैंने उसे अन्दर वाले कमरे में बैठने को कहा. वो स्कर्ट और टॉप पहने थी और बोहोत सेक्सी लग रही थी.मई ललचाई नज़रों से पूजा को देख रहा था जब उसने देखा तो वो बोली "सर क्या देख रहे हो, आज पड़ना नही है क्या?". मेरी नजरे उसके बूब्स पैर थी उसके निप्प्लेस टॉप के उपर से दिख रहे थे मतलब साफ़ था उसने ब्रा नही पहनी थी. उसने शायद मेरी नजरों में वासना देख लिया था इस लिए वो उठ कर जाने लगी. तभी मुझे न जाने क्या हुआ मैंने अचानक से उसे पकड़ कर दिवार से लगा दिया और उसके होंतो को किस करने लगा उसने चुराने की बोहोत कोशिश की पर मैंने उसके खूब किस किया फिर जब मैंने उसे चोदा तो तो उसकी आँखों में आंसू थे.मई थोरा डर गया कहीं ये किसी से कह न दे फिर मैंने सोचा जब इतना कर दिया है तो काम पूरा ही कर लू जो होगा देखा जाएगा. फिर वो जैसे ही दरवाजे की तरफ़ बड़ी मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा. वो चिल्लाने लगी "चोदिये सर ये क्या कर रहे हैं मई पापा से कह दूंगी." मैंने कहा "पूजा मेरी जान आज तो चाहे जो हो जाए मई तुझे नही चोरुंगा."

मैंने उसका टॉप उतर दिया और उसके बूब्स को खूब दबाया फिर मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और दूसरा हाथ उसके स्कर्ट में दाल दिया. वो कितनी चिकनी थी उसकी छूट और उसने पैंटी तक नही पहनी थी. मैं अपनी एक ऊँगली से उसकी छूट को सहलाने लगा. वो जूर जूर से लम्बी लम्बी साँसे लेने लगी और मेरी गिरफ्त से छूटने के लिए मचलने लगी. पैर मई उसको पूरी ताकत से अपने जिस्म से चिपका कर उसके बूब्स को दबा रहा था और सुकी छूट को सहला रहा था. फिर मैंने उसे बेद पैर गिरा दिया उअर उसकी स्कर्ट भी उतर दी वो उसकी छूट एकदम साफ़ और चिकनी थी. अब मई अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा कर चूसने लगा तो वो मुझे अपने से दूर धक्का देने लगी और कहने लगी "सर प्ल्ज़ मुझे चोर दीजिये वरना मई अपने पापा से कह दूंगी." मैंने कहा "चुप साली रंडी ब्लू फिल्मे देखती तो तेरे पापा कुछ नही कहते अब तो मई तुझे बिना चोदे नही चोरुंगा."

फिर मई उसे कमर से पकड़ उसकी छूट को चाटने लगा. मुझे उसकी छूट चाटने में खूब मजा आ रहा था और मई मजे ले ले कर उसकी छूट को चाट रहा था और बीच में उसकी छूट को अपने दांतों से दबा भी रहा था. थोरी देर बाद उसका जिस्म जूर से झटका खाने लगा और उसकी छूट ने खूब सारा पानी मेरे उपर चोर दिया. तो मैंने बुला "साली कुतिया मज़े ले ले कर अपनी छूट चुसवा रही और अपने बाप से बोलने की धमकी देती है. क्या अपने बाप से ये भी कहेगी की मैंने तेरी छूट छाती थी." वो कुछ न बोली बस आँखे बंद कर के लम्बी लम्बी साँसे ले रही थी. फिर मैंने उसकी छूट को चाट कर साफ़ किया और फिर से उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर मैंने अपने सारे कपरे उतर दिए और अपने लैंड उसकी छूट पे जैसे ही रखा वो अपनी गंद इधर उधर हिलाने लगी और कहने लगी "प्ल्ज़ डालना नही मुझे बोहोत दरद होगा". पैर मैंने सोच लिया था मई इसे खूब जूर जूर से चोदुंगा. मैंने एक हाथ से उसके दोनों हाथो को उसके सर के उपर कर के पकड़ लिया और दूसरा हाथ उसके मुह पैर रख कर एक खूब जूर का धक्का मारा मेरा लैंड उसकी छूट की ऐसी तैसी करता हुआ पूरा का पूरा एक ही झटके में उसकी छूट में घुस गया. वो बेचारी जूर जूर से चतपताने लगी और पूरे कमरे में उसकी घुटी घुटी सी चीख गूंजने लगी. पैर मैंने उसपर जरा भी तरस नही खाया और जूर जूर से धक्के मरने लगा. उसकी छूट से काफी खून निकल रहा था. फिर थोरी देर बाद मेरे लैंड ने ढेर सारा पानी उसकी छूट में चोर दिया.

मैं तो उसे कम से दो बार और चोदना चाहता था पैर उसकी हालत देख कर मैंने उसे चोर दिया. मैंने कपड़े से उसके जिस्म पैर लगे खून को साफ़ किया और खुद बाथरूम में चला गया जब मई वापस आया तो वो जा चुकी थी.आगे क्या हुआ ये मई बाद में बताऊंगा.

Dost ki babhi ki chudai

एक दिन इ गया अप्नाय्न्दूस्त क घर . उस की बभी घर मैं अकाली थी उस ने मुजे खा क अली अन्दर है आ जाओ जब मैं उंदर गया तू उस ने खा क अकरम तुम मेरा एक काम करो गे . मैं ने खा भाबी आप जो खां गी मैं करो गा तू उस ने खा क मैं कासी लगती हों मुजे कुछ हरब लगा मैं ने खा क आप वैरी बेऔतिफुल्ल. इ वांट तो फुक्क उ.वहत. इ सैद अगं मैं आप को चुदना चाहता हों. तू उस ने खा क तुम निकल जाओ लकिन रास्ता नहिचोरा मैं ने उसे बाहों माय बार क किस करने लगा तू वो बे करने लगी हम ५ मिन्तुए किस करते रहे उस क बाद मैं ने पोचा अली और आप क हुसबंद किदर हैं तू उन्हों ने खा क वो गर पैर नही हैं घर मैं इ अकाली हों.(भाबी की शादी को साल होवा है और उन का बचा नही है>) मैं ने उन को उठा केर उंदर ले गिया उर उन को उन क बाद पैर लिटा केर उन ल उपर लेत केर किस करने लगा. फिर हम दोनों एक दोसरे क उपर नेचे होने लगे फिर उस ने खा क अप्पने कपरे उतर दो मैं ने अपपनी कमीज़ उतारी तू उसने खा अब तुम मरी कमीज़ उतारो मैं ने उस की कमीज़ उतारी तू मैं तू उस क मामे दाख केर हिरन हो गया जो ३४द थे मैं ने उस को पाकर केर चोमना शोर केर दिया मैं ने उस क पित और उस क मामे बरेजेर मैं चोमे फिर उस की हूक खुल केर उस क मामे आजाद कर्वे .और उस क मामे चोसने लगा उस ने बरी बरी दोनों मामे आगे करवा केर चोस्वय फिर उस ने मरी शलवार उतारी और मारी लूँ को मू मैं लिए और चूसने लगी उस ने इतना अच चोसा क मैं बता नही सकता . मई ने उस की शलवार उतारी और उस की पिंक फुदी मरे सामने थी मुज से सबर न हो सका मैं ने उसे वही ज़मीन पैर लिटा केर उस की तांगे खुली और उस की फुदी चाटने लगा उस ने ऊऊऊ अहाआआआआ केना आय लगी फिर मैं उस को चुदने क लिये उस पैर आया तू उस ने खा तुम्हारा लूँ बार है आराम से अंडर करना मैं ने उस की फुदी पैर लूँ रहक केर एक ही घटके से अंडर करना चाह तू उस ने चीख मरी क आराम से करो मरी पुधि इतनी खुली नह है क तुम्हारा लूँ एक दफा चला घी मैं ने लूँ को हाथ मैं पाकर केर उस की पुडी मैं डाला जब सारा चला गिया तू उस ने खा क थोरा बहिर निकल लो दरद होरही है मैं ने उस क उपर लेत केर घटके लगाने लगा तू वो ऊह्ह्ह्ह्होह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ निकालो ऊऊऊऊमैन मर घी निकलूऊऊऊऊऊऊऊ मैं ने लूँ को थोरा सा बहिर निकल केर फिर लगाने लग कुछ दिएर क बाद उस ने खा अकरम जूर से छोड़ो मुजे वो मज दो जो कोई और न डे. मैं ने उसे ५मिन्त जूर से चोदा उर उस ने बी मेरा साथ दिय फिर मैं चोत्ने वाल था क उसने खा अकरम मरे उंदर ही छोटना मैं ने जूर से अपना लूँ उस क अंडर घर दिया वो निचा से चेखने लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्गीइ क मेरा साँस नही चल रहा .जब मैं छूता तू वो बी मरे साथ चोट घी. मैं ने १० मिनट उस क उपर लैओत केर उस को किस करता रहा . फिर उस ने खा बात लेते है. मैं ने उस पैर पानी डाला तू वो और बी सेक्सी लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ने लगी उस ने मग पैर पानी दल मैं उस को सो़प लगाने क दोरान मैं उस क पेचे से उस क मामे दबाने लगा और वो अपनी गंद मेर लूँ पैर रगने लगी एस दूरं उसने मेरे लूँ को खरा केर क उस पैर सो़प लगा केर उस ने अपनी एक तंग केर दीवार पैर राखी और्मन ने उस की पुडी मैं एक बार फिर लूँ डाला इस बार सो़प की वागा से उसे पेरशानी नही होई मैं ने उसे घटके मारत गिया और वो एन्जॉय करती रही इस बार वो चोट गई और उस की पुडी और मज़ा दाने लगी मैं ने लूँ बहिर निकला और उस को ज़मीन पित क बल लिटा केर उस की गंद पैर बात केर उस की पुधि मैं लूँ दल दिया इस बार मुजे और जिदा मज़ा मिला मैं ने उस की गंद पैर बात क गासी मरे तू वो और एन्जॉय करने लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्गी उस ने कहा अकरम आज तुम ने मुजे चुदाई का अस्सली मज़ा दिया है मैं ने जूर से घटके लगाने लगा उर वो ओइन्न्न्न्न्न्न्न अह्ह्ह्ह्ह्छ करने लागिफिर १०मिन क बाद मैं छूट गिया फिर हम नहाने लगे और उस ने कह अकरम गंद तो तुम ने मरी नही मैं ने खा क भाबी मरने वाली छेज़ तू मैं ने मर ली है गंद रहने दें. फिर उस ने मुजे किस की हम निहा केर बहिर आ गे मारा फिर दिल किया क मैं एक बार फिर लूँ डालो लकिन मैं ने सोच आज क लिए इतना ही. फिर मैं ने उसे क्लोथ पंतय होवे उस क मामे चोसे और उसे किस की किस क बदुस ने खा एक बार फिर लूँ डालो मैं ने खअ फिर दलों गा अबी इजाज़त धिन और हम दोनों देवाज़य पैर आ क फिर किस की और मैं घर वापिस अ गिया.

Friday, July 3, 2009

Vinita ki chut

विनीता एक नम्बर की चुद्दकद औरत है. विनीता का पति राजीव दिखने में ठीकठाक है मगर सेक्स के मामले में फिस्सडी है. एक दिन राजीव बीमार पड़ा तो मई और विनीता उसे गोवत. हॉस्पिटल ले गए. वह उसे अदमित कर दिया. रात को राजीव के बेद पर उसके बाजु में विनीता और पास में मई टेबल पर सो रहे थे. राजीव मेडिसिंस के नशे में सो रहा था. रात को मैंने धीरे से अपना हाथ विनीता की छुट पर रख दिया. उसने साडी पहन राखी थी. फिर मैंने हाथ को साडी और पेतिकोते के अंडर से डालकर उसके पैंटी पर रखा और उपर से ही उसकी छुट को सहलाने लग अब वोह गरम हो गयी थी. मैंने उसकी पैंटी के अंडर से एक उंगली उसकी छुट में घुसेड दी उसने दोनों टंगे कसकर दबा ली मेरी ऊँगली उसके छुट में फस गयी. फिर धीरे धीरे उसकी टांगो को फैलाया और फिर से उसकी छुट में ऊँगली अंडर बहार कार्नर लगा. १०-१५ मं तक उही चलता रहा. विनीता मेरा हाथ पकड़ के अपनी छुट में अंडर बहार करने लगी. ये हॉस्पिटल का प्राइवेट एसी रूम था और अत्त्चेद बथ्रोम्म भी था. मैंने उसे बाथरूम में चलने का इशारा किया. वो उठाकर बाथरूम चली गयी फिर मई भी उठकर उसके पीछे बाथरूम आ गया. अंडर आ कर मैंने दरवाज़ा बाँध कर दिया. और उसे पीछे से जोर से पकड़ कर उसके बाल्स जोर जोर से दबाने लगा, उसके बाल्स बहोत ही मस्त हैं न जाने कितनी बार दबाये और चूसे हैं फिर भी हर बार ज़्यादा मज़ा देते हैं. उसने आँखे बंद कर दी. मई उसके बाल्स को ब्लौसे के उपर से दबाने लगा. थोडी देर बाद एक हाथ से उसकी साडी उपर उठाकर उसकी छुट में ऊँगली दल दी और ऊँगली से उसकी चुदाई करने लगा. थोडी देर बाद मैंने उसके सरे कपड़े निकलकर बिल्कुल नंगी कर दिया. अब विनीता मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. मैंने अपनी पन्त की जिप खोल कर अपना ***डी बहार निकला तो उसने और एक हाथ से जोर से मेरे लैंड को पकड़ लिया. अपने कोमल हाथो से मेरे ***डी को वो सहलाने लगी और बाद में निचे बैठ गयी और मेरे ***डी को कुतिया की तरह चूसने लगी.
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अपनी जुबान से वो मेरे ***डी को चाट रही थी. धीरे धीरे उसने मेर ***डी अपने मु में लेना सुरु कर दिया.***डी बहोत हार्ड और बड़ा था उसके मु में पुरा नही आ रहा था. मैंने उसके बल पकड़ कर एक जोर का धक्का लगाया, आधा ***डी उसके मु में चला गया, उसके आँखों से पानी निकल आया. फिर धीरे धीरे ज्यदा से ज्यदा ***डी वो मु में रख कर चूसने लगी. १५-२० मं के बाद खूब ***डी चुस्वाने के बाद मैंने उसे घोडी बनने के लिए कहा वो अपनी दोनों टंगे मोड़ कर घोडी हो गयी. इस आसन में हर औरत को बहुत मजा आता है. मई भी घुटनों के बल बैठ गया और पीछे से अपना ***डी उसके छुट पर लगाया और दोनों हाथो से उसके बाल्स पकड़ कर एक जोर का शोट लगाया उसके मु से चीख निकल गयी. मई अपना ***डी उसकी छुट मई ऐसे ही दल कर उसके बाल्स दबाता रहा जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो धीरे धीरे अपना ***डी अंडर बहर करने लगा. मई ने कहा 'आज तो तुजे ऐसे चोदुंगा की साडी उमर तू मेरा ***डी यद् रखेंगी' उसे हार्ड लंगौगे का मज़ा आ रहा था . अब वो गलियां देने लगी. अपने हुसबंद यानी मेरे दोस्त के ***डी में दम नही है , उसने कहा 'तुम मुझे मेरे पति के सामने छोड़ो कम से कम चुदाई कैसे करते है ये तो उसे पता चल जायेगा' इस तरह से मई उसे बहुत तेज रफ्तार से चोदे जा रहा था और वो बदबदा रही थी. ३५ मीन्स तक उसकी छुट का कुचुम्बेर निकलने के बाद मैंने सारा पानी फवारे की तरह उसकी गरम गरम छुट में उडेल दिया और ***डी को बहार निकल कर उसके मुंह में दे दिया मेरा और उसका जो पानी मेरे ***डी पे चिपका हुआ था उसे वो आइसक्रीम की तरह से चाटने लगी. उस रत को मैंने उसे ३ बार अलग अलग तरीके से चोदा. इस तरह विनीता और मैंने हॉस्पिटल में भी चुदाई कार्यक्रम किया. विनीता मेरे ***डी की दीवानी है और मुझसे चुदाई करवाने में उसे बड़ा मज़ा आता है.

Monday, June 29, 2009

डॉक्टर साहिब : एक रसीली असली कथा

म्ब्ब्स की डिग्री मिलते ही मेरी पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के एक गाँव में हो गयी.
गाँव के बहार मेरा बंगलो था.
राजन बड़ा सुखा सा मरियल सा लड़का था. मुझे तो उसके मर्द होने पर भी शक था. और ये बात सच निकली करीब करीब. उनकी शादी के साल भर बाद एक दिन थाकुरें मेरे घर पर आई. उसने मुझे कहा की उसे बड़ी चिंता हो रही है की बहु को कुछ बच्चा वगेरह नहीं हो रहा. उसने मुझसे पूछा की क्या प्रॉब्लम हो सकता है. लड़का बहु उसे कुछ बताते नहीं हैं और उसे शक है की बहु कहीं बाँझ तो नहीं.
मैंने उसे धधास दिया और कहा की वो लड़का -बहु को मेरे पास भेज दे तो मैं देख लूँगा की क्या प्रॉब्लम है. उसने मुझसे आग्रह किया मैं ये बात गुप्त रखूँ, घर की इज्जत का मामला है. फिर एक रात करीब शाम को वे दोनों आए. रज्जन और उसकी बहु. देखते ही लगता था की बेचारी गोरी के साथ बड़ा अन्याय हुआ है. कहाँ वो लम्बी, लचीली एकदम गोरी लड़की. भरे पुरे बदन की बाला की खूबसोरत लड़की और कहाँ वो राजन, कला कलूटा मरियल सा. मुझे राजन की किस्मत पर बड़ा रंज हुआ. वे धीरे धीरे अक्सर इलाज करवाने मेरे क्लीनिक पर आने लगे और साथ साथ मुझसे खुलते गए. राजन बड़ा नरम दिल इंसान था. अपनी बाला की खूबसूरत बीवी को जरा सा भी दुःख देना उसे मंजूर न था.
उसने दबी जुबान से स्वीकार किया एक दिन की अभी तक वो अपनी बीवी को छोड़ नहीं पाया है. मैं समझ गया की क्यों बछा नहीं हो रहा है. जब गोरी अभी तक वर्जिन ही है तो, सहसा मेरे मन मैं एक ख्याल आया और मुझे मेरी दबी हुई हसरत पुरी करने का एक हसीं मौका दिखा. गोरी का कौमार्य लुटने का. दरअसल जब जब राजन गोरी के सुंदर नंगे जिस्म को देखता था अपने ऊपर काबू नहीं रख पता था और इस'से पहले की गोरी सेक्स के लिए तैयार हो राजन उसपर टूट पड़ता था.
नतीजा ये की लुंड घुसाने की कोशिश करता था तो गोरी दर्द से चिल्लाने लगती थी और गोरी को ये सब बड़ा तकलीफ वाला मालूम होता था. उसे चिल्लाते देख बेचारा राजन सब्र कर लेता था फिर. दुसरे राजन इतना कुरूप सा था की उसे देख कर गोरी बुझ सी जाती थी. साडी समयसा जानने के बाद मैंने अपना जाल बिछाया. मैंने एक दिन थाकुरें और राजन को बुलाया. उन्हें बताया की खराबी उनके बेटे मैं नहीं बल्कि बहु मैं है. और उसका इलाज करना होगा. छोटा सा ऑपरेशन. बस बहु ठीक हो जायेगी. बुधिया तो खुस हो गई पर बेटे ने बाद मैं पूछा,
डॉक्टर साहब. आख़िर क्या ऑपरेशन करना होगा?
हाँ राजन तुम्हें बताना जरूरी है. नहीं तो बाद मैं तुम कुछ और सम'झोगे.
हाँ हाँ बोलिए न डॉक्टर साहब. देखो राजन. तुम्हारी बीवी का गुप्तांग थोड़ा सा खोलना होगा ऑपरेशन करके. तभी तुम उस'से सम्भोग कर पऊगे और वो मान बन सकेगी. क्या? पर क्या ये ऑपरेशन आप करेंगे. मतलब मेरी बीवी को आपके सामने नंगा लेटना पड़ेगा? हाँ ये मजबूरी तो है.
गोरी को मेरे घर आए एक दिन बीत चुका था.क्लीनिक बंद करके मैंने उस'से कहा की वो अन्दर मेरे घर मैं आ जाए. देखो गोरी मैं जनता हूँ की जो बातें मैं तुमसे करने जा रहा हूँ वो मुझे तुम्हारे पति की अनुपस्थिति मैं शायद नहीं करनी चाहिए, पर तुम्हारे केस को समझाने के लिए और इलाज के लिए मेरा जन'न जरूरी है और अकेले मैं मुझे लगता है की तुम सच सच बताओगी. मैं जो पूछूं उसका ठीक ठीक जवाब देना. तुम्हारे पति ने मुझे सब बताया है. और उसने ये भी बताया है की क्यों तुम दोनों का बचा नहीं हो रहा. क्या बताया उनहोंने डॉक्टर साहब? राजन कहता है की तुम मान बन्ने के काबिल ही नहीं हो. वो तो डॉक्टर साहब वो मुझसे भी कहते हैं! और जब मैं नहीं मानती तो उन्होंने मुझे मारा भी है एक दो बार. तो तुम्हें क्या लगता है की तुम मान बन सकती हो?
हाँ डॉक्टर साहब. मेरे मैं कोई कमी नहीं. मैं बन सकती हूँ. तो क्या राजन मैं कुछ खराबी है? हाँ डॉक्टर साहब. क्या? साहब वो. वो. उनसे होता नहीं. क्या नहीं होता राजन से. वो साहब. वो. हाँ. हाँ. बोलो गोरी. देखो मुझसे कुछ छुपाओ मत. मैं डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से कुछ छुपाना नहीं चाहिए. डॉक्टर साहब. मुझे शर्म आती है. कहते हुए. आप पराये मर्द हैं न. मैं उठा. कमरे का दरवाजा बंद करके खिड़की मैं भी चिटकनी लगा के मैंने कहा, लो अब मेरे आलावा कोई सुन भी नहीं सकता. और मुझसे तो शर्मो मत. हो सकता है तुम्हारा इलाज करने के लिए मुझे तुम्हें नंगा भी करना पड़े. तुम्हारी सास और पति से भी मैंने कह दिया है और उन्होंने कहा है की मैं कुछ भी करून पर उनके खंडन को बछा दे दूँ. इसलिए मुझसे मत शर्मो. डॉक्टर साहब वो मेरे साथ कुछ कर नहीं पाते.
क्या? मैंने अनजान बन'ते हुए कहा. मुझे गोरी से बात कर'ने में बड़ा मजा आ रहा था. मैं उस अल्हर गाँव की युवती को कुछ भी कर'ने से पह'ले पूरा खोल लेना चाह'ता था. वो. वो मेरे साथ. मेरी योनी मैं. दल नहीं पाते. ऊह्हू. यूँ कहो न की वो मेरे साथ सम्भोग नहीं कर पाते. हाँ. राजन कह रहा था. की तुम्हारी योनी बहुत संकरी है. तो क्या आजतक उसने खाभी भी तुम्हारी योनी मैं नहीं घुसाया? नहीं डॉक्टर साहब. नजर झुकाए ही वो बोली. तो क्या तुम अभी तक कुंवारी ही हो. तुम्हारी शादी को तो साल ब्भर से ज्यादा हो चुका है. हाँ साहब. वो कर ही नहीं सकते. मैं तो तड़प'टी ही रह जाती हूँ. यह कह'ते कह'ते गोरी रूवांसी हो उठी. पर वो तो कहता है की तुम सह नहीं पति हो. और चीखने लगती हो. चिलाने लगती हो. साहब वो तो हर लड़की पहली बार. पर मरद को चाहिए की वो एक न सुने और अपना काम करता रहे. पर ये तो कर ही नहीं सकते इनके उसमें ताक़त ही नहीं हैं इतनी. सूखे से तो हैं. पर वो तो कहता है की तुमको सम्भोग की आच्छा ही नहीं होती. झूट बोलते हैं साहब. किस लड़की की आच्छा नहीं होती की कोई बलिष्ठ मरद आए और उसे लूट ले पर उन्हें देख कर मेरी साडी आच्छा ख़तम हो जाती है. पर गोरी मैंने तो उसका. कम अंग देखा है. ठीक ही है. वो सम्भोग कर तो सकता है. कहीं तुम्हारी योनी मैं ही तो कुछ समस्या नहीं.
डॉक्टर से शर्मोगी तो इलाज कैसे होगा? वो लेट गई. मैंने उसे सारी उतरने मैं मदद की. एक खूबसोरत जिस्म मेरे सामने सिर्फ़ ब्लौसे और पेतिको़त मैं था. लेता हुआ वो भी मेरे बिस्तर पर. मेरे लुंड मैं हलचल होने लगी. मैंने उसका पेतिको़त थोड़ा ऊपर को सरकाया और अपना एक हाथ उंदर डाला. वो उंदर नंगी थी. एक ऊँगली से उसकी छुट को सहलाया. वो सिसकी. और आपनी झांघाओं से मेरे हाथ पर हल्का सा दबाव डाला. उसकी छूट के होंट बड़े टाइट थे. मैंने दरार पर ऊँगली घुमाने के बाद अचानक ऊँगली उंदर घुसा दी. वो उछली. हलकी सी. एक सिसकारी उसके होंठों से निकली. थोडी मुश्किल के बाद ऊँगली तो घुसी. फिर मैंने ऊँगली थोडी उंदर भहर की. वो भी साल भर से तड़प रही थी. मेरी इस हरकत ने उसे थोड़ा गर्मी दे दी. इसी बीच एक ऊँगली से उसे छोड़ते हुए मैंने बाकि उँगलियाँ उसकी छुट से गांड के छेड़ तक के रस्ते पर फिरनी सुरु कर दी थी.
कैसा महसूस हो रहा है. अच्छा लग रहा है? हाँ डॉक्टर साहब. तुम्हारा पति ऐसा करता था. तुम्हारी योनी मैं इस तरह अंगुल दाल'ता था? णाआअह्ह्हीइन्न्न. डोक्क्त्तूऊओर्र्र स्स्सहाब्ब्ब. गोरी अब छटपटाने लगी थी. उसकी आँखें लाल हो उठी थी. अगर तुम्हारे साथ सम्भोग करने से पहले तुम्हारा पति ऐसा करे तो तुम्हें अच्छा लगेगा? हान्न्न्न. वे तो कुछ जान'ते ही नहीं और सारा दोष मेरे माथे पर ही मध् रहे हैं. अगली बार जब अपने पति के पास जन तो यहाँ. योनी पर एक भी बल नहीं रखना. तुम्हारे पति को बहुत अच्छा लगेगा. और वो जरूर तुम पर चढेगा. अच्छा डॉक्टर साहब. जाओ उधर बाथरूम मैं सब काट कर आओ. वह राजोर रखा है. जानती हो न. कैसे करना है. सम्भोग कर'ने से पह'ले इसे सजा कर एपी'ने पति के साम'ने कर'न चाहिए. मैंने गोरी की छूट को खोद'ते हुए उस'की आंखों में आँखें दाल कहा. हाँ. डॉक्टर साहब. लेकिन उन्होंने तो कभी भी मुझे बाल साफ कर'ने के लिए नहीं कहा. गोरी ने धीरे से कहा. वो गई और थोडी देर मैं वापस मेरे बेडरूम मैं आ गई. हो गया. तो तुम्हें राजोर इस्तेमाल करना आता है. कहीं उस नाजुक जगह को काट तो नहीं बैठी हो? मैंने पुछा. जी जी कर दिया. शादी से पहले मैंने कई बार राजोर पह'ले भी इस्तेमाल किया है.
अच्छा आओ फिर यहाँ लेट जाओ. वो आई और लेट गई. फिच्ली बार से इस बार प्रतिरोध कम था. मैंने उसके पेतिको़त का नाडा पकड़ा और खींचना सुरु किया. पेतिको़त खुल गया. उसकी कमर मुश्किल से १८-१९ इंच रही होगी. और हिप्स साइज़ करीब. ३७ इनचेस. झांघाओं पर खूब मांसलता थी. गोलाई और मादकता. विशाल पुट्ठे. इस सुंदर कामुक दृश्य ने मेरा स्वागत किया. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. डॉक्टर साहब. ये क्या कर रहे हैं. एपी तो मुझे नंगी कर रहे हैं?
अरे देख तो लूँ तुमने बल ठीक से साफ़ किए भी की नहीं. और बल काटने के बाद वहां पर एक क्रीम भी लगनी है. अब इस'से पहले वो कुछ बोलती. मैंने उसका पेतिको़त घुटनों से नीचे तक खींच लिया था. अति सुंदर. बाला की कामुक. तुम बहुत खूबसोरत हो गोरी. मैंने थोड़ा सहस के साथ कह डाला. उसकी तारीफ़ ने उसके हाथों के जोर को थोड़ा कम कर दिया. और उसका फायदा उठाते हुए मैंने पुरा पेतिको़त खींच डाला और दूर कुर्सी पर फ़ेंक दिया. यकीन मानिये एइसा लगा की अभी उसपर चढ़ जाऊं. वो पतला सपाट पेट. छोटी सी कमर पर वो विशाल नितम्ब. वो टाइट वीनस माउंट. सिर्फ़ एक ब्लौसे पीस मैं रह गया था उसका बदन. भरपूर नजरों से देखा मैंने उसका बदन. उसने शर्म के मरे अपनी आंखों पर हाथ रख लिया और तुंरत पेट के बल हो गई ताकि मैं उस'की छूट न देख सकूं. शायद छुट दिखाने मैं शर्मा रही थी. जरा पलटो गोरी. शर्म नहीं कर'ते. फिर तुम आईटी'नी सुंदर हो की तुम्हें तो एपी'ने इस मस्त बदन पर गर्व होना चाहिए. नहीं डॉक्टर साहब. पराये मर्द के साम'ने में मुझे बहुत शर्म आ रही है. पलटो न गोरी. कहकर मैंने उसके पुट्ठों पर हाथ रखा और बल पूर्वक उसे पलता. दो कुऊब्सुरत झांघाओं के बीच मैं वो कुंवारी छुट चमक उठी. गोरे गोरे. दोनों छूट की पंखुडियां फड़क सी रही थी. शायद उन्होंने भांप लिया था की किसी मस्त से लुंड को उनकी खूसबू लग गई है. उसकी छुट पर थोडी सी लाली भी छाई थी.
इधर मेरे लुंड मैं भूचाल सा आ रहा था. और मेरे अंडरवियर के लिए मेरे लुंड को कंट्रोल मैं रखना मुश्किल सा हो रहा था. फिर भी मेरे टाइट अंडरवियर ने मेरे लुंड को छिपा रखा था. आब मैंने उसकी छुट पर उंगलिया फिरे और पुछा. गोरी क्या राजन. तुमें यहाँ पर मेरा मतलब तुम्हारी योनी पर चूमता है? नहीं साहब. यहाँ छी यहाँ कैसे चूमेंगे? तुम्हारे इन पुट्ठों पर. मैंने उसके बुमस पर हाथ रख कर पूछा. नहीं डॉक्टर साहब आप कैसी बातें कर रहे हैं. अब उसकी आवाज़ मैं एक नशा एक मादकता सी आ गई थी. चुदने के लिए तैयार एक गरम युवती की सी. वो कहाँ कहाँ चूमता है तुम्हें? जी. यहाँ पर. उसने आपने चूची की तरफ़. इशारा किया. जो इस गरम होते माहौल की खुसबू से साइज़ मैं काफी बड़े हो गए थे और लगता था की जल्दी उनको बहार नहीं निकला तो ब्लौसे फट जाएगा. उसने कोई ब्रा भी नहीं पहनी थी.
मैं बिस्तर पर चढ़ गया मैंने दोनों हथेलियाँ उसके दोनों मुम्मों पर राखी और उन्हें कामुक अंदाज मैं मसलना सुरु किया. वो तड़पने लगी. दोक्टोर्र्र्र. स्साह्ह्हाब. क्या कर रहें है आप. यह कैसा इलाज आप कर रहे हैं? कैसा लग रहा है गोरी? मुझे अच्छी तरह से देख'न होगा की राजन ठीक कहता है या नहीं. वह कहता है तुम हाथ लगाते ही ऐसे चीख'ने लग जाती हो. बहुत आछा लग रहा है साहब. पर आप से यह सब कर'वाना क्या अच्छी बात है? और दाबून? मैंने गोरी की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसकी मस्त चूचियां दबानी जारी राखी. हाँ. एपी'का इनको हलके हलके दबाना बहुत अच्छा लग रहा है. राजन भी ऐसे ही मसलता है. तेरे इन खूबसोरत स्तनों को. नहीं साहब आपके हाथों मैं मर्दानी पकड़ है. मैंने उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया. बूब्स के भर से अचानक उसका ब्लौसे फट गया. और वो कसे कसे दूध बहार को उचल कर आ गए. वह क्या खूबसूरत कामुक आपसरा बैठी थी मेरे सामने एकदम नग्न. ३६-१८-३७ एकदम दूध की तरह गोरी. बाला की कमसिन. मुझसे रुकना मुश्किल हो रहा था.
आब मैंने बलात उसके मुख को पकड़ उसके हूनथो को चुसना सुरु कर दिया. इस'से पहले वो कुछ समझ पति उसके होंठ मेरे होंठो को जकड मैं थे. मेरे एक हाथ ने उसके पुरे बदन को मेरे शरीर से चिपटा लिया था. और दुसरे हाथ ने जबरदस्ती. उसकी झांघाओं के बीच से जगह बना कर उसके गुप्तांग मैं ऊँगली दाल दी थी. उसके क्लिटोरिस पर मैंने जबरदस्त मसाज़ की. उसके पुत्ते उठाने लगे थे. वो मतवाली हो उठी थी. मैंने हूनथो को चूमा. कभी राजन ने इस तरह किया तेरे साथ. सच कहना गोरी? नहीं डॉक्टर साहब. वह तो सीधे ऊपर चढ़ जाते हैं और थोड़ी देर हिल'के सुस्त पड़ जाते हैं. यही तो मुझे देख'न है गोरी. राजन कह रहा था तुम चिल्लाने लग जाती हो? बहुत अच्छा. पर अब. जाँच पड़ताल ख़तम हो गई क्या डॉक्टर साहब? आप और क्या क्या करेंगे मेरे साथ?
आब मैं वही करूंगा जो एक जवान शक्तिशाली मरद को, एक सुंदर कामुक खूबसोरत बदन वाली जवान युवती, जो बिस्तर पर नंगी पड़ी हो, के साथ करना चाहिए. तेरा बदन वैसे भी एक साल से तड़प रहा है. तेरा कौमार्य टूटने के लिए बेताब है. और आज ये मरदाना काम. मेरा काम अंग करेगा रात भर इस बिस्तर पर. मेरी ऊँगली जो अभी भी उसकी छूट मैं थी. ने अचानक एक जलजला सा महसूस किया. ये उसका योनी रस था. जो योनी को सम्भोग के लिए तैयार होने मैं मदद करता है. मेरी ऊँगली पुरी भीग गई थी और रस छूट के बहार बहकर झांघाऊँ को भी भिगो रहा था. मेरी बात सुनकर उसके बदन मैं एक तड़प सी हुई चूतर ऊपर को उठे और उसके मुहँ से एक सिसकी भरी चीख निकल पड़ी. बाद मैं थोड़ा संयत होकर गोरी बोली. डॉक्टर साहब. पर इससे मैं रुसवा हो जाओंगी. मेरा मर्द मुझे घर से निकल देगा यदि उसे पता चला की मैं आप के साथ सोई थी. आप मुझे जाने दीजिये. मुझे माफ़ कीजिए.
तू मुझे मरद समझती है. तो मुझ पर भरोसा रख. मैं आज तुझे भरपूर जवानी का सुख ही नहीं दूँगा. बल्कि तुझे हर मुसीबत से बचूंगा. तेरा मरद तुझे और भी खुशी खुशी रखेगा. वो कैसे डॉक्टर साहब?
क्योंकि आज के बाद जब वो तुझ पर चढेगा वो तेरे साथ सम्भोग कर सकेगा. जो काम वो आजतक नहीं कर पाया तुम दोनों की शादी के बाद आब कर सकेगा. और तब तू उसके बच्चे की मान भी बन जायेगी. पर कैसे डॉक्टर साहब. कैसे होगा ये चमत्कार. साहब? गोरी. प्यारी. मैंने उसकी फटी चोली अलग करते हुए और उसके बूब्स को मसलना सुरु करते हुई कहा. तेरी योनी का द्वार बंद है. उसे आज मैं आपने प्रचंड भीषण लुंड से खोल दूँगा ताकि तेरा पति फिर आपना लुंड उसमें घुसा सके और आपना वीर्य उसमें दाल सके जिससे तू मान बन सकेगी. मेरे मसलने से उसके बूब्स बड़े बड़े होने लगे थे और कठोर भी. उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़. क्या लगती थी वो आपनी पुरी नग्नता मैं. उन सॉलिड बूब्स पर वो गोल छोटी चुचिया भी बहुत बेचें कर रही थी मुझे. उसका पुरा बदन आब बुरी तरह तड़प रहा था. नशीले बदन पर पसीने की हलकी छोटी बूंदें भी उभर आई थी. मेरा लुंड बहुत ही तूफानी हो रहा था और आब उसके आजाद होने का वक्त आ गया था.
डॉक्टर साहब मुझे बहुत डर लग रहा है. मेरी इज्जत से मत खेलिए न. जाने दीजिये. मेरा बदन. ऊऊऊईईईमाअ. मुझ पर यकीन करो गोरी. ये एक मरद का वडा है तुझसे. मैं सब देख लूँगा. तेरा बदन तड़प रहा है गोरी. एक मरद के लिए. तेरी छूट का बहता पानी. तेरे कसते हुई बूब्स साफ़ कह रहे हैं की आब तुझे सम्भोग चाहिए. साहब. हाँ. गोरी मेरी रानी. बोल. मैं मान बनूंगी न. हाँ. मेरा मरद मुझे आपने साथ रख लेगा न. मुझे मरेगा तो नहीं न. हाँ. गोरी. तू बिल्कुल चिंता न कर.. तो साहब फिर आपनी फीस ले लो आज रात. मेरी जवानी आपकी है. ओह. मेरी गोरी. आ. जा. और हम दोनों फिर लिपट गए. मेरा लुंड विशाल हो उठा. डॉक्टर साहब बहुत प्यासी हूँ. आज तक किसी मर्द ने नहीं सींचा मुझे. मेरे तन बदन की आग बुझा दो साहब..
तो फिर आ मेरी झांघाऊँ पर रख दे अपने चुत्तर और लिप्त जा मेरे बदन से. थोडी देर बाद मेरे हाथ मेरी कमीज के बटनों से खेल रहे थे. कमीज उतारी. फिर मेरी पन्त. गोरी की नजर मेरे बदन को घुर रही थी. मेरा अंडरवियर इससे पहले फट जाता मैंने उसे उतर डाला. और फिर ज्यों ही मैं सीधा हुआ. मेरे लुंड ने आपनी पुरी खूब्सोरती से अपने शिकार को पुरा तानकर उठाकर सलाम किया. आपने पुरी १२" लम्बाई और बड़े टमाटर जितने लाल हेड के साथ. गोरी बड़े जोर से चीखी. और बिस्तर से उठकर नंगी ही दरवाजे की तरफ़ भागी. क्या हुआ गोरी? मैं घबरा गया. मैं ताना हुआ लुंड लेकर उसकी तरफ़ दौड़ा. नही मुझे कुछ भी नहीं कर'वाना. णहीईए मुझ... मुझे जा.... जाने दो.गोरी फिर चीखी. क्या हुआ गोरी? लेकिन मैं उसकी तरफ़ बढता ही रहा. साहब आपका ये लू. लूंनद. ये लुंड तो बहुत बड़ा और मोटा है. ब्बाप्प्र्रीए बाप. यह तो गधे के जैसा है. नहीं यह तो मुझे चीर देगा. आओ गोरी. घबराऊ मत. असली मोटे और मजबूत लुंड ही योनी को चीर पाते हैं. गौर से देखो इसे छूकर देखो. इस'से प्यार करो और फिर देखो ये तुम्हें कित'न पागल कर देगा. डॉक्टर साहब. है तो बड़ा ही प्यारा. और बेहद सुंदर मुस्तांद सा. मेरा तो देखते ही इसे चूमने का मन कर रहा है. ऊउफ्फ्फ्फ़. कितना बड़ा है. पर साहब ये मेरी छूट मैं कैसे घुस पायेगा इतना मोटा. मैं तो मर जाऊंगी. राजन का लुंड तो इसके सामने बहुत छोटा है जब वो ही नहीं जाता तो. ये कैसे.
यही तो मरद की सम्भोग कला कौशूल होता है मेरी रानी. छूट खोलना और उसे ढंग से चोदना. हर मरद के बस की बात नहीं. वो भी तेरी छूट जैसी. कुंवारी. करारी. तू डर मत सुरु मैं थोड़ा सह लेना बस फिर देखना तू चुद्वाते चुद्वाते थक जायेगी पर तेरा मन नहीं भरेगा. चल अब आ जा मेरी जान. अब और सहा नहीं जा रहा. मेरे लुंड से खेलो मेरी रानी. कह कर मैंने उसे उठा लिया बाँहों मैं. और बिस्तर पर लिटा दिया. उसकी छूट ही नहीं बल्कि घुटनों तक झांघा भी भीग चुकी थी. बूब्स एकदम सॉलिड और बड़े बड़े हो गए थे. साँस के साथ ऊपर नीचे. साँस जोर जोर से चल रही थी.
मैं बिस्तर पर चढा और उसके पेट पर बैठ गया. उन्नत उठे बूब्स के बीच मैं मैंने आपने लंबे खड़े लुंड तो बिठा दिया और दोनों बूब्स हथेली से दबा दिए. मेरा लुंड बूब्स के बीच मैं फँस गया. उँगलियों से बूब्स के निप्प्ले रगड़ते हुए मैं बूब्स को मसलने लगा और लुंड से उसके संकरे क्लेवागे को फुक्क करने लगा. उप स्ट्रोक मैं लुंड का लाल हेड नंगा होकर उसके लिप्स से तौच करता और डाउन स्ट्रोक मैं वल्ली की चुदाई. उतेजना मैं आकर गोरी ने ज्यों ही चिल्लाने के लिए लिप्स खोले ही थे की मेरे लुंड का हेड उसमें जाकर अटक गया और वो गो. गो. गू. गूओ. की आवाज़ करने लगी.
मैंने और जोर लगाया ऊपर को तो लगभग आगे से २ -३ इंच लुंड उसके मुंह मैं घुस गया. थोडी देर की कशमकश के बाद मोशन सेट हो गया. और मैं जैसे स्वर्ग मैं था. लुंड ने स्पीड पकड़ ली थी. गोरी के मुंह भी हेड को मस्त चूस रहा था. और शाफ्ट उंदर तक जा कर उसके गले तक हित कर रही थी. बूओब्स बड़े विशाल हो गए थे. आब मैं हल्का सा उठ कर आगे को सरका और गोरी के बूब्स पर बैठ गया. और मैंने जितना पोस्सिब्ले था लुंड उसके मुंह मैं घुसा दिया. मेरी झांघाओं के बीच कसा उसका पुरा बदन जैसे बिना पानी की मछली की तरह तड़प रहा था.
थोडी देर के बाद मैंने लुंड को निकला और आब गोरी ने मेरे दोनों एग्गस बराबर तेस्तिक्लेस को चाटना सुरु किया. बीच मई वो पुरे एक फुट लंबे लुंड पर आपनी जीभ फिरती तो कभी सुपदे को चाट लेती. थोडी देर के बाद मैंने ६९ की पोसिशन ले ली तो उसे मेरे कम अंगो और आस पास के एरिया की पुरी एक्सेस मिल गई अब वो मेरे चुत्तर भी चाटने लगी. मैंने भी गांड का छेड़ उसके मुंह पर रख दिया. उसने बड़े प्यार से मेरे चुत्तर को हाथों मैं लिया और मेरी गांड के छेड़ पर जीभ से छठा. इस बीच मैंने भी उसकी छूट को आपनी जीभ से छठा और चोदा. पर वाकई उसकी छूट बड़ी कासी थी जीभ तक भी नहीं घुस प् रही थी उस मैं. एक बार तो मुझे भी लगा की कहीं वो मर न जाई मेरा लुंड घुस्वते समाया. फिर मैंने उसे पलता कर के उसके बड़े बड़े गोल गोल चुत्तर भी चुसे और चाते. आब गोरी बड़े जोर जोर से सिसकारी भर रही थी और बीच बीच मैं चिल्ला भी उठती थी. वो मेरे लुंड को दोनों हाथों से पकडे हुए थी और आब काफी जोर जोर से चिल्लाने लगी थी. डॉक्टर साहब. छोड़ दो मुझे. चढ़ जाओ मेरे ऊपर. घुसा दो डॉक्टर साहब. दया करो मेरे ऊपर. नहीं तो मैं मर जाऊंगी. चाहे मैं मर ही जाऊं पर अपना ये मोटा सा लोहे का रोड मेरे उंदर दाल दो. देखो साहब मेरी कैसी लाल हो गई है. गरम होकर. इसकी आग ठंडी कर दो साहब आपने हथोडे से. वह क्या मरदाना मस्त लुंड है डॉक्टर साहब आपका. कोई भी लड़की देखते ही मतवाली हो जय और अपने कपडे खोलकर आपके बिस्तर पर लेट जय. आओ साहब आ जाओ घुसा दो. ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़्फ़.
मेरा लुंड भी आब कामुकता की साडी हदें पर कर चुका था. मैं उसकी टांगों के बीच मैं बैठा और उसकी टांगों को हवा मैं व् शपे की तरह पुरी खोल कर उठाया और फिर उसकी कमर पकड़ उसकी छूट पर अपने लौडे को रखा और आहिस्ता से पर जरा कास कर दबाया. छूट इतनी लुब्रिकातेद थी की लुंड का हेड तो घुस ही गया. आह. मर्ग्गई. !! मैं मर गई. दोक्टूर्र्र स्साह्ह्ह्हाआब्ब्ब. घबराऊ नहीं मेरी जान. और मैंने लुंड को हाथ से पकड़ थोड़ा और घुसाया. वो मुझे ढाका देने लगी वो चिल्ला भी रही थी दर्द के मरे. तब मैंने उसे जबरदस्ती नीचे पटककर. उसपर लेट गया. अपनी छत्ती से उसके बूब्स को मसलते मसलते आधे घुसे लुंड को एक जबरदस्त शोट मारा. वो इतनी जोर से चीखी जैसे किसी ने मर ही डाला हो. उसका शरीर भी तड़प उठा. और उसने मुझे कास कर जकड भी लिया था. मेरे लुंड का करीब ७ इंच उंदर घुसा हुआ था. और शायद उसकी कौमार्य की झिल्ली जो तनी हुई थी और अभी पत्नी बाकि थी. थोडी देर बाद जब वो शांत सी हुई तो बोली.
डॉक्टर साहब मुझे छोड़ दो. मैं नहीं सह पूंगी आपका लुंड. मैंने उसके हून्थों पर अपने हूनथ रखे और एक जबरदस्त किस दिया जिसमें उसके कठोर बूब्स बुरी तरह कुचल गए थे. उसकी लम्बी बहूँ ने एक बार फिर मुझे लपेट लिया और उसकी टांगें भी मेरी टांगों से लिपट रही थी. जैसे ठीक से चुदने के लिए पोसिशन ले रही हो. थोडी देर मैं जब मुझे लगा की वो दर्द भूल गई है तो अचानक मैंने लुंड को थोड़ा सा बहार निकलते हुए एक भरपूर शोट मारा. लुंड का ये प्रहार इतना शक्तिशाली था की वो पस्त हो गई. एक और चीख के साथ. एक हलकी सी आवाज़ के साथ उसका कौमार्य आज फट गया था, शादी के एक साल बाद वो भी एक दुसरे मरद से और इस प्रहार से उसका ओर्गास्म भी हो गया. उस'की छूट से रस धार बह निक'ली और बुरी तरह हांफ रही थी.
अब गोरी की छूट पूरी लासिली थी और मैं अभी तक नहीं झारा था. मैंने जोर दार धक्कों के साथ उसे छोड़'न शुरू किया. उस'की टाइट छूट की दीवारों से रगड़ खाके मेरा लुंड छीला जा रहा था. लेकिन मैं रुका नहीं और उसे बुरी तरह छोड़'ता रहा. फिर मैंने लुंड उस'की छूट से खींच लिया और लुंड एक आवाज़ के साथ बाहर आ गया जैसे सोडा वाटर की बोत्त्ले खोली हो. फिर मैंने उसे डोगग्य स्टाइल में कर दिया और पीछे से लुंड उस'की छूट में दाल उसे छोड़'ने लगा. अब गोरी भी मस्ती में आ गयी और मुझे जोर से छोड़'ने के लिए उक'साने लगी. छोड़ो मुझे. डॉक्टर साहब. फाड़ दो मेरी. डॉक्टर साहब. छोड़ना मत मुझे. बुरी तरह. पहाड़ दो मुझे. और जोर से छोड़ दो मुझे. मैं दासी हूँ आपकी. आपकी सेवा करूंगी. रोज रात दिन आपके सामने बिल्कुल नंगी होकर रहूंगी. आपके लिए हमेशा तैयार रहूंगी. और जब जब आपका लुंड चाहेगा तब तब चुदवाने के लिए आपके बिस्तर पर लेट जाऊंगी. पर मुझे खूब छोड़ो साहब. और जोर से और तेजी से छोड़ो साहब. उस रात मैंने गोरी को दो बार चोदा. दूसरे दिन दोपहर में थाकुरें क्लीनिक में अ गयी. मैंने उसे बताया की चेक उप हो गया है और शाम तक छोटा सा ऑपरेशन हो जाएगा और कल आप'की बहु आप'के घर चली जायेगी. थाकुरें संतुस्ट होकर वापस हवेली चली गयी.
आज रात गोरी ख़ुद उतावली थी की कब रात हो. उसे भी पता था की कल उसे वापस हवेली चले जाना है और आज की रात ही बची है सच्चा मजा लूटने का. उसने आज जैसे मैंने चाहा वैसे कर'ने दिया. एक दूसरे के अंगों को हम दोनों खूब चूसे, प्यार किए सहलाए और जी भर के देखे. फिर मैंने गोरी को तरह तरह से कई पोस में चोदा. साथ में आने वाले दिनों में उसे अपने ससुराल में कैसे रह'न है और क्या कर'न है सब सम'झा दिया. दूसरे दिन राजन भी शहर से आ गया. मैंने उसे समझा दिया की गोरी का ऑपरेशन हो गया है.तो डॉक्टर साहब गोरी अब माँ बनेगी न? हाँ पर तुम जल्द बाजी मत कर'न. अभी एक महीने तो गोरी से दूर ही रह'न. और हाँ इसे बीच बीच में यहाँ चेक उप के लिए भेज'ते रह'न. यह बहुत साव'धानी का काम है. राजन ने कुछ असमंजस से हाँ भरी. फिर वह गोरी को ले गया. गोरी मेरे प्लान के अनुसार बीच बीच में क्लीनिक में आती रही. मैं उसे शाम के वक्त बुलाता जब गाँव के मरीज नहीं होते. रात ८ - ९ बजे तक उसे रख उसकी खूब चुदाई कर'ता. गोरी भी खूब मस्ती के साथ मुझ से चुद'टी.
दो महीने बाद गोरी के गर्भ ठहर गया. मैंने गोरी को समझा दिया की वह राजन से अब चुदवाये. उसकी छूट को तो मेरे १०" के लुंड ने पहले ही भोस'दा बना दिया था जहाँ अब राजन का लुंड आराम से चला जाता. राजन भी बहुत खुश था की डॉक्टर साहब के कारण ही अब वह अपनी बीवी को छोड़ पा रहा है. गोरी पह'ले ही मेरी दीवानी बन चुकी थी. थाकुरें को जब पता चला की गोरी के पान'व् भरी हो गए हैं तो उस'ने क्लीनिक में आ मेरा शुक्रिया अदा किया. में तो खुश था ही और अब किसी दूसरी गोरी की उम्मीद में एपी'न क्लीनिक चला रहा हूँ.

Sunday, June 28, 2009

Biwi Ki Saheli Ki Chudai

एह कहानी मेरी बीवी की सहेली है और दोनों एक साथ एक ऑफिस में कम करती हैं. बीवी की सहेली मेरे परोस में रहती हैं और उनका नम प्रिया है. प्रिया एक हसीं औरत है, उसकी रंग गेहुना लुम्बे लुम्बे बल और सुंदर शरीर वाली हैं. मई उस औरत को "नमकीन." मई जब भी प्रिया को देखता हूँ, मेरा लौरा खरा हो जाता है और मई कितने ही बार उसके नम पर मुट्ठ मारा है. प्रिया एक शादी शुदा औरत है और उसको एक बच्चा भी है, एक दिन मेरी बीवी ने मुझको कहा की, "प्रिया का कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गयी है क्या तुम कुछ कर सकते हो? प्लेअसे उसकी मदद कर दो." मैभी ऐसे ही मौके की तलाश में था और मैंने फ़ौरन बीवी से बोला, "प्रिय से कहो की अपना कंप्यूटर हमारे घर पर ले आयी, मई कंप्यूटर ठीक कर दूंगा."
एक शाम को प्रिया अपना कंप्यूटर मेरे घर पर ले ई. मैंने उसको जाँच कर पाया की उसके कंप्यूटर में कुछ "बाद सेक्टर" आ गयी हैं. मैंने प्रिया को एह बात बता दी और कहा की कंप्यूटर को फॉर्मेट करना परेगा. प्रिया ने अपनी कंप्यूटर फॉर्मेट करने की सहमती दे दी. मैंने फिर उससे पुचा की कोई इम्पोर्तंत फाइल तो नही है जिसका बच्कुप लेना है. प्रिया बोली की, "कुछ वर्ड फाइल ‘माय दोचुमेंट’ फोल्डर में है. हो सके तो उनका बच्कुप ले ले लीजियेगा." फिर वो टीवी वाले कमरे में मेरी बीवी के साथ जा कर आपस में बातें करने लगी. सुबसे पहले मैंने उसकी कंप्यूटर को मेरे कंप्यूटर के साथ जोर दिया और उसके "माय दोकुमेंट्स’ में से सरे फाइल मेरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर कर दिया. फिर मैंने अपनी उत्सुकता से उसकी कंप्यूटर में कोई सेक्सी मटेरिअल दुधने लगा और मुझको उसकी कंप्यूटर में छुपी फाइलों में कुछ नंगी तस्बीर मिला और साथ में करीब ४०-५० हिन्दी यों कथा’स कहानिया थी. मैंने उन फाइल को भी अपने कंप्यूटर में कॉपी कर लिया और फिर उसकी कंप्यूटर को फॉर्मेट कर दिया. फिर मैंने विण्डो भी कॉपी कर दिया. उसके बाद मैंने उसकी सब फाइल अपने कंप्यूटर से उसके कोम्प्टर पर कॉपी कर दिया और साथ में अपनी कंप्यूटर से मेरे कुछ पोर्नोग्राफिक फाइल और कहानी की फाइल भी कॉपी कर दिया. इन सब कम में मुझको करीब २ घंटे लग गए और इस दौरान प्रिया मेरे बीवी से बातें कर के बिता दिया.
मई सब कम ख़तम करने के बाद प्रिया को बुलाया और अपने कंप्यूटर को चेक करने के लिए कहा. वो मेरे कमरे में मेरी बीवी के साथ आयी और बोली की अगर आप को तसली है तो ठीक ही होगा. तो मैंने कहा हाँ मेरे ख्याल से आपका कंप्यूटर अब बिल्कुल ठीक है और फिर आपको दिक्कत नही देगी. फिर मैंने अपनी बीवी से कंप्यूटर साफ करने से धुल साफ करने के लिए उसकी हेयर द्र्येर लेन को बोला. जैसे ही मेरी बीवी कमरे के बहार गयी, मैंने प्रिया से बोला की आपका वर्ड फाइल सब उसी फोल्डर में है और आपके कंप्यूटर में कुछ तस्बीर भी थी और मैंने उनको भी आपके कंप्यूटर में फिर से कॉपी कर दिया है. फिर मैंने उसके कंप्यूटर पर वो तस्बीर की फाइल खोल दिया. वो उन तस्बीरों को देख कर बहुत हैरान हो गयी और तब मैंने उससे कहा की आपका कोल्लेक्शन बहुत ही अच्छा है, खास कर कहानियो की कोल्लेक्शन. मैंने आपके कंप्यूटर से आपका कोल्लेक्शन मैंने अपने कंप्यूटर पर कॉपी कर लिया है. आशा है की आप बुरा नही मानेगे. मेरे इन सब बैटन को सुन कर वो बहुत ही शर्मा गयी और मेरे से
नज़ारे चुरा नेलगी और अपनी नज़र को झुकाते हुए बोली, "प्लेअसे एह बात आप किसी से भी नही कहेयेगा." उसकी जुबान कुछ लार्खारा रही थी. मैंने उससे कहा, "आप बिल्कुल मत घबरिये. मेरे पास ऐसे बहुत सी तस्बीर और कहानिया है और उनमे से मैंने कुछ आपकी कंप्यूटर में कॉपी कर दिया है." फिर मैंने उसको अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने को कहा. तब प्रिया बोली, "प्लेअसे वो (मेरी बीवी) आ रही है, कोम्पुतीर को बंद कर दीजिये." फिर मैंने कंप्यूटर को धूल हेयर द्र्येर से साफ कर दिया और वो अपनी कंप्यूटर लेके चली गयी. लेकिन उसके जाने से पहले मैंने उसको धीरे से कहा दिया की. "क्या हमलोग अपने कोल्लेक्शन का अदन प्रदान कर सकते हैं? मुझको कहानिया चाहिए और मई आपको तस्बीर दूंगा." वो कुछ बोली नही और चली गयी.
उसके बाद हमारे घर पर करीब एक हफ्ते तक नही आयी. करीब एक हफ्ते के बाद वोहुमारे घर पर आयी. मैंने दरवाजा खोला, लेकिन वो मुझसे बिना नज़ारे मिलाये अन्दर चली गयी और मेरी बीवी के पास बैठ कर उससे बातें करने लगी. कुछ देर के बाद मेरी बीवी मेरे कमरे में आयी और बोली, "प्रिया कह रही है की उसको वगा ड्राईवर की फाइल चाहिए और उसने अपनी एक फ्लोप्प्य दिया है फाइल कॉपी कर देने के लिए" और मेरी बीवी ने हमको एक्फ्लोप्प्य दिया. मई फ़ौरन बात समझ गया और बोला, "उसको रुकने के लिए बोलो और अमी अभी फाइल कॉपी कर देता हूँ." जैसे ही मेरी बीवी बहार गयी, मैंने फ्लोप्प्य को अपने कंप्यूटर से खोला और पाया की उसमे कुछ हिन्दी यों कथा की कहानिया है. मैंने उन कहानियो को अपने कंप्यूटर पर कॉपी कर लिया और मेरे कंप्यूटर पर से कुछ तस्बीर की फाइल प्रिया की फ्लोप्प्य पर भी कॉपी कर दिया. उसके बाद मैंने एक टेक्स्ट फाइल उसके फ्लोप्प्य में बना कर लिखा, "धन्यवाद, मैंने आपकी कहानिया परही. कहानिया बहुत ही अच्छे और सेक्सी थे. आपको तस्बीरें कैसी लगी?" फिर मई मई
उसके पास गया और उसको फ्लोप्प्य दे दिया. वो मेरी तरफ न देखते हुए मुस्कुरा कर मेरे से अपनी फ्लोप्प्य ले ली. इसके बाद बहुत दिनों तक वो हमारे घर पर नही आयी. मेरी बीवी ने मुझसे बोली की प्रिया को फ्लू हो गया है और वो छुट्टी में है. फिर एक दिन सुबह फोन पर हमारे ससुराल में किसी की मरने ख़बर मिला. मेरे ऑफिस में कम के वजह से मुझको छुटी नही मिल सका तो हमलोगों ने एह तै किया की मेरी बीवी अपने बच्चों के साथ अपने मइके चली जायेगी. मई उसी सुबह बीवी और बच्चों को एअरपोर्ट चोरने चला गया और उनके जाने के बाद मई घर वापिस आ गया. हमलोग को सुबह सुबह जाते समय प्रिया ने देख लिया था और जैसे ही हम घर वापस आए वोहुमारे घर पर पुच टाच करने आ गयी.
मैंने दरवाजा खोला और मुझको देखते ही वो शर्मा गयी और अपनी चुन्नी को सर रख लिया. मैंने उसको हेल्लो बोल कर अन्दर आने के लिए बोला. अपने खली घर में प्रिया को अकेली देख कर मेरा लुंड धीरे धीरे खरा होना शुरू हो गया. प्रिये ने मेरी बीवी के बारे में पुची तो मैंने उसको साडी बता बता दी. मेरी बात सुन कर और एह जन कर मेरी बीवी घर पर नही है, वो घबरा गयी और मुझसे बोली, "मई फिर औंगी." फिर उसने मुझको एक फ्लोप्प्य देकर बहर जाने के लिए मुरी. "सुनिए, मुझे इस फ्लोप्प्य से आपकी फाइल मई अभी कॉपी कर लेता हूँ और आपको भी अपने कंप्यूटर से कुछ फाइल कॉपी कर देता हूँ," मैंने उससे बोला. "मई बाद में ले लूंगी" उसने बोली. मई एह मौका चूकना नही चाहता था और उससे पुचा, "आप मुझसे डरती हैं क्या?" "न न नही, असल में मुझे घर में कुछ कम करना है," उसने कही. अब तक सुबह के सरे नौ बज चुके थे और मुझको पता था की उसकी पति और बचा अपने अपने ऑफिस और स्कूल जा चके हैं. "मुझे मालूम है की घर पर कोई कम नही है और आप मुझसे
डर रही हैं," मैंने उससे बोला लेकिन उसने कोई उत्तर नही दिया और अपनी चेहरा दुसरी तरफ घुमा कर हमसे नज़ारे चुराने लगी. "आपके आने के पहले मई ची बना रहा था. चलिए हमलोग साथ बैठ कर ची पिटे हैं और मई फिल्स को कॉपी कर लेट हूँ," और उसके कुछ कहने के पहले मैंने घर का दरवाजा बंद कर दिया और उससे बोला, "आयी बैठेये हम ची लेट हैं और फिर हम मिल कर ची पिटे हैं."
अबतक मई एह समझ गया था की उसको मेरे साथ रहना पसंद है. मई प्रिया को हमारे कमरे में लाया और अपना कंप्यूटर को चालू कर दिया. मैंने उसकी फ्लोप्प्य को अपने कंप्यूटर में चराया और उसमे से कहानिया कॉपी करने लगा. मई उसको एक चेयर दिया और बैठने के लिया कहा. वो कुर्सी पर बैठ गयी. मैंने अपने कंप्यूटर पर अपनी क्स्क्स्क्स कोल्लेक्शन निकला और उससे बोला, "मई ची लेन जा रहा हूँ, तब तक आप अपनी पसंद की फाइल पाने फ्लोप्प्य में कॉपी कर लीजिये." वो शर्मा कर अपनी सर हिला कर अपनी सहमती जताई. मई कमरे के बहार से निकल कर कित्चें में गया और २ कप ची बनने लगा. जब मई ची बना कर वापस आया वो मेरे कंप्यूटर से पिक्चर कॉपी कर रही थी और कोमुप्टर स्क्रीन पर तस्बीर लगी थी. वो जैसे ही हमको देखि उसने जल्दी से तस्बीर बंद करना चाह. चुकी तस्बीर की कॉपी चल रही थी इसलिए तस्बीर बंद न हुई.
वो घबरा गयी और शर्म के मरे फ़ौरन अपने हाथ से अपना चेहरा धक् लिया और और चेरे को दोनों घुटने के बिच छुपा लुया. मई आगे बढ़ कर ची मेज पर रखा और उसके कंधो को पाकर कर उसको कुर्सी से उठाया. वो जोर लगा कर हमारे हाथ हटाना चाहती थी, लेकिन मई भी जोर लगा कर उसको कुर्सी से उठा लिया. वो मेरे सामने अपने हाथों से चेहरा छुपी खरी हो गयी. मई उसको खींच कर अपने पास ले आया और उसको अपने बाँहों में भर लिया. मैंने उसको अपने बाँहों में जाकर कर हाथों को केता गया. उसकी शरीर कंप रही थी और उसकी सांसे उखर रही थी. मिअने उसके गर्दन और कण के पीछे चुम्मा दिया और उसके कण पर मुह लगा कर धीरे से बोला, "प्रिया तुम बहुत ही सुंदर हो. क्या तुम्हे मालूम है की मई हमेशा तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ? तुम मेरे सपनो में हमेशा आती हो और तुम ही मेरे सपनो की रानी हो, मई तुमसे प्यार करता हूँ." इसके साथ मई उसके कण को अपने जीव से चाटना शुरू कर दिया और वो मेरे बाँहों में खरी खरी कंप रही थी. मई उसके चहरे को
अपने हाथों से उप्पेर किया और ओके चहरे से उसकी हाथों को हटाया. वो बहुत शर्मा रही थी, उसके आंख बंद थे और उसकी होंठ आधे खुले थे. मई अपना होंठ उसके होंठों पर रख दिया और उसके मुह में अपना जीव दल दिया और उसको फिर से अपने बाँहों में भर कर भींच लिया. वो अपने चहरे से अपनी हाथों को हटा कर मेरे को जाकर लिया और अपनी जीव मेरे मुह में दल दिया. मई अपना दायां हाथ उसके चुतारों पर ले गा कर उसको मेरे और पास कींच लिया. मेरे लुंड अब तक पुरी तरह से तन्ना गया था और उसकी जांघों के अन्दर घुसना चाह रहा था. वो मेरे जीव को अपने दातों टेल हल्का सा कट लिया और अपने होंठ मेरे होंतो से हटा कर मेरे गर्दन पर कट लिया और कम्प्ती हुए आवाज में बोली, "अगर तुम्हारे बीवी को एह बात चल गे तो?" मई उसके गालो को चुमते हुए बोला, "हमलोग एह बात किसी से भी नही कहेंगे, प्रिया मई तुमको दिल से प्यार करता हूँ." मई अब फिर से उसके मुह में अपना जीव दल दिया और वो मेरे जीव को चूसने लगी. थोरी देर मेरे जीव को चूसने के बाद वो मुझसे बोली,
"हाँ, मई भी तुमको अपने दिल से प्यार करती हूँ."
"तुम मुझसे क्यों डरती हो" मैंने उससे पुचा. "मुझे मौल्म नही" उसने उत्तर दिया. मई अपना दायां हाथ उसके चुन्ची पर रखते हुए बोला, "मुझे मालूम है, तुम मुझसे क्यों डरती हो. तुम्हे डर इस बात का है मई तुमको छोड़ दूंगा." मई कुछ चुप रहने के बाद उससे बोला, "क्या मई सही बोल रहा हूँ?" वो एक लम्बी साँस लेने के बाद अपना सर हिला हाँ बोली. "क्या मई तुमको छोड़ सकता हूँ?" मैंने उससे बोला और उसकी चुन्ची को जोर से दबा दिया. वो एक सिसकारी मार्के मुझसे बोली, "नही तुम मुझको नही छोड़ सकते." मई उसकी चुंचे और जोर से दबा कर पुचा, "क्यों? मई क्यों नही तुम्हे छोड़ सकता?" प्रिया ने तब मेरे कण अपने मुह में ले कर हलके दंत लगाया और धीरे से बोली, "जरा धीरे से दबाना, मुझको दर्द हो रहा है." "मई तुम्हे क्यों नही छोड़ सकता?" मैंने फिरे से पुचा." "क्योंकि तुम मेरे पति नही हो, सिर्फ़ पति ही अपनी बीवी को छोड़ सकता है," वो अपने सेक्सी आवाज में मुझसे बोली. मई अपना हाथ उसके ब्लौसे के ले जा कर उसके चुन्ची को पाकर कर मसलना शुरू किया. उसकी
चुन्ची बहुत सख्त थी और उसकी निप्प्ले खरी खरी थी. "है मेरी जन! पयार करने वाले शादी के बिना भी चुदाई कर सकते हैं," मैंने उसकी चुन्ची मसलते हुए बोला. "लेकिन एह पाप है" उसने उत्तर दिया. मई उसकी निप्प्ले अपने उंगली के बिच ले कर मसलते हुए बोला, "एह पाप करने में बहुत मज़ा है, मेरी जन प्लेअसे मुझे छोड़ने दो. प्लेअसे छोड़ने दो न" और मई उसकी चुन्ची को कास कर दबाते हुए उसकी होठों को पागलों की तरह चूमने लगा. उसने कोई उत्तर दी बजे मेरे मुह में अपनी जीव दल दी. मई उसकी जीव को थोरी देर के लिए चूसा और फिर बोला, "प्रिया मेरा लुंड को अपने हाथों में पाकर कर देखो की वो कैसे तुम्हारे छूट में घुसने के लिए पागल हो रहा है" और इतना कहने के बाद मैंने अपना पैंट उतर दिया. पहले तो प्रिया कुछ सकपकाई लेकिन थोरी देर के बाद उसने मेरा लुंड को अपने हाथों से पाकर लिया. वो जैसे मेरा लुंड अपने हाथों से पाकर, उसकी कंप कम्पी छुट गयी और मुझको अपने दुसरे हाथ से बंधते हुए बोली, "एह तो बहुत ही लुम्बा और मोटा लुंड है. मई अब
तक इतना बार और मोटा लुंड नही एख है." वो मेरे लुंड अपने एक हाथ से पाकर कर मरोरने लगी और फिर धीरे से बोली, "मेरी छूट भी इस लुंड की लिए बेकरार है. अब जल्दी से मुझको छोड़ो." फिर उसने मेरे लुंड पर से अपनी हाथ हटा कर मेरा शर्ट उतरना शुरू कर दिया. मैंने उसको मेरी शर्ट उतरने में मदद दिया. फिर उसने मेरा पन्त और उस्देर्वेअर भी उतर कर मुझको पुरी तरह से नंगा कर दिया. तब मैंने उसकी ब्लौसे और ब्रा उतर दिया और उसकी चुन्ची को नंगी कर दिया. फिर मैंने उसकी सारी और पेट्तिकोअत और पैंटी भी उतर दिया. अब वो भी मेरे सामने पुरी तरह से नंगी खरी थी. उसने मेरे लुंड को फिर से अपने हाथों से पाकर लिया और मेरे लुंड अपनी छूट की तरफ़ किच्नी लगी. मई भी अब इसकी छूट को अपने हाथों में ले कर मसलने लगा. उसकी छूट पर झांटे बहुत ही सुंदर तरीके से बनी हुई थी और इस समय उसकी छूट में से हलकी हलकी लिस लिसा सा पानी निकल रहा था. मई उसकी हूट में पानी दो उंगली एक साथ दल दिया और उंगली उसकी छूट के अन्दर बहार
करने लगा. मेरे उंगली की चुदाई से वो बहुत ही गर्न गयी और बर्बराने लगी, "है, मेरे रजा, मेरे छूट को तुम्हारा लुंड की जरूरत है. तुम अपनी उंगली मेरे छूट से हटा कर उसमे अपना लुंड घुसेर दो. मेरे छोट को अपना लुंड से भर दो. मई चुदास के मरे मारी जा रही हूँ. जल्दी से मुझको बिस्टर पर दल, मेरे पैरों को अपने कन्धों पर रख कर मेरी छूट की चुदाई कर दो. जल्दे से मुझको अपना लुंड मेरी छूट को खिलाओ और रगर कर छोड़ो मुझे."
मई उसकी चुतर पर हाथ रख कर उसको अपने बाँहों में उठा लिया और उसको बिस्टर पर दल दिया. बिस्टर पर डालने के बाद मई उसकी एक चुन्ची को अपने मुह में भर कर चुसना शुरू किया और दुसरी चुन्ची को अपने हाथों से मसलने लगा. प्रिया तब मेरे चहरे को अपने हाथों से अपने चुन्ची पर दबाने लगी. मई करीब १०-१५ मिनुतेस तक उसकी चुन्ची चुस्त रहा और इस दौरान प्रिया मेरे से उसकी छूट में लुंड डालने को कहती रही. फिर मई धीरे धीरे उसकी पेट कहते हुए उसकी छूट पर अपना मुह ले गया. प्रिया अपने छूट पर मेरा मुह जाते ही अपनी टांगो को फिला कर पाने हाथों से पाकर लिया. मई उसकी छूट की चुम्मा लेने लगा. फिर मई उसकी छूट पर अपना जीव घुसा कर उसकी छूट चूसने लगा. उसकी छूट के अन्दर मेरा जीव घुसते ही उसने मेरे चहरे को अपनी छूट पर दबा लिए और अपनी कमर उठा उठा कर अपनी छूट हमसे चुस्वाने लगी. फिर थोरी देर के बाद वो मुझसे बोली, "जल्दी से तुम ६९ पोसिशन में लेटो, मुझको भी तुम्हारा लुंड चुसना है." एह सुन कर मई उससे बोला, "एह तो
बहुत ही अच्छी बात है, लो मई अभी तुमको मेरा लुंड चूसने के लिए देता हूँ," और मई तुंरत ही ६९ पोसिशन में उसके उपर लेट गया. अब मेरे आँखों के सामने उसकी चमकती हुए छूट बिल्कुल खुली हुई थी. मैंने अपना जीव उसके छूट के अन्दर तक घुसेर दिया और उसकी छूट से निकल रही मीठा मीठा रूस को अपने जीव से चूस चूस कर पिने लगा. उधर प्रिया भी मेरे लुंड को अपने रसीली होठों में भर कर चूस रही थी. मैंने अपना कमर को हिला करापना पुरा का पुरा खरा लुंड उसके मुह में घुसेर दिया. थोरी देर तक मई उसकी छूट को अन्दर और बहार से छठा और चूसा. अपनी छूट चुसी से प्रिया की छूट दो बार चोर चुकी थे जिसको मई बारे ही चब से चाट चाट कर पी गया. इस समय प्रिया एक खेली खाई रंडी की तरह से मेरा लुंड अपने मुंह में भर कर चूस रही थी और मई भी अपना कमर हिला कर अपना लुंड उसको चुसवा रहा था. हम लोग इसी तरह काफी देर तक एक दुसरे का छूट और छूट को चूसते रहे. फिर मुझे लगा की मेरा पानी कह्टने वाला है और एह बात मैंने प्रिया से
बताया और कहा की मेरा लुंड अपने मुंह से नक़ल दो. लेकिन उसने मेरे चुतर को जर डर तरीके से पाकर लिया और मेरे लुंड अपने दातों से हलके हलके काटने लगी. इस से मेरा गर्मी और बढ़ गया और जिस समय मेरा लुंड उसकी मुंह के अन्दर था उसने उलटी कर दिया और उसकी मुंह को अपने पानी से भर दिया. वो मेरा लुंड अपने मुंह से बिना निकले ही मेरा लुंड का पानी पी गयी और मेरा लुंड को अपने जीव से चाट चाट कर साफ कर दिया.