Monday, June 29, 2009

डॉक्टर साहिब : एक रसीली असली कथा

म्ब्ब्स की डिग्री मिलते ही मेरी पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के एक गाँव में हो गयी.
गाँव के बहार मेरा बंगलो था.
राजन बड़ा सुखा सा मरियल सा लड़का था. मुझे तो उसके मर्द होने पर भी शक था. और ये बात सच निकली करीब करीब. उनकी शादी के साल भर बाद एक दिन थाकुरें मेरे घर पर आई. उसने मुझे कहा की उसे बड़ी चिंता हो रही है की बहु को कुछ बच्चा वगेरह नहीं हो रहा. उसने मुझसे पूछा की क्या प्रॉब्लम हो सकता है. लड़का बहु उसे कुछ बताते नहीं हैं और उसे शक है की बहु कहीं बाँझ तो नहीं.
मैंने उसे धधास दिया और कहा की वो लड़का -बहु को मेरे पास भेज दे तो मैं देख लूँगा की क्या प्रॉब्लम है. उसने मुझसे आग्रह किया मैं ये बात गुप्त रखूँ, घर की इज्जत का मामला है. फिर एक रात करीब शाम को वे दोनों आए. रज्जन और उसकी बहु. देखते ही लगता था की बेचारी गोरी के साथ बड़ा अन्याय हुआ है. कहाँ वो लम्बी, लचीली एकदम गोरी लड़की. भरे पुरे बदन की बाला की खूबसोरत लड़की और कहाँ वो राजन, कला कलूटा मरियल सा. मुझे राजन की किस्मत पर बड़ा रंज हुआ. वे धीरे धीरे अक्सर इलाज करवाने मेरे क्लीनिक पर आने लगे और साथ साथ मुझसे खुलते गए. राजन बड़ा नरम दिल इंसान था. अपनी बाला की खूबसूरत बीवी को जरा सा भी दुःख देना उसे मंजूर न था.
उसने दबी जुबान से स्वीकार किया एक दिन की अभी तक वो अपनी बीवी को छोड़ नहीं पाया है. मैं समझ गया की क्यों बछा नहीं हो रहा है. जब गोरी अभी तक वर्जिन ही है तो, सहसा मेरे मन मैं एक ख्याल आया और मुझे मेरी दबी हुई हसरत पुरी करने का एक हसीं मौका दिखा. गोरी का कौमार्य लुटने का. दरअसल जब जब राजन गोरी के सुंदर नंगे जिस्म को देखता था अपने ऊपर काबू नहीं रख पता था और इस'से पहले की गोरी सेक्स के लिए तैयार हो राजन उसपर टूट पड़ता था.
नतीजा ये की लुंड घुसाने की कोशिश करता था तो गोरी दर्द से चिल्लाने लगती थी और गोरी को ये सब बड़ा तकलीफ वाला मालूम होता था. उसे चिल्लाते देख बेचारा राजन सब्र कर लेता था फिर. दुसरे राजन इतना कुरूप सा था की उसे देख कर गोरी बुझ सी जाती थी. साडी समयसा जानने के बाद मैंने अपना जाल बिछाया. मैंने एक दिन थाकुरें और राजन को बुलाया. उन्हें बताया की खराबी उनके बेटे मैं नहीं बल्कि बहु मैं है. और उसका इलाज करना होगा. छोटा सा ऑपरेशन. बस बहु ठीक हो जायेगी. बुधिया तो खुस हो गई पर बेटे ने बाद मैं पूछा,
डॉक्टर साहब. आख़िर क्या ऑपरेशन करना होगा?
हाँ राजन तुम्हें बताना जरूरी है. नहीं तो बाद मैं तुम कुछ और सम'झोगे.
हाँ हाँ बोलिए न डॉक्टर साहब. देखो राजन. तुम्हारी बीवी का गुप्तांग थोड़ा सा खोलना होगा ऑपरेशन करके. तभी तुम उस'से सम्भोग कर पऊगे और वो मान बन सकेगी. क्या? पर क्या ये ऑपरेशन आप करेंगे. मतलब मेरी बीवी को आपके सामने नंगा लेटना पड़ेगा? हाँ ये मजबूरी तो है.
गोरी को मेरे घर आए एक दिन बीत चुका था.क्लीनिक बंद करके मैंने उस'से कहा की वो अन्दर मेरे घर मैं आ जाए. देखो गोरी मैं जनता हूँ की जो बातें मैं तुमसे करने जा रहा हूँ वो मुझे तुम्हारे पति की अनुपस्थिति मैं शायद नहीं करनी चाहिए, पर तुम्हारे केस को समझाने के लिए और इलाज के लिए मेरा जन'न जरूरी है और अकेले मैं मुझे लगता है की तुम सच सच बताओगी. मैं जो पूछूं उसका ठीक ठीक जवाब देना. तुम्हारे पति ने मुझे सब बताया है. और उसने ये भी बताया है की क्यों तुम दोनों का बचा नहीं हो रहा. क्या बताया उनहोंने डॉक्टर साहब? राजन कहता है की तुम मान बन्ने के काबिल ही नहीं हो. वो तो डॉक्टर साहब वो मुझसे भी कहते हैं! और जब मैं नहीं मानती तो उन्होंने मुझे मारा भी है एक दो बार. तो तुम्हें क्या लगता है की तुम मान बन सकती हो?
हाँ डॉक्टर साहब. मेरे मैं कोई कमी नहीं. मैं बन सकती हूँ. तो क्या राजन मैं कुछ खराबी है? हाँ डॉक्टर साहब. क्या? साहब वो. वो. उनसे होता नहीं. क्या नहीं होता राजन से. वो साहब. वो. हाँ. हाँ. बोलो गोरी. देखो मुझसे कुछ छुपाओ मत. मैं डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से कुछ छुपाना नहीं चाहिए. डॉक्टर साहब. मुझे शर्म आती है. कहते हुए. आप पराये मर्द हैं न. मैं उठा. कमरे का दरवाजा बंद करके खिड़की मैं भी चिटकनी लगा के मैंने कहा, लो अब मेरे आलावा कोई सुन भी नहीं सकता. और मुझसे तो शर्मो मत. हो सकता है तुम्हारा इलाज करने के लिए मुझे तुम्हें नंगा भी करना पड़े. तुम्हारी सास और पति से भी मैंने कह दिया है और उन्होंने कहा है की मैं कुछ भी करून पर उनके खंडन को बछा दे दूँ. इसलिए मुझसे मत शर्मो. डॉक्टर साहब वो मेरे साथ कुछ कर नहीं पाते.
क्या? मैंने अनजान बन'ते हुए कहा. मुझे गोरी से बात कर'ने में बड़ा मजा आ रहा था. मैं उस अल्हर गाँव की युवती को कुछ भी कर'ने से पह'ले पूरा खोल लेना चाह'ता था. वो. वो मेरे साथ. मेरी योनी मैं. दल नहीं पाते. ऊह्हू. यूँ कहो न की वो मेरे साथ सम्भोग नहीं कर पाते. हाँ. राजन कह रहा था. की तुम्हारी योनी बहुत संकरी है. तो क्या आजतक उसने खाभी भी तुम्हारी योनी मैं नहीं घुसाया? नहीं डॉक्टर साहब. नजर झुकाए ही वो बोली. तो क्या तुम अभी तक कुंवारी ही हो. तुम्हारी शादी को तो साल ब्भर से ज्यादा हो चुका है. हाँ साहब. वो कर ही नहीं सकते. मैं तो तड़प'टी ही रह जाती हूँ. यह कह'ते कह'ते गोरी रूवांसी हो उठी. पर वो तो कहता है की तुम सह नहीं पति हो. और चीखने लगती हो. चिलाने लगती हो. साहब वो तो हर लड़की पहली बार. पर मरद को चाहिए की वो एक न सुने और अपना काम करता रहे. पर ये तो कर ही नहीं सकते इनके उसमें ताक़त ही नहीं हैं इतनी. सूखे से तो हैं. पर वो तो कहता है की तुमको सम्भोग की आच्छा ही नहीं होती. झूट बोलते हैं साहब. किस लड़की की आच्छा नहीं होती की कोई बलिष्ठ मरद आए और उसे लूट ले पर उन्हें देख कर मेरी साडी आच्छा ख़तम हो जाती है. पर गोरी मैंने तो उसका. कम अंग देखा है. ठीक ही है. वो सम्भोग कर तो सकता है. कहीं तुम्हारी योनी मैं ही तो कुछ समस्या नहीं.
डॉक्टर से शर्मोगी तो इलाज कैसे होगा? वो लेट गई. मैंने उसे सारी उतरने मैं मदद की. एक खूबसोरत जिस्म मेरे सामने सिर्फ़ ब्लौसे और पेतिको़त मैं था. लेता हुआ वो भी मेरे बिस्तर पर. मेरे लुंड मैं हलचल होने लगी. मैंने उसका पेतिको़त थोड़ा ऊपर को सरकाया और अपना एक हाथ उंदर डाला. वो उंदर नंगी थी. एक ऊँगली से उसकी छुट को सहलाया. वो सिसकी. और आपनी झांघाओं से मेरे हाथ पर हल्का सा दबाव डाला. उसकी छूट के होंट बड़े टाइट थे. मैंने दरार पर ऊँगली घुमाने के बाद अचानक ऊँगली उंदर घुसा दी. वो उछली. हलकी सी. एक सिसकारी उसके होंठों से निकली. थोडी मुश्किल के बाद ऊँगली तो घुसी. फिर मैंने ऊँगली थोडी उंदर भहर की. वो भी साल भर से तड़प रही थी. मेरी इस हरकत ने उसे थोड़ा गर्मी दे दी. इसी बीच एक ऊँगली से उसे छोड़ते हुए मैंने बाकि उँगलियाँ उसकी छुट से गांड के छेड़ तक के रस्ते पर फिरनी सुरु कर दी थी.
कैसा महसूस हो रहा है. अच्छा लग रहा है? हाँ डॉक्टर साहब. तुम्हारा पति ऐसा करता था. तुम्हारी योनी मैं इस तरह अंगुल दाल'ता था? णाआअह्ह्हीइन्न्न. डोक्क्त्तूऊओर्र्र स्स्सहाब्ब्ब. गोरी अब छटपटाने लगी थी. उसकी आँखें लाल हो उठी थी. अगर तुम्हारे साथ सम्भोग करने से पहले तुम्हारा पति ऐसा करे तो तुम्हें अच्छा लगेगा? हान्न्न्न. वे तो कुछ जान'ते ही नहीं और सारा दोष मेरे माथे पर ही मध् रहे हैं. अगली बार जब अपने पति के पास जन तो यहाँ. योनी पर एक भी बल नहीं रखना. तुम्हारे पति को बहुत अच्छा लगेगा. और वो जरूर तुम पर चढेगा. अच्छा डॉक्टर साहब. जाओ उधर बाथरूम मैं सब काट कर आओ. वह राजोर रखा है. जानती हो न. कैसे करना है. सम्भोग कर'ने से पह'ले इसे सजा कर एपी'ने पति के साम'ने कर'न चाहिए. मैंने गोरी की छूट को खोद'ते हुए उस'की आंखों में आँखें दाल कहा. हाँ. डॉक्टर साहब. लेकिन उन्होंने तो कभी भी मुझे बाल साफ कर'ने के लिए नहीं कहा. गोरी ने धीरे से कहा. वो गई और थोडी देर मैं वापस मेरे बेडरूम मैं आ गई. हो गया. तो तुम्हें राजोर इस्तेमाल करना आता है. कहीं उस नाजुक जगह को काट तो नहीं बैठी हो? मैंने पुछा. जी जी कर दिया. शादी से पहले मैंने कई बार राजोर पह'ले भी इस्तेमाल किया है.
अच्छा आओ फिर यहाँ लेट जाओ. वो आई और लेट गई. फिच्ली बार से इस बार प्रतिरोध कम था. मैंने उसके पेतिको़त का नाडा पकड़ा और खींचना सुरु किया. पेतिको़त खुल गया. उसकी कमर मुश्किल से १८-१९ इंच रही होगी. और हिप्स साइज़ करीब. ३७ इनचेस. झांघाओं पर खूब मांसलता थी. गोलाई और मादकता. विशाल पुट्ठे. इस सुंदर कामुक दृश्य ने मेरा स्वागत किया. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. डॉक्टर साहब. ये क्या कर रहे हैं. एपी तो मुझे नंगी कर रहे हैं?
अरे देख तो लूँ तुमने बल ठीक से साफ़ किए भी की नहीं. और बल काटने के बाद वहां पर एक क्रीम भी लगनी है. अब इस'से पहले वो कुछ बोलती. मैंने उसका पेतिको़त घुटनों से नीचे तक खींच लिया था. अति सुंदर. बाला की कामुक. तुम बहुत खूबसोरत हो गोरी. मैंने थोड़ा सहस के साथ कह डाला. उसकी तारीफ़ ने उसके हाथों के जोर को थोड़ा कम कर दिया. और उसका फायदा उठाते हुए मैंने पुरा पेतिको़त खींच डाला और दूर कुर्सी पर फ़ेंक दिया. यकीन मानिये एइसा लगा की अभी उसपर चढ़ जाऊं. वो पतला सपाट पेट. छोटी सी कमर पर वो विशाल नितम्ब. वो टाइट वीनस माउंट. सिर्फ़ एक ब्लौसे पीस मैं रह गया था उसका बदन. भरपूर नजरों से देखा मैंने उसका बदन. उसने शर्म के मरे अपनी आंखों पर हाथ रख लिया और तुंरत पेट के बल हो गई ताकि मैं उस'की छूट न देख सकूं. शायद छुट दिखाने मैं शर्मा रही थी. जरा पलटो गोरी. शर्म नहीं कर'ते. फिर तुम आईटी'नी सुंदर हो की तुम्हें तो एपी'ने इस मस्त बदन पर गर्व होना चाहिए. नहीं डॉक्टर साहब. पराये मर्द के साम'ने में मुझे बहुत शर्म आ रही है. पलटो न गोरी. कहकर मैंने उसके पुट्ठों पर हाथ रखा और बल पूर्वक उसे पलता. दो कुऊब्सुरत झांघाओं के बीच मैं वो कुंवारी छुट चमक उठी. गोरे गोरे. दोनों छूट की पंखुडियां फड़क सी रही थी. शायद उन्होंने भांप लिया था की किसी मस्त से लुंड को उनकी खूसबू लग गई है. उसकी छुट पर थोडी सी लाली भी छाई थी.
इधर मेरे लुंड मैं भूचाल सा आ रहा था. और मेरे अंडरवियर के लिए मेरे लुंड को कंट्रोल मैं रखना मुश्किल सा हो रहा था. फिर भी मेरे टाइट अंडरवियर ने मेरे लुंड को छिपा रखा था. आब मैंने उसकी छुट पर उंगलिया फिरे और पुछा. गोरी क्या राजन. तुमें यहाँ पर मेरा मतलब तुम्हारी योनी पर चूमता है? नहीं साहब. यहाँ छी यहाँ कैसे चूमेंगे? तुम्हारे इन पुट्ठों पर. मैंने उसके बुमस पर हाथ रख कर पूछा. नहीं डॉक्टर साहब आप कैसी बातें कर रहे हैं. अब उसकी आवाज़ मैं एक नशा एक मादकता सी आ गई थी. चुदने के लिए तैयार एक गरम युवती की सी. वो कहाँ कहाँ चूमता है तुम्हें? जी. यहाँ पर. उसने आपने चूची की तरफ़. इशारा किया. जो इस गरम होते माहौल की खुसबू से साइज़ मैं काफी बड़े हो गए थे और लगता था की जल्दी उनको बहार नहीं निकला तो ब्लौसे फट जाएगा. उसने कोई ब्रा भी नहीं पहनी थी.
मैं बिस्तर पर चढ़ गया मैंने दोनों हथेलियाँ उसके दोनों मुम्मों पर राखी और उन्हें कामुक अंदाज मैं मसलना सुरु किया. वो तड़पने लगी. दोक्टोर्र्र्र. स्साह्ह्हाब. क्या कर रहें है आप. यह कैसा इलाज आप कर रहे हैं? कैसा लग रहा है गोरी? मुझे अच्छी तरह से देख'न होगा की राजन ठीक कहता है या नहीं. वह कहता है तुम हाथ लगाते ही ऐसे चीख'ने लग जाती हो. बहुत आछा लग रहा है साहब. पर आप से यह सब कर'वाना क्या अच्छी बात है? और दाबून? मैंने गोरी की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसकी मस्त चूचियां दबानी जारी राखी. हाँ. एपी'का इनको हलके हलके दबाना बहुत अच्छा लग रहा है. राजन भी ऐसे ही मसलता है. तेरे इन खूबसोरत स्तनों को. नहीं साहब आपके हाथों मैं मर्दानी पकड़ है. मैंने उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया. बूब्स के भर से अचानक उसका ब्लौसे फट गया. और वो कसे कसे दूध बहार को उचल कर आ गए. वह क्या खूबसूरत कामुक आपसरा बैठी थी मेरे सामने एकदम नग्न. ३६-१८-३७ एकदम दूध की तरह गोरी. बाला की कमसिन. मुझसे रुकना मुश्किल हो रहा था.
आब मैंने बलात उसके मुख को पकड़ उसके हूनथो को चुसना सुरु कर दिया. इस'से पहले वो कुछ समझ पति उसके होंठ मेरे होंठो को जकड मैं थे. मेरे एक हाथ ने उसके पुरे बदन को मेरे शरीर से चिपटा लिया था. और दुसरे हाथ ने जबरदस्ती. उसकी झांघाओं के बीच से जगह बना कर उसके गुप्तांग मैं ऊँगली दाल दी थी. उसके क्लिटोरिस पर मैंने जबरदस्त मसाज़ की. उसके पुत्ते उठाने लगे थे. वो मतवाली हो उठी थी. मैंने हूनथो को चूमा. कभी राजन ने इस तरह किया तेरे साथ. सच कहना गोरी? नहीं डॉक्टर साहब. वह तो सीधे ऊपर चढ़ जाते हैं और थोड़ी देर हिल'के सुस्त पड़ जाते हैं. यही तो मुझे देख'न है गोरी. राजन कह रहा था तुम चिल्लाने लग जाती हो? बहुत अच्छा. पर अब. जाँच पड़ताल ख़तम हो गई क्या डॉक्टर साहब? आप और क्या क्या करेंगे मेरे साथ?
आब मैं वही करूंगा जो एक जवान शक्तिशाली मरद को, एक सुंदर कामुक खूबसोरत बदन वाली जवान युवती, जो बिस्तर पर नंगी पड़ी हो, के साथ करना चाहिए. तेरा बदन वैसे भी एक साल से तड़प रहा है. तेरा कौमार्य टूटने के लिए बेताब है. और आज ये मरदाना काम. मेरा काम अंग करेगा रात भर इस बिस्तर पर. मेरी ऊँगली जो अभी भी उसकी छूट मैं थी. ने अचानक एक जलजला सा महसूस किया. ये उसका योनी रस था. जो योनी को सम्भोग के लिए तैयार होने मैं मदद करता है. मेरी ऊँगली पुरी भीग गई थी और रस छूट के बहार बहकर झांघाऊँ को भी भिगो रहा था. मेरी बात सुनकर उसके बदन मैं एक तड़प सी हुई चूतर ऊपर को उठे और उसके मुहँ से एक सिसकी भरी चीख निकल पड़ी. बाद मैं थोड़ा संयत होकर गोरी बोली. डॉक्टर साहब. पर इससे मैं रुसवा हो जाओंगी. मेरा मर्द मुझे घर से निकल देगा यदि उसे पता चला की मैं आप के साथ सोई थी. आप मुझे जाने दीजिये. मुझे माफ़ कीजिए.
तू मुझे मरद समझती है. तो मुझ पर भरोसा रख. मैं आज तुझे भरपूर जवानी का सुख ही नहीं दूँगा. बल्कि तुझे हर मुसीबत से बचूंगा. तेरा मरद तुझे और भी खुशी खुशी रखेगा. वो कैसे डॉक्टर साहब?
क्योंकि आज के बाद जब वो तुझ पर चढेगा वो तेरे साथ सम्भोग कर सकेगा. जो काम वो आजतक नहीं कर पाया तुम दोनों की शादी के बाद आब कर सकेगा. और तब तू उसके बच्चे की मान भी बन जायेगी. पर कैसे डॉक्टर साहब. कैसे होगा ये चमत्कार. साहब? गोरी. प्यारी. मैंने उसकी फटी चोली अलग करते हुए और उसके बूब्स को मसलना सुरु करते हुई कहा. तेरी योनी का द्वार बंद है. उसे आज मैं आपने प्रचंड भीषण लुंड से खोल दूँगा ताकि तेरा पति फिर आपना लुंड उसमें घुसा सके और आपना वीर्य उसमें दाल सके जिससे तू मान बन सकेगी. मेरे मसलने से उसके बूब्स बड़े बड़े होने लगे थे और कठोर भी. उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़. क्या लगती थी वो आपनी पुरी नग्नता मैं. उन सॉलिड बूब्स पर वो गोल छोटी चुचिया भी बहुत बेचें कर रही थी मुझे. उसका पुरा बदन आब बुरी तरह तड़प रहा था. नशीले बदन पर पसीने की हलकी छोटी बूंदें भी उभर आई थी. मेरा लुंड बहुत ही तूफानी हो रहा था और आब उसके आजाद होने का वक्त आ गया था.
डॉक्टर साहब मुझे बहुत डर लग रहा है. मेरी इज्जत से मत खेलिए न. जाने दीजिये. मेरा बदन. ऊऊऊईईईमाअ. मुझ पर यकीन करो गोरी. ये एक मरद का वडा है तुझसे. मैं सब देख लूँगा. तेरा बदन तड़प रहा है गोरी. एक मरद के लिए. तेरी छूट का बहता पानी. तेरे कसते हुई बूब्स साफ़ कह रहे हैं की आब तुझे सम्भोग चाहिए. साहब. हाँ. गोरी मेरी रानी. बोल. मैं मान बनूंगी न. हाँ. मेरा मरद मुझे आपने साथ रख लेगा न. मुझे मरेगा तो नहीं न. हाँ. गोरी. तू बिल्कुल चिंता न कर.. तो साहब फिर आपनी फीस ले लो आज रात. मेरी जवानी आपकी है. ओह. मेरी गोरी. आ. जा. और हम दोनों फिर लिपट गए. मेरा लुंड विशाल हो उठा. डॉक्टर साहब बहुत प्यासी हूँ. आज तक किसी मर्द ने नहीं सींचा मुझे. मेरे तन बदन की आग बुझा दो साहब..
तो फिर आ मेरी झांघाऊँ पर रख दे अपने चुत्तर और लिप्त जा मेरे बदन से. थोडी देर बाद मेरे हाथ मेरी कमीज के बटनों से खेल रहे थे. कमीज उतारी. फिर मेरी पन्त. गोरी की नजर मेरे बदन को घुर रही थी. मेरा अंडरवियर इससे पहले फट जाता मैंने उसे उतर डाला. और फिर ज्यों ही मैं सीधा हुआ. मेरे लुंड ने आपनी पुरी खूब्सोरती से अपने शिकार को पुरा तानकर उठाकर सलाम किया. आपने पुरी १२" लम्बाई और बड़े टमाटर जितने लाल हेड के साथ. गोरी बड़े जोर से चीखी. और बिस्तर से उठकर नंगी ही दरवाजे की तरफ़ भागी. क्या हुआ गोरी? मैं घबरा गया. मैं ताना हुआ लुंड लेकर उसकी तरफ़ दौड़ा. नही मुझे कुछ भी नहीं कर'वाना. णहीईए मुझ... मुझे जा.... जाने दो.गोरी फिर चीखी. क्या हुआ गोरी? लेकिन मैं उसकी तरफ़ बढता ही रहा. साहब आपका ये लू. लूंनद. ये लुंड तो बहुत बड़ा और मोटा है. ब्बाप्प्र्रीए बाप. यह तो गधे के जैसा है. नहीं यह तो मुझे चीर देगा. आओ गोरी. घबराऊ मत. असली मोटे और मजबूत लुंड ही योनी को चीर पाते हैं. गौर से देखो इसे छूकर देखो. इस'से प्यार करो और फिर देखो ये तुम्हें कित'न पागल कर देगा. डॉक्टर साहब. है तो बड़ा ही प्यारा. और बेहद सुंदर मुस्तांद सा. मेरा तो देखते ही इसे चूमने का मन कर रहा है. ऊउफ्फ्फ्फ़. कितना बड़ा है. पर साहब ये मेरी छूट मैं कैसे घुस पायेगा इतना मोटा. मैं तो मर जाऊंगी. राजन का लुंड तो इसके सामने बहुत छोटा है जब वो ही नहीं जाता तो. ये कैसे.
यही तो मरद की सम्भोग कला कौशूल होता है मेरी रानी. छूट खोलना और उसे ढंग से चोदना. हर मरद के बस की बात नहीं. वो भी तेरी छूट जैसी. कुंवारी. करारी. तू डर मत सुरु मैं थोड़ा सह लेना बस फिर देखना तू चुद्वाते चुद्वाते थक जायेगी पर तेरा मन नहीं भरेगा. चल अब आ जा मेरी जान. अब और सहा नहीं जा रहा. मेरे लुंड से खेलो मेरी रानी. कह कर मैंने उसे उठा लिया बाँहों मैं. और बिस्तर पर लिटा दिया. उसकी छूट ही नहीं बल्कि घुटनों तक झांघा भी भीग चुकी थी. बूब्स एकदम सॉलिड और बड़े बड़े हो गए थे. साँस के साथ ऊपर नीचे. साँस जोर जोर से चल रही थी.
मैं बिस्तर पर चढा और उसके पेट पर बैठ गया. उन्नत उठे बूब्स के बीच मैं मैंने आपने लंबे खड़े लुंड तो बिठा दिया और दोनों बूब्स हथेली से दबा दिए. मेरा लुंड बूब्स के बीच मैं फँस गया. उँगलियों से बूब्स के निप्प्ले रगड़ते हुए मैं बूब्स को मसलने लगा और लुंड से उसके संकरे क्लेवागे को फुक्क करने लगा. उप स्ट्रोक मैं लुंड का लाल हेड नंगा होकर उसके लिप्स से तौच करता और डाउन स्ट्रोक मैं वल्ली की चुदाई. उतेजना मैं आकर गोरी ने ज्यों ही चिल्लाने के लिए लिप्स खोले ही थे की मेरे लुंड का हेड उसमें जाकर अटक गया और वो गो. गो. गू. गूओ. की आवाज़ करने लगी.
मैंने और जोर लगाया ऊपर को तो लगभग आगे से २ -३ इंच लुंड उसके मुंह मैं घुस गया. थोडी देर की कशमकश के बाद मोशन सेट हो गया. और मैं जैसे स्वर्ग मैं था. लुंड ने स्पीड पकड़ ली थी. गोरी के मुंह भी हेड को मस्त चूस रहा था. और शाफ्ट उंदर तक जा कर उसके गले तक हित कर रही थी. बूओब्स बड़े विशाल हो गए थे. आब मैं हल्का सा उठ कर आगे को सरका और गोरी के बूब्स पर बैठ गया. और मैंने जितना पोस्सिब्ले था लुंड उसके मुंह मैं घुसा दिया. मेरी झांघाओं के बीच कसा उसका पुरा बदन जैसे बिना पानी की मछली की तरह तड़प रहा था.
थोडी देर के बाद मैंने लुंड को निकला और आब गोरी ने मेरे दोनों एग्गस बराबर तेस्तिक्लेस को चाटना सुरु किया. बीच मई वो पुरे एक फुट लंबे लुंड पर आपनी जीभ फिरती तो कभी सुपदे को चाट लेती. थोडी देर के बाद मैंने ६९ की पोसिशन ले ली तो उसे मेरे कम अंगो और आस पास के एरिया की पुरी एक्सेस मिल गई अब वो मेरे चुत्तर भी चाटने लगी. मैंने भी गांड का छेड़ उसके मुंह पर रख दिया. उसने बड़े प्यार से मेरे चुत्तर को हाथों मैं लिया और मेरी गांड के छेड़ पर जीभ से छठा. इस बीच मैंने भी उसकी छूट को आपनी जीभ से छठा और चोदा. पर वाकई उसकी छूट बड़ी कासी थी जीभ तक भी नहीं घुस प् रही थी उस मैं. एक बार तो मुझे भी लगा की कहीं वो मर न जाई मेरा लुंड घुस्वते समाया. फिर मैंने उसे पलता कर के उसके बड़े बड़े गोल गोल चुत्तर भी चुसे और चाते. आब गोरी बड़े जोर जोर से सिसकारी भर रही थी और बीच बीच मैं चिल्ला भी उठती थी. वो मेरे लुंड को दोनों हाथों से पकडे हुए थी और आब काफी जोर जोर से चिल्लाने लगी थी. डॉक्टर साहब. छोड़ दो मुझे. चढ़ जाओ मेरे ऊपर. घुसा दो डॉक्टर साहब. दया करो मेरे ऊपर. नहीं तो मैं मर जाऊंगी. चाहे मैं मर ही जाऊं पर अपना ये मोटा सा लोहे का रोड मेरे उंदर दाल दो. देखो साहब मेरी कैसी लाल हो गई है. गरम होकर. इसकी आग ठंडी कर दो साहब आपने हथोडे से. वह क्या मरदाना मस्त लुंड है डॉक्टर साहब आपका. कोई भी लड़की देखते ही मतवाली हो जय और अपने कपडे खोलकर आपके बिस्तर पर लेट जय. आओ साहब आ जाओ घुसा दो. ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़्फ़.
मेरा लुंड भी आब कामुकता की साडी हदें पर कर चुका था. मैं उसकी टांगों के बीच मैं बैठा और उसकी टांगों को हवा मैं व् शपे की तरह पुरी खोल कर उठाया और फिर उसकी कमर पकड़ उसकी छूट पर अपने लौडे को रखा और आहिस्ता से पर जरा कास कर दबाया. छूट इतनी लुब्रिकातेद थी की लुंड का हेड तो घुस ही गया. आह. मर्ग्गई. !! मैं मर गई. दोक्टूर्र्र स्साह्ह्ह्हाआब्ब्ब. घबराऊ नहीं मेरी जान. और मैंने लुंड को हाथ से पकड़ थोड़ा और घुसाया. वो मुझे ढाका देने लगी वो चिल्ला भी रही थी दर्द के मरे. तब मैंने उसे जबरदस्ती नीचे पटककर. उसपर लेट गया. अपनी छत्ती से उसके बूब्स को मसलते मसलते आधे घुसे लुंड को एक जबरदस्त शोट मारा. वो इतनी जोर से चीखी जैसे किसी ने मर ही डाला हो. उसका शरीर भी तड़प उठा. और उसने मुझे कास कर जकड भी लिया था. मेरे लुंड का करीब ७ इंच उंदर घुसा हुआ था. और शायद उसकी कौमार्य की झिल्ली जो तनी हुई थी और अभी पत्नी बाकि थी. थोडी देर बाद जब वो शांत सी हुई तो बोली.
डॉक्टर साहब मुझे छोड़ दो. मैं नहीं सह पूंगी आपका लुंड. मैंने उसके हून्थों पर अपने हूनथ रखे और एक जबरदस्त किस दिया जिसमें उसके कठोर बूब्स बुरी तरह कुचल गए थे. उसकी लम्बी बहूँ ने एक बार फिर मुझे लपेट लिया और उसकी टांगें भी मेरी टांगों से लिपट रही थी. जैसे ठीक से चुदने के लिए पोसिशन ले रही हो. थोडी देर मैं जब मुझे लगा की वो दर्द भूल गई है तो अचानक मैंने लुंड को थोड़ा सा बहार निकलते हुए एक भरपूर शोट मारा. लुंड का ये प्रहार इतना शक्तिशाली था की वो पस्त हो गई. एक और चीख के साथ. एक हलकी सी आवाज़ के साथ उसका कौमार्य आज फट गया था, शादी के एक साल बाद वो भी एक दुसरे मरद से और इस प्रहार से उसका ओर्गास्म भी हो गया. उस'की छूट से रस धार बह निक'ली और बुरी तरह हांफ रही थी.
अब गोरी की छूट पूरी लासिली थी और मैं अभी तक नहीं झारा था. मैंने जोर दार धक्कों के साथ उसे छोड़'न शुरू किया. उस'की टाइट छूट की दीवारों से रगड़ खाके मेरा लुंड छीला जा रहा था. लेकिन मैं रुका नहीं और उसे बुरी तरह छोड़'ता रहा. फिर मैंने लुंड उस'की छूट से खींच लिया और लुंड एक आवाज़ के साथ बाहर आ गया जैसे सोडा वाटर की बोत्त्ले खोली हो. फिर मैंने उसे डोगग्य स्टाइल में कर दिया और पीछे से लुंड उस'की छूट में दाल उसे छोड़'ने लगा. अब गोरी भी मस्ती में आ गयी और मुझे जोर से छोड़'ने के लिए उक'साने लगी. छोड़ो मुझे. डॉक्टर साहब. फाड़ दो मेरी. डॉक्टर साहब. छोड़ना मत मुझे. बुरी तरह. पहाड़ दो मुझे. और जोर से छोड़ दो मुझे. मैं दासी हूँ आपकी. आपकी सेवा करूंगी. रोज रात दिन आपके सामने बिल्कुल नंगी होकर रहूंगी. आपके लिए हमेशा तैयार रहूंगी. और जब जब आपका लुंड चाहेगा तब तब चुदवाने के लिए आपके बिस्तर पर लेट जाऊंगी. पर मुझे खूब छोड़ो साहब. और जोर से और तेजी से छोड़ो साहब. उस रात मैंने गोरी को दो बार चोदा. दूसरे दिन दोपहर में थाकुरें क्लीनिक में अ गयी. मैंने उसे बताया की चेक उप हो गया है और शाम तक छोटा सा ऑपरेशन हो जाएगा और कल आप'की बहु आप'के घर चली जायेगी. थाकुरें संतुस्ट होकर वापस हवेली चली गयी.
आज रात गोरी ख़ुद उतावली थी की कब रात हो. उसे भी पता था की कल उसे वापस हवेली चले जाना है और आज की रात ही बची है सच्चा मजा लूटने का. उसने आज जैसे मैंने चाहा वैसे कर'ने दिया. एक दूसरे के अंगों को हम दोनों खूब चूसे, प्यार किए सहलाए और जी भर के देखे. फिर मैंने गोरी को तरह तरह से कई पोस में चोदा. साथ में आने वाले दिनों में उसे अपने ससुराल में कैसे रह'न है और क्या कर'न है सब सम'झा दिया. दूसरे दिन राजन भी शहर से आ गया. मैंने उसे समझा दिया की गोरी का ऑपरेशन हो गया है.तो डॉक्टर साहब गोरी अब माँ बनेगी न? हाँ पर तुम जल्द बाजी मत कर'न. अभी एक महीने तो गोरी से दूर ही रह'न. और हाँ इसे बीच बीच में यहाँ चेक उप के लिए भेज'ते रह'न. यह बहुत साव'धानी का काम है. राजन ने कुछ असमंजस से हाँ भरी. फिर वह गोरी को ले गया. गोरी मेरे प्लान के अनुसार बीच बीच में क्लीनिक में आती रही. मैं उसे शाम के वक्त बुलाता जब गाँव के मरीज नहीं होते. रात ८ - ९ बजे तक उसे रख उसकी खूब चुदाई कर'ता. गोरी भी खूब मस्ती के साथ मुझ से चुद'टी.
दो महीने बाद गोरी के गर्भ ठहर गया. मैंने गोरी को समझा दिया की वह राजन से अब चुदवाये. उसकी छूट को तो मेरे १०" के लुंड ने पहले ही भोस'दा बना दिया था जहाँ अब राजन का लुंड आराम से चला जाता. राजन भी बहुत खुश था की डॉक्टर साहब के कारण ही अब वह अपनी बीवी को छोड़ पा रहा है. गोरी पह'ले ही मेरी दीवानी बन चुकी थी. थाकुरें को जब पता चला की गोरी के पान'व् भरी हो गए हैं तो उस'ने क्लीनिक में आ मेरा शुक्रिया अदा किया. में तो खुश था ही और अब किसी दूसरी गोरी की उम्मीद में एपी'न क्लीनिक चला रहा हूँ.

Sunday, June 28, 2009

Biwi Ki Saheli Ki Chudai

एह कहानी मेरी बीवी की सहेली है और दोनों एक साथ एक ऑफिस में कम करती हैं. बीवी की सहेली मेरे परोस में रहती हैं और उनका नम प्रिया है. प्रिया एक हसीं औरत है, उसकी रंग गेहुना लुम्बे लुम्बे बल और सुंदर शरीर वाली हैं. मई उस औरत को "नमकीन." मई जब भी प्रिया को देखता हूँ, मेरा लौरा खरा हो जाता है और मई कितने ही बार उसके नम पर मुट्ठ मारा है. प्रिया एक शादी शुदा औरत है और उसको एक बच्चा भी है, एक दिन मेरी बीवी ने मुझको कहा की, "प्रिया का कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गयी है क्या तुम कुछ कर सकते हो? प्लेअसे उसकी मदद कर दो." मैभी ऐसे ही मौके की तलाश में था और मैंने फ़ौरन बीवी से बोला, "प्रिय से कहो की अपना कंप्यूटर हमारे घर पर ले आयी, मई कंप्यूटर ठीक कर दूंगा."
एक शाम को प्रिया अपना कंप्यूटर मेरे घर पर ले ई. मैंने उसको जाँच कर पाया की उसके कंप्यूटर में कुछ "बाद सेक्टर" आ गयी हैं. मैंने प्रिया को एह बात बता दी और कहा की कंप्यूटर को फॉर्मेट करना परेगा. प्रिया ने अपनी कंप्यूटर फॉर्मेट करने की सहमती दे दी. मैंने फिर उससे पुचा की कोई इम्पोर्तंत फाइल तो नही है जिसका बच्कुप लेना है. प्रिया बोली की, "कुछ वर्ड फाइल ‘माय दोचुमेंट’ फोल्डर में है. हो सके तो उनका बच्कुप ले ले लीजियेगा." फिर वो टीवी वाले कमरे में मेरी बीवी के साथ जा कर आपस में बातें करने लगी. सुबसे पहले मैंने उसकी कंप्यूटर को मेरे कंप्यूटर के साथ जोर दिया और उसके "माय दोकुमेंट्स’ में से सरे फाइल मेरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर कर दिया. फिर मैंने अपनी उत्सुकता से उसकी कंप्यूटर में कोई सेक्सी मटेरिअल दुधने लगा और मुझको उसकी कंप्यूटर में छुपी फाइलों में कुछ नंगी तस्बीर मिला और साथ में करीब ४०-५० हिन्दी यों कथा’स कहानिया थी. मैंने उन फाइल को भी अपने कंप्यूटर में कॉपी कर लिया और फिर उसकी कंप्यूटर को फॉर्मेट कर दिया. फिर मैंने विण्डो भी कॉपी कर दिया. उसके बाद मैंने उसकी सब फाइल अपने कंप्यूटर से उसके कोम्प्टर पर कॉपी कर दिया और साथ में अपनी कंप्यूटर से मेरे कुछ पोर्नोग्राफिक फाइल और कहानी की फाइल भी कॉपी कर दिया. इन सब कम में मुझको करीब २ घंटे लग गए और इस दौरान प्रिया मेरे बीवी से बातें कर के बिता दिया.
मई सब कम ख़तम करने के बाद प्रिया को बुलाया और अपने कंप्यूटर को चेक करने के लिए कहा. वो मेरे कमरे में मेरी बीवी के साथ आयी और बोली की अगर आप को तसली है तो ठीक ही होगा. तो मैंने कहा हाँ मेरे ख्याल से आपका कंप्यूटर अब बिल्कुल ठीक है और फिर आपको दिक्कत नही देगी. फिर मैंने अपनी बीवी से कंप्यूटर साफ करने से धुल साफ करने के लिए उसकी हेयर द्र्येर लेन को बोला. जैसे ही मेरी बीवी कमरे के बहार गयी, मैंने प्रिया से बोला की आपका वर्ड फाइल सब उसी फोल्डर में है और आपके कंप्यूटर में कुछ तस्बीर भी थी और मैंने उनको भी आपके कंप्यूटर में फिर से कॉपी कर दिया है. फिर मैंने उसके कंप्यूटर पर वो तस्बीर की फाइल खोल दिया. वो उन तस्बीरों को देख कर बहुत हैरान हो गयी और तब मैंने उससे कहा की आपका कोल्लेक्शन बहुत ही अच्छा है, खास कर कहानियो की कोल्लेक्शन. मैंने आपके कंप्यूटर से आपका कोल्लेक्शन मैंने अपने कंप्यूटर पर कॉपी कर लिया है. आशा है की आप बुरा नही मानेगे. मेरे इन सब बैटन को सुन कर वो बहुत ही शर्मा गयी और मेरे से
नज़ारे चुरा नेलगी और अपनी नज़र को झुकाते हुए बोली, "प्लेअसे एह बात आप किसी से भी नही कहेयेगा." उसकी जुबान कुछ लार्खारा रही थी. मैंने उससे कहा, "आप बिल्कुल मत घबरिये. मेरे पास ऐसे बहुत सी तस्बीर और कहानिया है और उनमे से मैंने कुछ आपकी कंप्यूटर में कॉपी कर दिया है." फिर मैंने उसको अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने को कहा. तब प्रिया बोली, "प्लेअसे वो (मेरी बीवी) आ रही है, कोम्पुतीर को बंद कर दीजिये." फिर मैंने कंप्यूटर को धूल हेयर द्र्येर से साफ कर दिया और वो अपनी कंप्यूटर लेके चली गयी. लेकिन उसके जाने से पहले मैंने उसको धीरे से कहा दिया की. "क्या हमलोग अपने कोल्लेक्शन का अदन प्रदान कर सकते हैं? मुझको कहानिया चाहिए और मई आपको तस्बीर दूंगा." वो कुछ बोली नही और चली गयी.
उसके बाद हमारे घर पर करीब एक हफ्ते तक नही आयी. करीब एक हफ्ते के बाद वोहुमारे घर पर आयी. मैंने दरवाजा खोला, लेकिन वो मुझसे बिना नज़ारे मिलाये अन्दर चली गयी और मेरी बीवी के पास बैठ कर उससे बातें करने लगी. कुछ देर के बाद मेरी बीवी मेरे कमरे में आयी और बोली, "प्रिया कह रही है की उसको वगा ड्राईवर की फाइल चाहिए और उसने अपनी एक फ्लोप्प्य दिया है फाइल कॉपी कर देने के लिए" और मेरी बीवी ने हमको एक्फ्लोप्प्य दिया. मई फ़ौरन बात समझ गया और बोला, "उसको रुकने के लिए बोलो और अमी अभी फाइल कॉपी कर देता हूँ." जैसे ही मेरी बीवी बहार गयी, मैंने फ्लोप्प्य को अपने कंप्यूटर से खोला और पाया की उसमे कुछ हिन्दी यों कथा की कहानिया है. मैंने उन कहानियो को अपने कंप्यूटर पर कॉपी कर लिया और मेरे कंप्यूटर पर से कुछ तस्बीर की फाइल प्रिया की फ्लोप्प्य पर भी कॉपी कर दिया. उसके बाद मैंने एक टेक्स्ट फाइल उसके फ्लोप्प्य में बना कर लिखा, "धन्यवाद, मैंने आपकी कहानिया परही. कहानिया बहुत ही अच्छे और सेक्सी थे. आपको तस्बीरें कैसी लगी?" फिर मई मई
उसके पास गया और उसको फ्लोप्प्य दे दिया. वो मेरी तरफ न देखते हुए मुस्कुरा कर मेरे से अपनी फ्लोप्प्य ले ली. इसके बाद बहुत दिनों तक वो हमारे घर पर नही आयी. मेरी बीवी ने मुझसे बोली की प्रिया को फ्लू हो गया है और वो छुट्टी में है. फिर एक दिन सुबह फोन पर हमारे ससुराल में किसी की मरने ख़बर मिला. मेरे ऑफिस में कम के वजह से मुझको छुटी नही मिल सका तो हमलोगों ने एह तै किया की मेरी बीवी अपने बच्चों के साथ अपने मइके चली जायेगी. मई उसी सुबह बीवी और बच्चों को एअरपोर्ट चोरने चला गया और उनके जाने के बाद मई घर वापिस आ गया. हमलोग को सुबह सुबह जाते समय प्रिया ने देख लिया था और जैसे ही हम घर वापस आए वोहुमारे घर पर पुच टाच करने आ गयी.
मैंने दरवाजा खोला और मुझको देखते ही वो शर्मा गयी और अपनी चुन्नी को सर रख लिया. मैंने उसको हेल्लो बोल कर अन्दर आने के लिए बोला. अपने खली घर में प्रिया को अकेली देख कर मेरा लुंड धीरे धीरे खरा होना शुरू हो गया. प्रिये ने मेरी बीवी के बारे में पुची तो मैंने उसको साडी बता बता दी. मेरी बात सुन कर और एह जन कर मेरी बीवी घर पर नही है, वो घबरा गयी और मुझसे बोली, "मई फिर औंगी." फिर उसने मुझको एक फ्लोप्प्य देकर बहर जाने के लिए मुरी. "सुनिए, मुझे इस फ्लोप्प्य से आपकी फाइल मई अभी कॉपी कर लेता हूँ और आपको भी अपने कंप्यूटर से कुछ फाइल कॉपी कर देता हूँ," मैंने उससे बोला. "मई बाद में ले लूंगी" उसने बोली. मई एह मौका चूकना नही चाहता था और उससे पुचा, "आप मुझसे डरती हैं क्या?" "न न नही, असल में मुझे घर में कुछ कम करना है," उसने कही. अब तक सुबह के सरे नौ बज चुके थे और मुझको पता था की उसकी पति और बचा अपने अपने ऑफिस और स्कूल जा चके हैं. "मुझे मालूम है की घर पर कोई कम नही है और आप मुझसे
डर रही हैं," मैंने उससे बोला लेकिन उसने कोई उत्तर नही दिया और अपनी चेहरा दुसरी तरफ घुमा कर हमसे नज़ारे चुराने लगी. "आपके आने के पहले मई ची बना रहा था. चलिए हमलोग साथ बैठ कर ची पिटे हैं और मई फिल्स को कॉपी कर लेट हूँ," और उसके कुछ कहने के पहले मैंने घर का दरवाजा बंद कर दिया और उससे बोला, "आयी बैठेये हम ची लेट हैं और फिर हम मिल कर ची पिटे हैं."
अबतक मई एह समझ गया था की उसको मेरे साथ रहना पसंद है. मई प्रिया को हमारे कमरे में लाया और अपना कंप्यूटर को चालू कर दिया. मैंने उसकी फ्लोप्प्य को अपने कंप्यूटर में चराया और उसमे से कहानिया कॉपी करने लगा. मई उसको एक चेयर दिया और बैठने के लिया कहा. वो कुर्सी पर बैठ गयी. मैंने अपने कंप्यूटर पर अपनी क्स्क्स्क्स कोल्लेक्शन निकला और उससे बोला, "मई ची लेन जा रहा हूँ, तब तक आप अपनी पसंद की फाइल पाने फ्लोप्प्य में कॉपी कर लीजिये." वो शर्मा कर अपनी सर हिला कर अपनी सहमती जताई. मई कमरे के बहार से निकल कर कित्चें में गया और २ कप ची बनने लगा. जब मई ची बना कर वापस आया वो मेरे कंप्यूटर से पिक्चर कॉपी कर रही थी और कोमुप्टर स्क्रीन पर तस्बीर लगी थी. वो जैसे ही हमको देखि उसने जल्दी से तस्बीर बंद करना चाह. चुकी तस्बीर की कॉपी चल रही थी इसलिए तस्बीर बंद न हुई.
वो घबरा गयी और शर्म के मरे फ़ौरन अपने हाथ से अपना चेहरा धक् लिया और और चेरे को दोनों घुटने के बिच छुपा लुया. मई आगे बढ़ कर ची मेज पर रखा और उसके कंधो को पाकर कर उसको कुर्सी से उठाया. वो जोर लगा कर हमारे हाथ हटाना चाहती थी, लेकिन मई भी जोर लगा कर उसको कुर्सी से उठा लिया. वो मेरे सामने अपने हाथों से चेहरा छुपी खरी हो गयी. मई उसको खींच कर अपने पास ले आया और उसको अपने बाँहों में भर लिया. मैंने उसको अपने बाँहों में जाकर कर हाथों को केता गया. उसकी शरीर कंप रही थी और उसकी सांसे उखर रही थी. मिअने उसके गर्दन और कण के पीछे चुम्मा दिया और उसके कण पर मुह लगा कर धीरे से बोला, "प्रिया तुम बहुत ही सुंदर हो. क्या तुम्हे मालूम है की मई हमेशा तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ? तुम मेरे सपनो में हमेशा आती हो और तुम ही मेरे सपनो की रानी हो, मई तुमसे प्यार करता हूँ." इसके साथ मई उसके कण को अपने जीव से चाटना शुरू कर दिया और वो मेरे बाँहों में खरी खरी कंप रही थी. मई उसके चहरे को
अपने हाथों से उप्पेर किया और ओके चहरे से उसकी हाथों को हटाया. वो बहुत शर्मा रही थी, उसके आंख बंद थे और उसकी होंठ आधे खुले थे. मई अपना होंठ उसके होंठों पर रख दिया और उसके मुह में अपना जीव दल दिया और उसको फिर से अपने बाँहों में भर कर भींच लिया. वो अपने चहरे से अपनी हाथों को हटा कर मेरे को जाकर लिया और अपनी जीव मेरे मुह में दल दिया. मई अपना दायां हाथ उसके चुतारों पर ले गा कर उसको मेरे और पास कींच लिया. मेरे लुंड अब तक पुरी तरह से तन्ना गया था और उसकी जांघों के अन्दर घुसना चाह रहा था. वो मेरे जीव को अपने दातों टेल हल्का सा कट लिया और अपने होंठ मेरे होंतो से हटा कर मेरे गर्दन पर कट लिया और कम्प्ती हुए आवाज में बोली, "अगर तुम्हारे बीवी को एह बात चल गे तो?" मई उसके गालो को चुमते हुए बोला, "हमलोग एह बात किसी से भी नही कहेंगे, प्रिया मई तुमको दिल से प्यार करता हूँ." मई अब फिर से उसके मुह में अपना जीव दल दिया और वो मेरे जीव को चूसने लगी. थोरी देर मेरे जीव को चूसने के बाद वो मुझसे बोली,
"हाँ, मई भी तुमको अपने दिल से प्यार करती हूँ."
"तुम मुझसे क्यों डरती हो" मैंने उससे पुचा. "मुझे मौल्म नही" उसने उत्तर दिया. मई अपना दायां हाथ उसके चुन्ची पर रखते हुए बोला, "मुझे मालूम है, तुम मुझसे क्यों डरती हो. तुम्हे डर इस बात का है मई तुमको छोड़ दूंगा." मई कुछ चुप रहने के बाद उससे बोला, "क्या मई सही बोल रहा हूँ?" वो एक लम्बी साँस लेने के बाद अपना सर हिला हाँ बोली. "क्या मई तुमको छोड़ सकता हूँ?" मैंने उससे बोला और उसकी चुन्ची को जोर से दबा दिया. वो एक सिसकारी मार्के मुझसे बोली, "नही तुम मुझको नही छोड़ सकते." मई उसकी चुंचे और जोर से दबा कर पुचा, "क्यों? मई क्यों नही तुम्हे छोड़ सकता?" प्रिया ने तब मेरे कण अपने मुह में ले कर हलके दंत लगाया और धीरे से बोली, "जरा धीरे से दबाना, मुझको दर्द हो रहा है." "मई तुम्हे क्यों नही छोड़ सकता?" मैंने फिरे से पुचा." "क्योंकि तुम मेरे पति नही हो, सिर्फ़ पति ही अपनी बीवी को छोड़ सकता है," वो अपने सेक्सी आवाज में मुझसे बोली. मई अपना हाथ उसके ब्लौसे के ले जा कर उसके चुन्ची को पाकर कर मसलना शुरू किया. उसकी
चुन्ची बहुत सख्त थी और उसकी निप्प्ले खरी खरी थी. "है मेरी जन! पयार करने वाले शादी के बिना भी चुदाई कर सकते हैं," मैंने उसकी चुन्ची मसलते हुए बोला. "लेकिन एह पाप है" उसने उत्तर दिया. मई उसकी निप्प्ले अपने उंगली के बिच ले कर मसलते हुए बोला, "एह पाप करने में बहुत मज़ा है, मेरी जन प्लेअसे मुझे छोड़ने दो. प्लेअसे छोड़ने दो न" और मई उसकी चुन्ची को कास कर दबाते हुए उसकी होठों को पागलों की तरह चूमने लगा. उसने कोई उत्तर दी बजे मेरे मुह में अपनी जीव दल दी. मई उसकी जीव को थोरी देर के लिए चूसा और फिर बोला, "प्रिया मेरा लुंड को अपने हाथों में पाकर कर देखो की वो कैसे तुम्हारे छूट में घुसने के लिए पागल हो रहा है" और इतना कहने के बाद मैंने अपना पैंट उतर दिया. पहले तो प्रिया कुछ सकपकाई लेकिन थोरी देर के बाद उसने मेरा लुंड को अपने हाथों से पाकर लिया. वो जैसे मेरा लुंड अपने हाथों से पाकर, उसकी कंप कम्पी छुट गयी और मुझको अपने दुसरे हाथ से बंधते हुए बोली, "एह तो बहुत ही लुम्बा और मोटा लुंड है. मई अब
तक इतना बार और मोटा लुंड नही एख है." वो मेरे लुंड अपने एक हाथ से पाकर कर मरोरने लगी और फिर धीरे से बोली, "मेरी छूट भी इस लुंड की लिए बेकरार है. अब जल्दी से मुझको छोड़ो." फिर उसने मेरे लुंड पर से अपनी हाथ हटा कर मेरा शर्ट उतरना शुरू कर दिया. मैंने उसको मेरी शर्ट उतरने में मदद दिया. फिर उसने मेरा पन्त और उस्देर्वेअर भी उतर कर मुझको पुरी तरह से नंगा कर दिया. तब मैंने उसकी ब्लौसे और ब्रा उतर दिया और उसकी चुन्ची को नंगी कर दिया. फिर मैंने उसकी सारी और पेट्तिकोअत और पैंटी भी उतर दिया. अब वो भी मेरे सामने पुरी तरह से नंगी खरी थी. उसने मेरे लुंड को फिर से अपने हाथों से पाकर लिया और मेरे लुंड अपनी छूट की तरफ़ किच्नी लगी. मई भी अब इसकी छूट को अपने हाथों में ले कर मसलने लगा. उसकी छूट पर झांटे बहुत ही सुंदर तरीके से बनी हुई थी और इस समय उसकी छूट में से हलकी हलकी लिस लिसा सा पानी निकल रहा था. मई उसकी हूट में पानी दो उंगली एक साथ दल दिया और उंगली उसकी छूट के अन्दर बहार
करने लगा. मेरे उंगली की चुदाई से वो बहुत ही गर्न गयी और बर्बराने लगी, "है, मेरे रजा, मेरे छूट को तुम्हारा लुंड की जरूरत है. तुम अपनी उंगली मेरे छूट से हटा कर उसमे अपना लुंड घुसेर दो. मेरे छोट को अपना लुंड से भर दो. मई चुदास के मरे मारी जा रही हूँ. जल्दी से मुझको बिस्टर पर दल, मेरे पैरों को अपने कन्धों पर रख कर मेरी छूट की चुदाई कर दो. जल्दे से मुझको अपना लुंड मेरी छूट को खिलाओ और रगर कर छोड़ो मुझे."
मई उसकी चुतर पर हाथ रख कर उसको अपने बाँहों में उठा लिया और उसको बिस्टर पर दल दिया. बिस्टर पर डालने के बाद मई उसकी एक चुन्ची को अपने मुह में भर कर चुसना शुरू किया और दुसरी चुन्ची को अपने हाथों से मसलने लगा. प्रिया तब मेरे चहरे को अपने हाथों से अपने चुन्ची पर दबाने लगी. मई करीब १०-१५ मिनुतेस तक उसकी चुन्ची चुस्त रहा और इस दौरान प्रिया मेरे से उसकी छूट में लुंड डालने को कहती रही. फिर मई धीरे धीरे उसकी पेट कहते हुए उसकी छूट पर अपना मुह ले गया. प्रिया अपने छूट पर मेरा मुह जाते ही अपनी टांगो को फिला कर पाने हाथों से पाकर लिया. मई उसकी छूट की चुम्मा लेने लगा. फिर मई उसकी छूट पर अपना जीव घुसा कर उसकी छूट चूसने लगा. उसकी छूट के अन्दर मेरा जीव घुसते ही उसने मेरे चहरे को अपनी छूट पर दबा लिए और अपनी कमर उठा उठा कर अपनी छूट हमसे चुस्वाने लगी. फिर थोरी देर के बाद वो मुझसे बोली, "जल्दी से तुम ६९ पोसिशन में लेटो, मुझको भी तुम्हारा लुंड चुसना है." एह सुन कर मई उससे बोला, "एह तो
बहुत ही अच्छी बात है, लो मई अभी तुमको मेरा लुंड चूसने के लिए देता हूँ," और मई तुंरत ही ६९ पोसिशन में उसके उपर लेट गया. अब मेरे आँखों के सामने उसकी चमकती हुए छूट बिल्कुल खुली हुई थी. मैंने अपना जीव उसके छूट के अन्दर तक घुसेर दिया और उसकी छूट से निकल रही मीठा मीठा रूस को अपने जीव से चूस चूस कर पिने लगा. उधर प्रिया भी मेरे लुंड को अपने रसीली होठों में भर कर चूस रही थी. मैंने अपना कमर को हिला करापना पुरा का पुरा खरा लुंड उसके मुह में घुसेर दिया. थोरी देर तक मई उसकी छूट को अन्दर और बहार से छठा और चूसा. अपनी छूट चुसी से प्रिया की छूट दो बार चोर चुकी थे जिसको मई बारे ही चब से चाट चाट कर पी गया. इस समय प्रिया एक खेली खाई रंडी की तरह से मेरा लुंड अपने मुंह में भर कर चूस रही थी और मई भी अपना कमर हिला कर अपना लुंड उसको चुसवा रहा था. हम लोग इसी तरह काफी देर तक एक दुसरे का छूट और छूट को चूसते रहे. फिर मुझे लगा की मेरा पानी कह्टने वाला है और एह बात मैंने प्रिया से
बताया और कहा की मेरा लुंड अपने मुंह से नक़ल दो. लेकिन उसने मेरे चुतर को जर डर तरीके से पाकर लिया और मेरे लुंड अपने दातों से हलके हलके काटने लगी. इस से मेरा गर्मी और बढ़ गया और जिस समय मेरा लुंड उसकी मुंह के अन्दर था उसने उलटी कर दिया और उसकी मुंह को अपने पानी से भर दिया. वो मेरा लुंड अपने मुंह से बिना निकले ही मेरा लुंड का पानी पी गयी और मेरा लुंड को अपने जीव से चाट चाट कर साफ कर दिया.

Personas for Firefox | Gipson SG

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Saturday, June 27, 2009

इंजीनियरिंग की स्टूडेंट्स

दरअसल हुआ यूँ कि मैं एक दिन अपने कुछ दोस्तों के साथ शाम के वक्त क्रिकेट खेल रहा था। ग्राउंड के ठीक बाएँ हाथ पर कोने पर एक काफ़ी शॉप है। उसके सामने कुछ लड़कियाँ खड़ी लगातार मेरी ओर देखे जा रही थी और आपस में बात भी कर रही थी (शायद मेरे बारे में)

मेरे दोस्त बार बार मुझ पर ताने कस रहे थे। इसी बीच उनकी तरफ़ गेंद चली गई और मैं गेंद उठाने के लिए उनकी तरफ़ चला गया। लड़कियाँ इंजीनियरिंग की स्टूडेंट्स थी और शायद टयूशन पढ़ने के लिए यहाँ आई हुई थी। टयूशन सेंटर साथ में ही था और वो शायद किसी और सहेली का इंतज़ार कर रही थी।

उनमें से ठीक एक के पैरों में गेंद जा कर गिरी, उसके एक स्कर्ट और टॉप पहना था और स्लीव लेस जैकेट पहनी हुई थी। बला की खूबसूरत लग रही थी और रंग संगमरमर की तरह गोरा था। उसकी गोरी गोरी टांगों के पास गेंद जाते ही मेरा मन मचला मगर मैंने उससे कहा- मैडम क्या आप गेंद उठा कर दे देंगी प्लीज़?

वो झुकी और झुकते ही उसकी गोरी छाती दिखाई देने लगी। उसने गेंद मेरी तरफ़ फेंक दी पर मेरी निगाहें उस पर ही टिकी थी। तब तो वो चली गई लेकिन मैं उसके टयूशन से लौटने का इंतज़ार करने लगा। हुआ वही ! वो वापिस आई अपने सहेलियों के साथ। कुछ दूर मैंने उसका पीछा किया लेकिन उसके बाद उसके सहेलियां दूसरे रास्ते पर चली गई और वो अकेली आगे बढ़ कर रिक्शा को हाथ देने लगी।

मैंने बाईक तुंरत उसके सामने रोकी और सामने जाकर हल्की सी मुस्कान देकर मैंने कहा- कैन आई गिव यु अ लिफ्ट?

उसने मुझे पहचान लिया और वो भी थोड़ा मुस्कुरा दी लेकिन फ़िर भी मेरे साथ जाने से मना करने लगी। मैंने बार बार उससे आग्रह किया तो वो मान गई और मैंने उसके घर पर उसे छोड़ा। रास्ते में जब उसके बूब्स मेरी कमर पर लग रहे थे तो मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था उससे मैंने उसका नंबर भी रास्ते में ही ले लिया।

रात को मैंने उससे फ़ोन पर खूब बात की और अगले दिन फ़िर उसे छोड़ने के लिए चला गया। आज उसने मुझे चाय का न्योता दिया, मैंने भी हाँ कर दी। घर में अन्दर घुसा तो वहां केवल उसके एक सहेली ही थी। दरअसल वो पेईंग गैस्ट रहती थी। उसने अपने सहेली से मेरा परिचय करवाया और फ़िर उसके सहेली किसी काम से बाज़ार चली गई।

ओह ! मैं आपको मेरी अप्सरा का नाम बताना तो भूल ही गया, उसका नाम था मीनू !

मीनू चाय बना कर ले आई और मेरे साथ बैठ गई। आज भी उसने स्कर्ट और टॉप ही पहने थे, लेकिन आज वाली स्कर्ट कुछ छोटी थी इसलिए जब वो बैठी तो मुझे उसके गोरी टांगों के साथ साथ उसकी जांघें भी दिखाई दे रही थी। हम कुछ बातें करने ही लगे थे कि मैंने सामने मेज पर रखा अखबार उठाने की कोशिश की और अनजाने में मेरा कोहनी उसके हाथ से टकरा गई और उसकी चाय उस पर गिर गई।

चाय कुछ टॉप पर और कुछ स्कर्ट पर गिरी थी। वो जलन के मारे उठ कर खड़ी हो गई और तड़पने लगी। मैं भी घबरा गया और मैंने तुंरत उसका टॉप को थोड़ा सा ऊपर उठा दिया, उसने बिल्कुल मन नहीं किया क्योंकि उसको बहुत जलन हो रही थी। उधर जांघों की भी हालत ऐसी ही थी, इसलिए वो बार बार पैर पटक रही थी। तो मैंने स्कर्ट भी उठा दी और उसे बाथरूम में ले गया ताकि उस पर पानी डाल सकूँ।

मैं अपने हाथ में पानी लेकर पहले उसके पेट पर और पेट से कुछ ऊपर और फ़िर स्कर्ट को पूरी तरह से उठा कर उसकी टांगों पर और जाँघों पर पानी डाल रहा था। वो इस बीच केवल हल्के हल्के रो रही थी। यह सब कुछ ऐसे हो रहा था जैसे वो कोई छोटी बच्ची हो और मैं उसे बहला रहा हूँ और शर्म-हया जैसी कोई बात हमारे बीच में हो ही न।

अब मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारे पास बर्नोल या कोई और क्रीम है?

तो उसने कहा- हाँ है !

मैंने क्रीम उससे ली और उससे कहा- अपनी टॉप उतार दो मैं क्रीम लगा देता हूँ।

मेरा मन अब बेईमान हो चुका था। पहले तो वो झिझकने लगी मगर फ़िर मान गई। मैंने उसे मसलना शुरू किया और धीरे धीरे हाथ ऊपर ला कर उसकी गुलाबी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुचियों को भी छेड़ देता। उसे भी शायद मज़ा आ रहा था।

कुछ देर में उसने कहा- रोहित ! तुम करना क्या चाहते हो?

मैं समझ गया कि उसके कहने का मतलब क्या है, मैंने कहा- वही जो तुम समझ रही हो।

उसने कहा- तो फ़िर खुल के करो ना !

अब क्या था, मैंने काम शुरू कर दिया और सीधे उसके होठों पर किस कर दिया और उसके होठ चूसने शुरू कर दिए। उसका चेहरा लाल हो गया था। मेरे हाथ उसकी चूचियां मसल रहे था और अब मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया। क्या गज़ब का फिगर था उसका ! चुचियाँ एकदम गोल और संतरे जैसी एक दम टाइट !

मैंने उसकी चुचियों को पीना शुरू कर दिया और वो मज़े से आह उह करने लगी। उसकी उंगलियाँ मेरे बालों में थी और वो बस गरम हो रही थी। मैंने तुंरत नीचे खिसक कर उसकी स्कर्ट बिल्कुल ऊपर कर दी और उसकी पैन्टी नीचे खींच दी। उसने मेरा मदद करते हुए अपनी पैंटी को टांगों से अलग करके फेंक दिया और अब वो बिल्कुल पूरी तरह से मेरे हवाले थी।

उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे जो बहुत खूबसूरत लग रहे थे। मैंने तुंरत उसकी चूत पर जीभ लगा दी और चूसना शुरू कर दिया। वो बिल्कुल मचल उठी। मीनू ने झटके से मेरा सर ऊपर उठाया और मेरा टी-शर्ट उतारने की कोशिश करने लगी। मैंने देर न करते हुए तुंरत अपनी टी-शर्ट और जीन्स उतार दी और अपना अंडरवियर भी उतार दिया।

मेरा लंड देखते ही वो मानो डर सी गई और कहने लगी- तुम इसे मत डालना प्लीज़ !

मेरे लंड का साइज़ ८ इंच है जो लगभग ३ इंच से ज़्यादा मोटा है। मैंने उसे थोड़ा सा प्यार किया उसके होठों पर दोबारा किस करना शुरू किया और इस बीच उसने मेरा लंड हाथ में ले लिया और उससे खेलने लगी। थोड़ी ही देर में वो मस्त हो चुकी थी और मैंने उसकी टांगें खोल कर लंड को उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया।

उसकी चूत एक दम फ्रेश थी इसलिए लंड आसानी से जा नहीं रहा था। मैंने बहुत सारा थूक लेकर लंड पर और उसकी चूत पर लगाया और लंड को एक ज़ोरदार धक्का दिया और लंड अन्दर घुस गया लेकिन अभी भी लंड पूरा अन्दर नहीं गया था। वो दर्द के मारे चिल्ला उठी और बस यही कह रही थी- रोहित प्लीज़ ! ये मत करो रोहित ! मैं मर जाउंगी रोहित ! मेरा चूत फट जायेगी रोहित ! प्लीज़ मत करो रोहित !

लेकिन मैने लंड बाहर नहीं निकाला और थोड़ी देर रुका रहा। जब वो कुछ सामान्य हो गई तो मैंने धीरे धीरे लंड हिलाना शुरू किया और उसके बाद उसे भी कुछ मज़ा आने लगा। मैंने उसे लगभग १५ मिनट तक खूब चोदा और इस दौरान वो ३ बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था।

मैंने तुंरत लंड बाहर निकाला और उसके मुंह के पास ले गया और उससे मुंह में लेने को कहा। वो मना करने लगी लेकिन फ़िर भी मैंने लंड उसके होठों पर लगा दिया तो वो मुंह में लेने लगी और फ़िर मेरा सारा पानी पी गई। उसके बाद उसने मेरा लंड खूब चूसा और मैंने उसे उसी दिन २ बार और भी चोदा।

अब भी हमारी कहानी जारी है और मैं उसे बाईक पर उसके घर छोड़ने के लिए जाता हूँ और जिस दिन भी मौका होता है उसे खूब चोदता हूँ ! अपने विचार लिखें !

खुजली हुई छूट में

कोल्लागे मैं आर्ट्स २न्द इयर की स्तुदेंत हूँ, मैं कोल्लागे मैं बहुत फ्री टाइप की लड़की हूँ लड़कून के साथ मूवी देखना और घूमना मेरा सुक है

मैंने पहली बार जब सेक्स किती तो उस वक्त मैं २० साल की थी मेरी सहेली है अंजुम मैं उसके घेर जाते रहती हूँ और उसका भाई है वासिम, वो मेरे पीछे काफी दिनों से लगा हुआ था, वैसे भी मिजति खुजली होती रहती थी, मेरी उस से दोस्ती हूँ गई वो मुझे घुमाने ले जाता था

और मुझे मूवी दिखता था

एक दिन मैं उसके घेर गई तो घेर मैं कोई नही ता सिर्फ़ वासिम ही था पहले तो मुझे तोडा सा देर लगा फ़िर मैं अंदर गई और बातें करने लगी वासिम मुझे बोला किरी मैं तुम्हे किस करना छठा हूँ , मैं हूँ कहा केर आखें नीचे केर ली फ़िर वो आया और मेरे होथूं पैर अपना होठ रख दिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं भी उस से लिपटती चली गई

थोडी देर बाद ही उसके हाथ मेरे बूब्स पैर आगये और वो मसलने लगा मेरे बदन मैं गर्मी आगे और मैं उस से पागलूं की तरह लिपट गई फ़िर वो मेरे सलवार को खोलने लगा मैं साथ देने लगी अनंत मैं मैं सिर्फ़ ब्रा पैंटी मैं रहा गई वो मुझे ऊठा केर सोफे पैर बिठाया और मेरे छुट मैं उंगली से सहलाने लगा फ़िर वो बोला की आज तुम्हे वो मजा दूँगा की तुम डेली केर्वाऊ गी मैं बिली अच्छा फ़िर वो मेरी पैंटी उतारी और ब्रा उतरा फ़िर मेरे चुचिओं ko mu main lay ker चूसने लगा मेरे निप्पल कडे हो गए और मेरी छुट मैं गीलापन आगया फ़िर वो मेरे हाथ मैं अपना ल*** डे दिया उसका ल*** मोटा और लंबा था मैं पूची की काया इतना बड़ा अंदर जा सकेगा वो बोला जाएगा तभी तो मजा आए गा

और फ़िर वो मेरी छुट सहलाने लगा मैं उसके ल*** से खेलने लगी

वो मुझे उत केर बेद पैर ले गया और मुझे लिटा केर मेरे बदन पैर लेट गया इस वक्त हम दोनों नंगे थे और उसका ल*** मेरे पेट पैर था जो की गरम और कदा था

फ़िर वो मुझे तनगून को फैलाने को बोला मैं टांगें फैलाये तो वो मेरे छुट की दरार पैर अपना ल*** रख केर अंदर दबाया पैर ल*** स्लिप केर गया और फ़िर वो दोबारा लगाया और दबाया मेरे मून से चीख निकल गई क्यू की मेरी छुट फटती हुई महसूस हो रही थी

धेरे धीरे उसने अपना पूरा ल*** मेरी छुट मैं दल दिया और मेरे उपर लेट गया मैं अपनी सांसें संभल रही थी मुझे से पुछा किरी कैसा लगा मैं बोली बहुत दर्द हो रहा है वो बोला ये तो पहली बार है अगली बार नही होगा

फ़िर वो अपना ल*** निकल केर फ़िर दबाया

इसी तराह से मुझे चोदने लगा मुझे आचा लगरहा था और मैं भी कमर उठा केर चुदवा रही थी मेरी छुट दो बार पानी छोड़ चुकी थी और मैं तीसरी बार के लिए तैयार थी की वो बोला डार्लिंग मेरा ल*** अब निकालने वाला है मैं बोली निकालू जल्दी फ़िर उसके ल*** ने फव्वरा चोदा मेरी छुट मैं और मेरे उपर वो गिर गया फ़िर करीब १० मिनुत बाद हुदोनो अलग हुए और मैं खुस थी की मैं चुदवा ली अब मुझे टेस्ट मिल गया था और मैं फ़िर कपडे पहन केर घेर वापस आगे.

उस दिन के बाद से मैंन चुदवाने लगी जो की मुझे बहुत अच्छा लगने लगा

कभी कभी मुझे चुदवाने का मौका नही मिलता था एक रत मैं अपनी सिस्टर के साथ सोई थी तो रत मैं पता नही कैसे उसके छुट पैर मेरा हाथ गया म,अं गरम तो थी ह और फ़िर उसे भी अच्छा लगने लगा मैं काफी देर तक उसके छुट से खेलती रही अपनी छुट उस्स्सकी जन्घून मैं घिसती रही फ़िर धेरे धेरे उसे भी मजा आनय लगा

और हम दोनों ने पहला लेस. सेक्स किया मेरी सिस का नम है सुमन, और वो मुझ से १ साल की बड़ी है उसके साथ लेस. सेक्स के बाद मैं उस से फ्री होकर बात केर ने लगी और वो मुझे अपनी सभी बातें बतानाया लगी

सुमन- तुम कभी चुदवाई भी है या नही?

किरण- दीदी मैं वासिम से कई बार चुद्वई हूँ पैर वो कभी कभी हो पता हैऔर मुझे ल*** की बहुत भूख रहती है अब तू बताऊ काया करून?

सुमन- अरे पगली इसमें काया है मेरे साथ रहेगी तो रोज ल*** मिलेगा और कोई दुर्र भी नही रहगा क्यू की मैं एक दावा लेती हूँ जो की मुझे मेरे एक दोस्त ने दिया है इसमें और भी फायेदा है मेरे साथ चलना मैं दिकहूंगी

किरण- ओके दीदी यू अरे सो डार्लिंग

फ़िर मैं दुसरे दिन सुमन के साथ बाहेर गई और उसके दोस्तों से मिली उसके बहुत सारे दोस्त थे सभी से वो मुझे अपनी चिति बाहें के रूप मैं ही मिली और बोली की आज से ये भी अपने ग्रुप मैं सामी हो गई है

और मैं उन लोगून के साथ घुमने फिरने और मजे करने लगी पैर जब असली चुदाई हुई तो उस समय मेरे सामने सुमन और उसके ४ दोस्त थे जिन्होने पहली बार मेर्री छुट की आग को पूरी तरह से ठंडा केर दिया और मैं फ़िर तो उस ग्रुप की दीवानी हो गई कैसे काया हुआ ये मैं अगली कहानी मैं लिखूं गी.

pls note: All story posted by me are taken from Internet. I am not original writer

Shipra chudi 1st me

बात उन दिनो की है जब मैने हाई स्कूल पास किया और इंटर मैं एडमिशन लेने के लिए कोशिश कर रहा था हालाकि मेरे मार्क्स अच्छे थे पर मैं जिस कॉलेज मे एडमिशन लेना चाहता था उसके हिसाब से कुछ कम थे. मेरे सब दोस्त एडमिशन ले चुके थे पर मैं उसी कॉलेज मैं एडमिशन लेना चाहता था. एक दिन मैं फॉर्म सब्मिट करने की कोशिश कर रहा था……कि एक लड़की मेरे पास आई. उसने कहा, हेल्लो! “विक्की”.

तभी मैंने उधर पलटकर देखा वोही आँखें वोही सीना वोही मुस्करता चेहरा. अब आप सोच रहे होंगे ये कौन है और कहाँ से आई. तो ये है वो आज की इस स्टोरी की हेरोइन. जी शिप्रा. दरसल हम लोग क्लास थर्ड से एक साथ स्टडी कर रहे थे एक ही स्कूल में. पर हम लोगो मैं कभी बात नही हुई, लेकिन आज उसने मुझे हेलो बोला, तो कुछ देर तक मेरे मुहँ से कुछ नही निकला. फिर उसने कहा - फॉर्म सब्मिट करना है? मैने कहाँ "हाँ". तो उसने कहाँ फॉर्म मुझे दे दो और मेरे साथ आओ . मैं बिना कुछ बोले उसके पीछे हो लिया. तब वो मुझे साइंस के डिपार्टमेंट मे ले गयी और अपने अंकल से मिलाया और कहाँ मैं इनको फॉर्म दे देती हूँ आपका काम हो जाएगा. पर मैने कहाँ मेरे मार्क्स कुछ कम है तो अंकल ने कहाँ कोई बात नही शिप्रा तुम्हे अप्रोच कर रही है तो तुम्हारा काम हो जाएगा.

हम लोग डिपार्टमेंट से बाहर आए तो मैं शिप्रा से बोला शिप्रा को "धन्यवाद " उसने कहाँ किस बात के लिए. मैंने कहाँ तुमने एडमिशन मे मेरी हेल्प की इसलिए. उसने कहाँ हम लोग एक दूसरे को काफ़ी टाइम से जानते है. तो दोस्त है और सच पूछो मेरी सभी फ्रेंड्स ने एडमिशन अलग अलग कॉलेज मे लिया मैं अकेली थी यहाँ. अंकल की वजह से मैं यहाँ एडमिशन लिया लेकिन कोई परिचित का ना होने की वजय से मैं चाह रही थी कोई ऐसा हो जिसे मैं यहाँ जानती हून ताकि क्लास अटेंड करने मैं बोरिंग फील ना हो. तभी तुम मुझे दिखे और मैं आपके मार्क्स जानती थी इसलिए मैने सोचा आप दोस्त भी है और जिस तरीके से आप एडमिशन ले रहे हैं वैसे तो एडमिशन होना नही है. इसलिए मैं और आपको अपने अंकल के पास ले गयी. तो नाउ वी आर फ्रेंड्स. तब मैने अपना हाथ शेक करने के लिए उसकी तरफ बढाया और कहा श्योर ………वाइ नोट.

जब इतनी बातें हम दोनो के बीच मैं हो गयी तब मुझमे कुछ हिम्मत जागी और मैं कहाँ शिप्रा क्या तुम मेरे साथ कॉफी पीने चलोगी. उसने कहाँ अगर ये रिश्वत है तो नही और अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा हैं तो श्योर. मैंने कहा रियली एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा है . फिर हम लोग कॉफी पीने गये और ढेर सारी पुरानी बातें की कैसे आज तक मैं इतने सालों से उससे बातें करना चाहता था पर ना कर सका. इस प्रकार हम दोनो में दोस्ती हुई. जो पिछले ८ सालो से सिर्फ़ एक दूसरे को देख रहे हो बातें ना करते हो और अचानक वो इतनी जल्दी दोस्त बन जाते हैं. "हैं ना लक". इसलिए मैं ये सब रामकथा सुनाई आप लोगो को. चलो अब अगर आप बोर हो गये हो तो ज़रा अटेंशन हो जाए क्योंकि अब मैं शिप्रा की जवानी के बारे में बताने जा रहा हूँ.

दरसल शिप्रा एक नाटे कद की सावली लड़की थी. फेस उसका नॉर्मल था मेरा मतलब एक जनरल गर्ल आम लड़की का. उसके बावजूद वो गुड लुकिंग फेस थी. लेकिन उसमे जो सबसे अट्रॅक्टिव था वो उसके बूब्स (चुचिया) उस छोटे से बॉडी मैं छोटी फुटबॉल जितने बड़े बूब्स. सच बताऊं मैं जब से उसे जनता था, उसको कम, उसके बूब्स ज्यादा देखता था. ये सिर्फ़ मैं नही करता था हर वो लड़का टीचर लड़की करते थे की फेस नही बूब्स देखते थे. क्यूकी उसकी बॉडी मैं अगर कुछ अट्रॅक्टिव था तो वो थे बूब्स. ये बूब्स ही उसे सेक्सी हॉट और मज़ेदार बनाते थे. मैं अक्सर ख्यालो में उसके बूब्स को अपने हांथो में लेता था पर कमबख्त आते ही नही थे.

एंटर की क्लासस स्टार्ट हो गयी हम दोनो अगल-बगल बैठते थे. और स्टडी के साथ फन भी करते कॅंटीन में जाते बातें भी करते और एक दूसरे के साथ मज़ाक भी करते. फिर मैं उसे कॉलेज से उसके घर और घर से कॉलेज लाने ले जाने लगा. जब घर से वो निकलती अकेले मैं कुछ दूर पर उसका इंतज़ार करता और वो आकर मेरी मोटरसाइकल पर बैठ जाती और कॉलेज घर जाते टाइम मैं उसे घर से पहले छोड़ देता. एक दिन उसने अपनी जन्मदिन में मुझे अपने घर बुलाया और सबसे मिलाया. मैने उसके मम्मी और पापा के चरण छुए और उसकी एक बड़ी सिस्टर थी सुनीता लेकिन उससे बिल्कुल अलग पर एक चीज़ सेम थी मालूम है क्या उसके बूब्स. शायद शिप्रा से बड़े क्योंकि वो शिप्रा से दो साल बड़ी थी. उस दिन से मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया. कुछ दो या तीन महीने निकल गये इन सब में. अब मैं कभी कभी स्टडी करने भी उसके घर जाने लगा. मेरा मतलब क्लोज़ हो गये हमदोनों एक दूसरे के. हमने कभी "आई लव यू " नही कहा . क्यों ……ये बात फिर कभी….पर बताऊँगा ज़रूर.

तो शायद अब आप लोग पूरी तरीके से समझ गये होंगे. तो अब मैं उस दिन की बात बताने जा रहा हूँ जिसके लिए आप ने इतना सारा पड़ा और मुझे शायद गाली भी दी होंगी. तो मेरे बेसब्र दोस्तो सब्र रखो. क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है. तो मैं स्टार्ट करता हूँ.

उस दिन सनडे था जब मैं उसके घर गया मैने कॉल बेल दबाई अंदर से कोई आवाज़ नही आई कुछ देर बाद मैं दुबारा बेल पुश किया. तभी अंदर से मधुर सी आवाज़ आई "कौन है?"…… मैंने कहा मैं........ विक्की. उसने कहाँ एक मिनट. मैं दरवाज़े के बाहर इंतज़ार करने लगा और कुछ सोचने जा ही रहा था की दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और खुल गया पर दरवाज़े पर कोई नही…….मैं देख ही रहा था की फिर से वोही आवाज़ आई अरे जल्दी अंदर आओ क्या वही खड़े रहोगे. मैं झट से अंदर घुसा और जैसे अंदर घुसा तभी दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई और मैं पलटा और पलटते ही दंग रह गया……..वो भीगे हुए बदन एक घुटनो से भी ऊपर तक के गाउन से डाले हुई थी और जांघो के नीचे से नंगे पैर…….वो जो नज़ारा था या कोई कयामत था वो कोई और नही अपनी फिल्म की हिरोइन शिप्रा थी.

उसने मेरी तरफ देखा और कहा तुम ५ मिनट वेट करो मैं बस अभी आती हूँ. और मुझे हतप्रभ वही छोड़ गयी. मैं कुछ समय के बाद नॉर्मल हुआ और सोफे पर बैठ गया. कुछ देर बाद एक लो कट टी-शर्ट और ब्लू रंग की स्किन टाइट जीन्स पहने हुए भीगे बालों को पोछते हुए वो मेरे सामने आई और कहाँ अरे! क्या हुआ ठीक से बैठते क्यों नही हो……..मैने अपने आप को ठीक किया और नॉर्मल दरशाने के लिए पूछा आज कोई दिख नही रहा. शिप्रा ने कहाँ दिखेंगे कैसे जब कोई होगा तब ना. मम्मी-पापा और दीदी सीतापुर गये है शादी अटेंड करने लेट नाइट आएँगे मेरा मन नही था इसलिए नही गयी. मैं अंदर अंदर बहुत खुश हुआ और अपने अंदर हिम्मत भी आ गयी. तो मैने कहाँ तो आज तुम अकेली हो. उसने कहा अकेले ?, नही तो, किसने कहा ? मैं कहाँ मम्मी-पापा और दीदी सब चले गये फिर कौन है तुम्हारे साथ. उसने कहाँ तुम हो ना……..मेरे मुहँ से ज़ोर सी हँसी निकल गयी……..और वो भी हंस दी. उसने तभी कहाँ रियली मैं अभी तुम्हे फ़ोन करने वाली थी मैं यहाँ अकेली हूँ तुम आ जाओगे तो साथ भी हो जाएगा, स्टडी भी हो जाएगी और समय भी कट जाएगा. अच्छा तुम दो मिनिट बैठो मैं कॉफी ले के आती हूँ. मेरी नज़र ना चाहते हुए भी बार बार उसके बूब्स की तरफ जा रही थी. भीगे बालों में वो इतनी सेक्सी लग रही थी की एक बरी तो मेरा लंड खरा होते होते बचा…..

आज मैं शिप्रा की चूचियां दबा कर ही मानूंगा चाहें जो हो जाए पर कैसे, कहीं चिल्ला दी तो, अरे नही इतने सालों से जानती हैं नही चिल्लाएगी. लेकिन अगर कहीं बुरा मान गयी तो दोस्ती टूट गयी तो………….फिर क्या किया जाए कैसे शिप्रा की चुदाई करूऊऊऊउ, कुछ समझ में नही आ रहा हैं……मैं इन्ही ख़यालो मैं डूबा था की शिप्रा की आवाज़ आई अरे विक्की क्या सोच रहें हो…..मुझे झटका लगा क्या बोलूं , बोलूं कि न बोलूँ. तभी शिप्रा की दुबारा आवाज़ मेरे कानो मैं पड़ी विक्की तबीयत तो ठीक हैं…….मैने कहाँ तबीयत ……..तबीयत को क्या हुआ ठीक तो है……बस कुछ सोच रहा था. क्या सोच रहे थे शिप्रा ने कहाँ. मैंने कहाँ, कुछ खास नही और उसके हाथों से बढाया हुआ कॉफी का मॅग ले लिया और सिप लगाया. वाकई कॉफी बिल्कुल शिप्रा की ज़वानी जैसी कड़क बनी थी. तो मैने कहाँ मुझे नही पता था कि तुम इतनी अच्छी कॉफी बना लेती हों. वो मुस्कराई और कहाँ हाआआं कभी-कभी वरना दीदी ही बनाती है.

अब हम लोग खामोश होकर कॉफी सिप कर रहे थे और मेरी नज़र शिप्रा के बूब्स की तरफ जा रही थी बार-बार लगातार. मैं कॉफी सिप करता जाता और उसके बूब्स देखता जाता मुझे ये भी ख्याल नही रहा की शिप्रा जिसके बूब्स मैं देख रहा हूँ, वो मेरे सामने बैठें ही कॉफी सिप कर रही है. दोस्तो एक बात बताऊं हम लड़के चाहें जितनी होशियारी क्यों न आते हो, पर लड़कियों की नज़रों से नही बच सकते, की आप क्या सोच रहे हो क्या देख रहे हो. वो लड़की जो बचपन से ये देखती आ रही हो कि लोगो की नज़र मेरी तरफ कम मेरे बूब्स की तरफ़ ज़यादा जाती हैं……..तो वो क्या सोचती होगी….तबी उसने मुझे टोका विक्की क्या देख रहे हो? इस सवाल ने मेरा पसीना निकाल दिया और मैं बिल्कुल हकला गया मैने कहाँ कुछ, कुछ भी तो नही. लेकिन शिप्रा आज कुछ और मूड में थी तो उसने कहाँ नही कुछ देख रहे थे………..उसके कहने के अंदाज़ ने मुझे और डरा दिया……….उसने कहाँ बोलों…….क्या देख रहे थे……मैने बरी हिम्मत करके उसके दोनो बूब्स की तरफ़ इशारा करते हुए कहाँ वूऊऊऊऊ दोनो. शिप्रा ने मेरी उंगलियों का इशारा समझतें हुए भी कहाँ मैं समझी नही मुहँ से बोलों क्या देख रहे थे………..अब मुझे ये नही समझ मैं आया की मैं क्या बोलूँ ….मैने कहाँ सीना….देख रहा था. शिप्रा ने कहाँ सीना, क्यों…..सीने मैं क्या है……अब मैं चुप क्या बोलूं उसने फिर कहाँ अरे! बोलते क्यों नही हो…..तो मैने कहाँ तुम्हारी चूचियों को………………जिस प्रकार डरते हुए उसको मैने ये वर्ड बोला …….वो ज़ोर से हंस दी…….और कहाँ आरीईईईई तो डर क्यों रहें हो कौन आज पहली बार तुम इन्हें देख रहे हो या कौन से पहले तुम हो जो इसे देख रहें हो देखने वाली चीज़ है सब देखते हैं……..तो तुम देख रहें हो तो क्या अपराध कर रहें हो……जब शिप्रा ने ये वर्ड्स बोलें तब मेरी जान में जान आई और मै मुस्कराए बगैर नही रहा सका….और अपनी झेप मिटाने लगा.

उसी वक्त शिप्रा सामने वाले सोफे से उठकर मेरे बगल में सटकर बैठ गयी और मेरे हाथों से कॉफी का मॅग ले कर टेबल पर रख दिया. और मेरी आखों की तरफ देखने लगी…….और कहाँ अब देखों जो देखना है….. मेरी समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ. तभी उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिए और कहाँ शायद अब तुमको देखने में आसानी होगी. और ज़ोर से मेरे होंठों को चूसने लगी थोरी देर में मैं गरमा गया और मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबाने लगे. और अब मैं भी उसके होंठों को चूस रहा था. ये मेरी लाइफ का सबसे बड़ा और हॉट दिन था. आज से पहले मैने कभी ऐसा महसूस नही किया था. धीरे-२ हम दोनों की साँसे गरम हो रही थी और मेरे हाथों का दबाव उसकी चूचियों पे बढता ही जा रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी. तभी वो मेरे बगल से उठ कर मेरे ऊपर दोनो घुटनों को मोड़ कर अपने हिप्स को मेरे ऊपर रख कर मेरी तरफ अपना सीना दिखाते हुए बैठ गयी. मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों कों बदस्तूर दबाये जा रही थी. मैने भी उसे अपनी बाहों मे कस कर भर लिया और उसेके रसीलें होंठों को चूसने लगा जिस अंदाज़ से वो मेरे ऊपर बैठी थी उससे उसेके हिप्पस का प्रेसर मेरे लंड पर पड़ रहा था. जिसकी वजह से मेरा लंड टाइट होने लगा और उसके हिप्स को छूने लगा.

शिप्रा ने पूछा विक्की ये मेरे नीचे कड़ा कड़ा क्या लग रहा हैं मैने कहाँ शिप्रा ये मेरा लंड हैं. क्या मै इसे देख सकती हूँ, मैने कहा- डार्लिंग ये सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही है. और वो सोफे से उत्तर कर नीचे ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और वो मेरी तरफ़ देखते हुए मेरा लंड मसलने लगी और मैने बड़कर उसके होंठों को चूम लिया और हाथों से मैं अब उसकी टी-शर्ट उतारने लगा तो उसने अपने दोनो हाथों को ऊपर कर दिया और मैने उसकी टी-शर्ट उतार दी. वो अंदर ब्रा में अपने मिनी फूटबाल जितनी चूचियां छुपा रखी थी. वो बिना परवाह किए मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मल रही थी. मैने ब्रा के ऊपर से उन हिमालय जितनी विशाल चोटिया देख कर दंग हो गया जो कल तक मेरे सपना था आज हक़ीक़त बनकर मेरे सामने खड़ा था, जिन्हें दबाने की मैं कलपना किया करता था आज मैं उन्हें रियल में दबा रहा हूँ ........और मैने उन्हें खूब जमकर दबाया उसके बाद उसकी ब्रा खोल दी दो उछालती हुई गेंदे बाहर आ गयी उन चूचियों को मैंने क़ैद से आज़ाद कर दिया और वो अब मेरे सामने सीना ताने खड़ी थी. मैने शिप्रा को अपनी गोद मैं बैठा लिया और उसकी चूचियों को अपने मुँह मैं भर लिया और दूसरी को अपने हाथों से दबाने लगा. अब शिप्रा के मुँह से सिसकारिया निकालने लगी......आआआआआआ ईईईईईईई....................उसका बदन अंगारों की तरह तप रहा था.

मेरा लंड पैंट से निकलने के लिए बेताब हो रहा था. मैने शिप्रा से कहा- जानू अब मेरा हथियार अपने होंठों से चूसो उसने तुरंत मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे देख कर मेरी तरफ़ मुस्कराई और उसे चूसने लगी. में सोफे पर से उतर गया और पैंट पूरी उतार दी अब मेरा पूरा लंड शिप्रा के सामने था और वो मज़े से चूस रही थी. अब मैने अपने बचे कपडे उतार दिए और शिप्रा मेरा लंड चूसने में मस्त थी अब मैंने उसको खड़ा करके उसे अंपनी बांहों मैं भर लिया और उसकी जींस उतार दी वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी औरे मैं उस नंगे बदन को निहार रहा था.

उसकी घाटी पे उगे छोटे छोटे बाल बिलकुल फूलो जैसा अहसास दे रहे थे मुझे मैने तभी एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत मैं डाल दिया उसकी चूत बिलकुल गीली हो चुकी थी उसने हल्का हल्का पानी छोड़ दिया था मैंने अच्छी तरीके से अपनी ऊँगली को उसकी चूत में डाल दी धीरे से मैंने दो उंगली उसकी चूत मैं डाली तो वो सिहर उठी जब मेरी दोनों उँगलियाँ चूत के पानी से गीली हो गयी तो मैंने उन दोनों उंगलियों को मुंह में डाल ली फर्स्ट टाइम मुझे जन्नत का अहसास हुआ अब मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया हम दोनों पूरी तरीके से नंगे हो चुके थे जल्दी कोई थी नहीं क्योंकि अभी तो दोपहर थी और सबको आना था रात में. मैंने उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा और चूचियों को लगातार दबा रहा था उसका बदन पूरे तरीके से भभक रहा था वो गरम हो चुकी थी पुरी तरीके से मैंने अपनी उँगलियों से उसकी चूत को चोद रहा था. उसके मुहँ से सिसकरिया निकल रही थी ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ईईईईईईईईए विक्की अब मुझे चोद दो मै बर्दास्त नही कर पा रही हूँ.

अब मैंने उसे अपने बदन के ऊपर लेता हुआ सोफे पर लेट गया और ६९ का कोण बना लिया मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐक्टर और ऐक्ट्रेस को इस तरीके से मज़ा लेते देखा था इसलिए मैंने शिप्रा को बताया उसे क्या करना है वो मेरा लैंड लेकर उसे चूसने लगी और मैंने उसकी चूत को चाटने लगा मैंने उसकी चूत को कभी उंगलियों से तो कभी जीभ से चोद रहा था उससे रहा नही गया वो मेरे लंड को खा जाने वाली स्टायल से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से जीभ से चोद रहा था वो मेरा लंड चूसना छोड़ कर कहरारने लगी और मेरी तरफ़ याचना की नज़र से देखने लगी जैसे कह रही हो बस करो विक्की खेलना जो बाँध टूटने वाला है अब मुझसे नही रुक रहा है.....

तो मैंने उसे अब सोफे पर लिटा दिया और अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुहँ पर रख दिया और बाहर से ही उसके ऊपर लंड का लाल वाला हिस्सा जिसे सुपाडा कहते है रगड़ने लगा हम दोनों को एक जलन सा अहसास होने लगा जो कभी तो ठंडा लगता और कभी भट्टी की तरह गरम जब मुझसे भी रहा नही गया तब मैंने अपना लंड पकड़ के उसकी चूत के अन्दर डाला लेकिन चूत बहुत टाईट थी मैंने थोड़ा जोर लगाया तो शिप्रा चिल्ला उठी। मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख दिया और चूसने लगा कुछ सेकेंड बाद मैंने एक जोर का धक्का धीरे से दिया तो मेरा आधा लंड चूत में चला गया उसने चीखना चाहा, पर मेरे होठों ने उसकी चीख रोक दी मैंने उसके होठों चूसना बदस्तूर जरी रखा जब उसे थोड़ा आराम मिला तो एक जोर का धक्का और लगाया की चीख के साथ ही खून की एक धारा भी निकल पड़ी चूत से पर मैंने परवाह नही की क्योंकि ये तो होता ही जब नई चूत फटती है.

मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरु किया पहले तो उसके मुहँ से आवाजें आती रही फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर उठा उठा के मेरा साथ देने लगी. अब हमदोनों हवा में ऊड रहे थे कमर एक ताल मैं चल रही थी जब मैंने देखा शिप्रा को अब कोई दर्द नही है तो हमने अपनी स्टायल को बदल कर के डॉग स्टाइल में आ गए मैंने उसे पीछे से खड़ा करके चोद रहा था और एक हाँथ से उसके बाल पकडे हुए और एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और अपने लंड से शिप्रा की चूत चोद रहा था और शिप्रा के मुहँ से आवाजें आ रही थी उसे लंड पहली बार खा रही थी इसलिए शोर मचा रही थी पर मैंने परवाह किए बगैर उसे चोद रहा था. तभी शिप्रा को बदन मैं झटका लगा और वो ढीली हो गई मैंने दुबारा उसे जल्दी से तैयार किया और अबकी उसे अपनी गोद में लेकर चोदा उस दिन हमने एक दूसरे को कई बार चोदा वो दिन मेरी लाइफ का सबसे हसीं पल था. मुझे मेरी जवानी का अहसास शिप्रा ने ही कराया था........हम दोनों ने फर्स्ट टाइम जन्नत की सैर की. उसके बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर लिया और काफ़ी पीने बैठ गए. मैंने शिप्रा को आज के लिए थैंक्स कहा तो शिप्रा ने मुस्कराया और कहा नही विक्की तुम नही जानते आज मैंने तुमसे क्या पाया इसका अगर तुम्हे अहसास होता तो तुम मुझे थैंक्स न कहते बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिए फिर थोडी देर हम लोगो ने नोर्मल होने के लिए कुछ इधर उधर की बातें की और दुबारा इसी तरीके से मौका मिलने पर एक दूसरे को चोदने का वादा किया!

उसके बाद तो हम लोगो को कई मौके मिले और हमने भरपूर फायदा उठाया. हम लोग आपस में इतने पास आ गए थे तो आपस में अश्लील हरक़त करने से नही चुकते और शायद शिप्रा की बड़ी सिस्टर को हमारी हरक़तो की भनक लग गई थी उसे कुछ डाउट रहता था इसलिए न जाने क्यों वो हमदोनो को अलग नही छोड़ती थी. ये स्टोरी आगे बताऊँगा......तो दोस्तों आपको मेरा फर्स्ट एक्सपीरियेंस कैसा लगा? अगर अच्छा लगा तो मुझे जरूर लिखें और हाँ पाठक चाहे मेल हो या फीमेल- कमेंट्स लिखना जरूरी है .इस स्टोरी मैं कुछ गलती या कमी हो तो जरूर लिखें. आपने मेरी स्टोरी पड़ी इसके लिए शुक्रिया मै जल्दी अपना एक दूसरा एक्सपीरियेंस आप लोगो के बीच जल्दी ले कर आऊंगा.

Thursday, June 25, 2009

Shop Chalane Wali Bhabhi Ki Chudai

ही दोस्तों

में रोहित शॉप चलता हु.ये शॉप गवर्नमेंट थ्रू है इस लिए इस शॉप में रोज़ का हिसाब रोज़ लिखना पड़ता है.इस शॉप चलने थोड़ा बहोत डर भी रहता है.क्योकि किसी भी वक्त और किसी भी समय अधिकारी यानि सर शॉप चेकिंग के लिए आसकते है.पासे बहोत मिलते है पर ध्यान रखना पड़ता है.मुझे ये शॉप चलने मेरे पापा ने ५ साल से सिखाया है.और ये बात कुछ १ साल पहेली की है. १ नई शॉप गवर्नमेंट की और शे १ लेडी को मिली थी जो बहोत ही सुंदर है.उशकी सुंदर ता के बारे में पूछो मत क्या दिखाती है.उशे देख के अच्छे आछो को पानी निकल आए.वो क्या दिखाती है.वो कुछ ३४ साल की मर्रिएद है पर दिखाती २४ की जेसी है.बहोत स्मार्ट है.उश्का पति बहोत मोटा है उश्का पेट बहोत बड़ा भी है.में शोचता हु वो कितना नाशी वाला है जो इतनी सुंदर विफे मिली है.उश्के पति का नामे योगेश है और उश्का नामे पायल है.उश्का पति और में जाने पहेचाने पहेसे ही थे क्यो की हम १ ही गो में रहते है.पायल को जब शॉप मिली उष के बाद योगेश मेरे पास आए थे और कहा की तुम्हारी भाभी को शॉप की परमिशन मिली है मेने उशे बधाई दी.और वो बोला की हमे इश में कुछ पता नही है तुम हमारी हेल्प करोगे.

मेने कहा क्यो नही जब मेरी हेल्प की जरुरत हो तब कॉल करदेना. वो बोला थेंक्स.मेने कहा ठीक है फ़िर स्टार्ट से केसे कम करना है वो मेने उशे बता दिया और वो चला गया.शॉप उशकी सुरु हो चुकी थी और वो सर कब आजाये उशी देर शे शॉप चलने लगे. हुआ कुछ एषा की १ दिन शाम को दसो हमारे गो में चेकिंग के लिए शाम ५ बजे आए हमें पता चला तो फ़िर हिशाब किताब ठीक कर दिया उशी दिन तक का स्टोक रेड्डी कर दिया.पर चेक करते समय ६ बज गए तो हम शॉप बंद की शॉप का टाइम ९ से १२ और ३ से ६ है.फ़िर द्सोहमे कल आऊंगा बोलके गए.मेने योगेश को कॉल किया और बोला की आज दसो आए थे और कल फ़िर आयेंगे शॉप पे हिशाब और स्टोक कल तक का रेड्डी कर देना. वो थोड़ा देर गया और बोला में अभी गो से बहार गया हु मुझे पता नही है हिशाब ठीक है या नही है.में घेर पे कॉल करके तुजे बता ता हु और कॉल कट दिया.फ़िर थोडी देर बाद योगेश ने मुझे कॉल किया और बोला की रोहित मेरी बव कहेती है की उशे कुछ ७ दिन के हिशाब नही लिखा है.ये सुन कर मेरे होस ही उड़ गए क्योकि १ दिन का हिशाब बाकि रखने में परेशानी होती है तो ७ दिन का मतलब बहोत कुछ लिखना बाकि था.वो ज्यादा डर गया और मुझे बछा लेन को कहने लगा में ने कहा चिंता मत करो तुम कॉल करके आपनी बीवी को वो सब अभी के अभी लिखने को कहदो.उश्ने कहा ठीक है.थोडी देर बाद फ़िर मुझे कॉल आया की पायल कहेती है ये पुरी रात लिखुगी तो भी मुझसे पुरा नही होगा.तो योगेश मुझसे कहा तुम मेरी मदद करदो प्लस मुझे अब तुम ही बचा सकते हो.मेने कहा ठीक है में आपना आज का हिशाब लिख के पायल भाभी को लिखवा ने जाऊंगा.उसने थैंक्स कहा. में आपना हिशाब कुछ १०:४० पम को लिख रहा तब तक योगेश का मुज्पे ७ बार कॉल किया की जल्द जाओ और उशे पुरा करदो.में कुछ ११ पम को उश्के घर पंहुचा तो पायल भाभी मेरा ही इंतजार कर रहे थे.उनके २ लड़के शो चुके थे.उष ने मुझे पानी दिया में उशे देखता ही रहा गया.पर उशे चोरी छुपे देखने लगा.फ़िर मेने बात की हा भाभी बोलो क्या और कितना बाकि है उष ने मुझे दिखाया और कहा ये में देख के घबरा गया इतना सारा कब लिख पोंगे ७ बजे तक पुरा नही पायेगा.वो और भी घबरा गई मेने कहा भाभी इतना सारा केसे बाकि रखा वो बोले की में लिख ही नही पति हु.वो मेरे पास ही बेधे थे.में उशे पकड़ लू और किस करके चूमने लागु एषा मन कर रहा था पर नही कर पाया.बाते कम और कम ज्यादा करने लगे मेरी लिखने की स्पीड देख के वो हेरान हो गई आप कितना फास्ट लिखते है.मेने कहा मुझे ५ साल से लिखता आरहा हु.कुछ १ बजे तक १ दिन का हिशाब लिख. वो भी मेरे नजदीक ही बेधे थे में उष की तन की खुसबू भी ले रहा था.

मेने सोचा ये मोका अच्छा है एषा फ़िर कभी नही मिलेगा और वो मजबूर भी है उशे हिशाब पुरा करना था और मेरा सेतानी डिमांड उशे चोदना पुरा करना था.आज वो मिल गई मनो स्वर्ग लोक की परी मिल गई.अब मेरी सपाद कम और उशे देखने ज्यादा लगा.वो भी हिशाब ही लिख रही थी.मेने बहाना बनाया भाभी अब बहोत देर हो गई है ३ बजने वाले है.और मुझे नींद भी आरही है.वो उदाश हो गए और बोले अरे रोहितभाई में अकेली ये नही पुरा कर पाऊँगी.वो गिडगिडा ने लगी मेने कहा भाभी आप बहोत सुंदर हो.आप के पास अभी कोई नही है और में अब ज्यादा वक्त रुक कर भी कोई परेशानी लेना नही चाहता हु.वो समजे नही तो मुझे उनसे सीधा बात करने को जोश आगया और मेने कह दिया की भाभी आप मेरे इतनी करीब आपके घेर में अकेले बेठे है और मेरा मन बिगड़ रहा है.मुझे आपसे सेक्स करने को मन करता है. ये सुनकर भाभी हेरान से हो गए और बोले रोहितभाई ये आप क्या कह रहे है.मेने कहा हा भाभी मुझे आप से सेक्स करने को मन कर रहा है.भाभी बोले नही एषा नही होगा.तो मेने कहा भाभी इस लिए मेने आपसे पहले कह दिया की में अब ज्यादा रुक और परेशानी में पड़ना नही चाहता हु.ओके तो में जा रहा हु.तो वो बोले की में इसे पुरा नही कर पी तो कल क्या हो सकता है.मेने कहा कुछ नही ये सरे हिशाब दसो सर ले जायेंगे और आप को जेल में ले जायेंगे.वो रोने लगी नही एषा नही हो सकता आप प्लस मेरी मदद करदो मेने कहा नही भाभी में और नही रुक सकता.वो हर गई और बोले की अगर योगेश को इस बात का पता चला की मेने आप से सेक्स किया है तो.मेने कहा यहाँ मेरे और आपके सीवे कोई नही है तुम या में योगेश से कहेंगे तो ही पता चलेंगा.वो मन गई पर हिशाब पुरा होने के बाद.मेने देखा की हिशाब ७ बजे पुरा होगा तो में कुछ नही कर पाउँगा.मेने कहा नही भाभी पहेले सेक्स बाद में हिशाब तो भाभी बोले की तो हिशाब पुरा नही होगा मेने कह में आप को ९ बजे शे पहेले हिशाब पुरा करवा दूंगा.वो बोले ठीक है.

फ़िर मेने उशे वही पे खड़ा किया और जोर से बहो में भर लिया वो सरमा रही थी.मेने अपने होंट उश्के मुलायम से होंट पर रख दिया.और उशे जोरो से चूसने लगा वो भी धीरे धीरे गरम होने लगी और आप नि सरम छोड़ के मेरा शत देने लगी.में बहोत खुस हो रहा था की वो आज क्या मुलायम सही चीज मिली है सायद किसी को भी नही मिली होगी.उसे उठाके बेडरूम ले गया और जाते ही सारी निकल दी वो फ़िर सरमी तो मेने आपनी बहोमे लेके उसे किस करने लगा वो बोले रोहित जल्दी कार्लो हिशाब लिखना है.मेने कहा हिशाब की चिंता छोड़ दो और इस में लगे रहो में पुरा लिखवा दूंगा.फ़िर किस करते करते उसका दो कपड़े और निकल दिया वो अब ब्रा और पेंटी में थी और वो क्या चीज लग रही थी.वाके में वो पुरे बदन में फुल जेसी नाजुक थी और क्या मुलायम चीज थी यारो मेतो पागल हो रहा था.उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके ३४ के चूची मसल रहा था वो लाल हो गई थी वो आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रहे थे.फ़िर गर भी हटा दी वो क्या चूची थी उशकी मेने बिना देर किए ही मुह में लेके जोर से कटा वो आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर गई फ़िर मेरा १ हाथ उश्के छुट पर चल रहा था १ हाथ उश्के बूब्स को मसल रहा था १ चूची में पि रहा था वो गरम हो गई.मने १ के बद१ करके दोनों चूची को बहोत दम के चुषा दोनों चूची लाल टमाटर जेसी हो गई फ़िर मेने आपने कपड़े उतर दिया और सिर्फ़ उदेर्वेअर ही पहें रखा.वो बहोत जोश में आगे थी.फ़िर में उष की चूची को छोड़ के उश्के पेट पे किस किया वो ऊऊऊऊऊम्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआअ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह रोहित ये क्या कर रहे हो इतना मजा आता है योगेश ने कभी एषा किया ही नही.फ़िर उष की नाभि में जिव धुषा के चाट ने लगा वो पागल हो रही थी आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रोहित बहोत मजा दे रहे हो मुझे क्या पता तुम इतना सारा मजा देते हो सेक्स में वरना में कबकी आप से सेक्स करवा लेती. हो मेरी पीठ को सहला रहे थे.उश्का मुलायम हाथ के स्पर्स से मेरे तन के रोम रोम खड़ा हो गया था और मेरा लैंड तो लोहे की जेशा बन गया था.फ़िर हम दोनों ही नंगे हो गए पर मेने उसे आप न लैंड नही दिखाया में उशे तर्शाना चाहता था वो बोले रोहित तुम्हारा तो दिखायो मेने कहा अभी नही.फ़िर में उष की नाभि में जिव उही लगा दी तो उछल पड़ी ऊऊईईईईईइ रोहित क्या कर रहा है. फ़िर में धीरे से निचे उश्के पैर को अपने होंट से रगड़ ने लगा ओह शांत पड़ी मेरे लैंड को देखना चाह रही थी पर मेने दिखाया नही.और बुना कुछ कहे ही उशकी मुलायम मखमल सही छुट पे मुह रख दिया वो चिला ऊऊऊऊऊओईईईईईईईइ म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआअ और खड़ी हो गई और मेरे पीठ पर आपने होंट और चूची फिरने लगी इस से मुझे और भी अच्छा लगा उष की मुलायम सही चूची और होंट गरम लगे तो में और भी गरम हो गया वो आअह्ह्हीई भर रही थी अब बस भी करो रोहित पागल कर दोगे क्या.........

तुम्हारा तो दिखाओ मेने कहा थोडी देर बाद.फ़िर में उष की छुट जोरो छे चाट ने लगा वो बोले ये पहेली बार ये भी किसी गेर मर्द ने मेरी छुट को छठा है वो कितना मजा अआरह है.वो मुझसे और भी सैट रही थी और मेरा लैंड पकड़ न चाह रही थी.मेने उशकी छुट की इतनी चटाई की वो पानी छोड़ दिया और फ़िर हफ्ते हुए पीठ के बल लेट गए.में भी उठा और उष के ऊपर लेट गया वो हाफ रही थी फ़िर भी मेने उष के होंट को चूष न सुरु किया और चूची मसल ने लगा वो फ़िर गरम हो गई और में उश्के सर के पास बेथ गया और उश्का हाथ में मेरा ८ लंबा और ३ मोटा पकड़ा दिया वो बोली वो बहोत बड़ा है योगेश का ५ का ही है.मेने कहा इसे चूचो वो मन करने लगी तो मेने कहा देर करोगी तो हिशाब पुरा नही होगा.वो तुंरत मुह में लेके चूष ने लगी बहोत चुसी के बाद मेने पानी निचे गिरा दिया क्योकि ये में पिता नही हु और पिलाता नही हु. थोडी देर बाद शांत रहे फ़िर ६९ में हो गए वो मेरा लैंड चुच रहे थे में उष की छुट वो बोल रहे थे सेक्स में पहेली बार मुझे इतना मजा किसी ने दिया है.मेने कहा अभी तो बाकि है फ़िर देखना कितना मजा आता है.मेरा लैंड आब तदप ने लगा वो इश मुलायम स्वर्ग परी की फुल जैशी छुट को सलामी करने को उतावला हो गया.भाभी भी और ज्यादा मजा लेने के लिए उतावले हो रहे थे. में उश्के पैर के बिच में आया और आप न लैंड छुट पे रखा और चूची को जोर से कटा जेसे ही कट ने से आआह्ह्ह्छ बोले की निचे से १ जोरका जतका दिया तो सुपेदा छुट में घुश गया और वो दोनों मर से और चिली मेने उश्के होंट पे मेरे होंट रखे और १ जतका दिया पुरा ८ अन्दर कर दिया वो सत्पते पर कुछ कर नही पाए शायद वो जतका उशे ज्यादा ही दर्द दे गया वो मन करने लगे तो मेने उशे और चुषा और चूची मसल ने लगा सायद फ़िर कभी न मिले इस लिए आज इस फुल को मसल के रख देना छठा हु. फ़िर धीरे धीरे लैंड को अन्दर बहार करने लगा वो दर्द के मरी हिल नही रही थी थोडी देर अन्दर बहार करने के बाद उशे भी मजा आने लगा तो वो मेरा शत देने लगी.थोडी देर बाद और भी ज्यादा मजा ने लगा तब मेने उश्के होंट चोदे तो वो तुंरत ही बोले आप ने तो मेरी जान ही निकल दी थी एसे थोडी करता है मेने कहा तुम वो ही एसे की किसी भी फूल को मसल देने को मन हो जाए.में जोर जोर से धसके मरे जा रहा था वो खुश हो गए वो मुझसे और भी लिपट ने लगे और पनिचोद दिया फ़िर भी वो होश में आगये और फ़िर मुझे सहयोग देने लगे उश्के पुरे बदन को मुझे कुचलना अच्छा लगा मनो की में किसी फूलो की सेज बिछाके सोया हु.मेरा पुरा बदन उष से चिक के ही ढके मर रहा था.वो फ़िर पनिछोद दिया में फ़िर भी चोदे जा रहा था में उश्के बदन शे अलग नही होना चाहता इतना उश्का बदन मुलायम है.

फ़िर ८तक अनादर करके पानी छोड़ दिया और उश्का भी पानी निकल गया.मेने १ बार और भाभी ने ३ बार पानी चोदा और में उश्के ऊपर ही निढाल हो गया.वो बहोत खुश हुए और कहा आज से में आप की हु जब भी अकेली होगी आपको बुला लुंगी.में भी येशी स्वर्ग की परी जेसी भाभी को प् के धन्य हो गया फ़िर नंगे ही हिशाब लिखने लगे वो मेरे गोद में बेठे लिख रहे थे और में सैद में तबल पर एसे कुछ ६ बजे तक लिखा और फ़िर १५ मिनिट उशे किस किया उशकी चूची को पिया और छुट छठा फ़िर कपड़े पहें लिए और फ़िर लिखने लगे.७ बजे वो ची बनके लाये और उंके बेटे को भी दी.ची पि के फ़िर लिखा.जन्बुजकर थोड़ा बाकि रखा और जाने को कहा तो वो बोले ये पुरा करदो मेने कहा अगर फ़िर कभी पुरी रात दोगे तो ही पुरा करूँगा.वो बोले हा मेरे रजा अब में तेरी रानी हु जब में यह अकेली होगी तब तुम्हे बुला लुंगी.फ़िर मेने पुरा किया और ८:३० मेरे घर आगया और नह कर नाश्ता करके में आपनी शॉप पे चला गया दसो आए और सीधा ही पायल भाभी की शॉप पे ही गए तो भाभी ने फ़ोन करके बजे बुलाया उशे ज्यादा बहोत कुछ मल्लुम नही था.फ़िर सर ने सब चेक किया और चले गए किसी और शॉप पैर वो जाते जाते बोल गए की आप को बधाई देता हु जो इतना कोम्प्लेट शॉप है. उश्के जाने के बाद भाभी ने कहा अगर रात को तुम नही आते तो न जाने क्या हो जाता.उशने मुझे कहा तुम्हारी वजह से आज में यही हु इस का इनाम तुजे मिलेंगा.फ़िर वही से भाभी ने योगेश को कॉल किया और ये सब बता दिया और कहा अगर रोहितभाई नही आते तो मुझे नज ने कहा ले जाते.और उश्के पति ने भी मुझे थैंक्स कहा.और भाभी उशको पूछा आज आप आजाओगे तो योगेश कहा नही में आज भी नही आपौंगा तो ने कहा ठीक है.और वह ही मुझे कहा तुम्हे आज ही तुम्हारा इनाम मिलजायेगा आज मेरे घर आजाना पुरी रात तुम्हारी दासी बनके रहूंगी मेने कहा नही तुम्हारे जेसी दासी नही पर रानी ओकी रानी महारानी होगी और हम हुस्ने लगे.और फ़िर में रात को इश के घर गया और उशको पुरी रात किस तरह चोदा ये नेक्स्ट टाइम. ये स्टोरी मेरी सची है ये बने नही है पर रिअल में हुआ है आप लोगो ये कहानी अच्छी लगी ही


Tuesday, June 23, 2009

Bhabhi Sunayna

Apne 5 bhai behno main sab se chhota or pyar se mujhe log chhotu kehte hain. bhabhi sunayna verma 24 saal mere bade bhai ki bibi tits size 34 aur waist 24 bits size 36. khoob sunder hain mere se kafi khuli hue hain. mera bhai narendra verma dubai main service karte hain woh 28 saal ke hain tatha kuch nervous se rahte hain. teen behane hain thino shadi shuda per unme se ek vidhwa hain jo yehi ghar per rehti hain aur aapne padai puri kar rahi hain.uska naam ravinder hai. hum ek middle class family. maa baap aur 5 bhai behan. papa ek govt office main the retire ho gaye. aur ghar per hee rahte hain.aur aaj kal charo dham yatra paer gaye hue hain.ghar par main meri bhabhi aur ravinder hain. ravinder aksar college main rehti hain. meri bhabhi teen saal se shadi shuda hain aur use maan na baan pane ka gham hain. esliye hum dono main pact hain ki jab tak woh pregnent nahi ho jaati main us se sex kar sakta hoon. bhai abhi tak yehi the abhi 5 din pehle hee dubai vapas gaye hain. aur mere liye maidan khula chhod gaye hain. ravinder ke college jaane ke baad main aksar bhabhi se chhedkhani aur chudai kiya karta hoon. baat kuch yuun hue ek din bhaiyya aur bhabhi kafi mood main the aur aaps main guftgoo kar rahe the main bhi betha tha bhabhi bolee kee app chale jaate ho dubai mera maan nahin lagta batai main kaya karoon to bhaiyya bole arre ye chhotu hain na tumahaara man lagne ko isko sab adhikar hain tumhare saath yeh kuch bhi kar sakta hain. bhabhi bole woh sab bhi bhaiyya bole bahar walon se to ghar wala achha hain.bhaiyya jab chale gaye to ek din ravinder college main thee aur maa pita jee thirath yatra par chale gaye. to maine bhabhi se kaha ki aaj bahut man ho raha hain ki . aapke sath koi picture dekhi jaye bhabhi bolee kaun see dekhnee hain maine kaha khawahish dekhe . hum dono picture dekhne chale gaye. us film main kai kiss seen the man hua ki bhabhi ko chum loo par himmat na kar saka. picture ka ant hote hote main itna garam ho gaya tha ki maine bhabhi ki chuchi daba dee.jise bhanp kar woh chonk gaye aur bolee is liye picture dekhna chahte the. maine kaha haan bhabhi.hansi mazak hota raha aur film khatam hone per hum log ghar aaj gaye.itne main ravinder kr aane ka samay bhi ho gaya tha iss liye hum dono chup ho gaye. dusare din al subah hee ravinder ko kahin jana tha aur woh tayar hokar chalee gayee. subah ka suhana mauka main bahbhi ko picchhe se jakar chum liya. par mere chumne se naraz na hokar bole dekho chhotu aao hum tum ek samjhauta kar le jab tum chaho mujkhe chod sakte ho per in 21 dino main me pregnent hona chahte hoon. maine hami bhar dee aur iss tarah shuru hua aapna sex ka safar. hum dono naha doh kar room main aa gaye aur maine bhabhi ko kiss karna shuru kiya kiss karte karte maine uske blouse main hath daal kar uske mummey dabane laga aur dheeredheere uske blouse ke button kholna shuru kar diya . jesse jesse button khulta jaata bhabhi ke chehre par chamk aa rahee thee . pura blouse uttar kar maine uski bra ka hook bhi khol diya ab bhabhi mere samne aapne 34d size ke boobs lekar khadi the aur huss kar mujhe dekh rahee thee aur kah rahe thee chhotu ye sab kahan se sikha. maine muskrakar kaha sab aap logo ko karte dekh kar andazza lagaya. aur **** liya maine uske chuchiyo ko suck karne laga aur woh ah,,,,,,,,,,, uf

Umar 40 saal Lekin Kunwari

Hi dosto , ek baar muje mere boss ne apne ghar par bulwaya, kisi meeting ke bare me discuss karna tha. Jab main uske ghar per phauncha to wo wo kahin bahar jane ke liye ready tha. Mujhe dekhate hi wo bola, ki main abhi kise zaroori kaam se ja raha hoon, jaldi hi laut aaunga , tum mera yahi wait karna, mere boss kareeb 50 saal ya usase kuch jyada ke the. Main drawing room me baith kar uska wait karne laga. Tabhi uski wife, jo ki kareeb 40 saal ki hogi, waha aa gaye, our boli. Kuch chaiye? Main kaha, aap muje toilet ka rasta bataye. Wo mujhe toilet le gayi. Maine toilet main ja kar ander se darwaja band kar diya. Muje bhaut jor se mut ayie thi. peshab karne ke bad maine dekha ki bathroom me bahut sare adult magazine the, main chup chap unko dekhne laga, jisase mera lund khada ho gaya. Mere dil muth marne ka khyal aaya, iss leye maine apni zip kol kar apna lund fir bahar nikal liya , tabhi maine dekha ki, darwaze ke key hole se mujhe koyi dekh raha hai.main samaz gaya ki boss ki biwi mujhe dekh rahi hai. Maine apne 7.5 ich lambe aur mote lund ko darwaje ke taraf kiya aur uska darshan usko acche tarha se karwaya. Maine socha shayad mujhe muth marne ki jarurat nahi padegi mere majboot lund ko ye choot aaj mil jayegi..

Our phir 5 minute ke baad main bahar aa gaya. Wo drawing room me mere pass aa kar baith gaye our mere bare me puchane lagi, ki mere shaadi hoyi hai? Maine kaha: nahi. Muje uske aakho me wasna aur ek azeeb bhukh dekhi. Uski nazar mere pant ke fule huye bhag par ja rahi thi, kyuki mera lund abhi bhi tight tha. Wo usi ko dekne lagi. Wo mere samne baithe huyi thi, per main uske halat samajj chukha tha. Uska bare me bata doon, uski umar shayad 40 thi lekin wo 30-32 ki lagti thi. Uski chunchiyan kasi huyi aur 36 size ki hogi, pet ekdum sapat tha aur kamar patli 30 se bhi kam hogi, aur gaand ..uff. kya mast gadrayi gaand thi.. chootad mano table the jinhe bajane me maja aa jaye. Pher maine uske choocheyo ko dekh ne laga. Wo bhi ab mujj ko apne choocheya dekhane lagi. Usne low cut ka blouse pehna tha aur uski gehari ghati ekdum saf dikh rahi thi. Usne jhukte huye apni chunchiyan aur saf tarah se dikhaya. Gori gori chunchiyan ka nipple ke siva baki sab kuch dikh raha tha. Phir main samajh gaya ki wo mere lund ko dekh kar garam ho gayi hai. main apna lund dikhane ke liye mere pair faila ke baith gaya, pant ka fula hua bhag aur saaf dikhane laga tha. Hum ek dusre ke ek dum samne batye the. Wo mere lund ko dekne lagi. Hum ek dushse se koyi baat nahi kar rahe the per lag raha tha ki hum apane apane man me ek dusre se baat kar rahe hai. Tab usne apne tango ko ek dusre per chada diya taki uski saadi kuch unchi ho jaye our main uske tange dekhu. Aab meri bari thi, Maine kaha yahan bahut garami hai aur pehale maine apne shirt ke button khole. Maine andar kuch pehna bnahi tha, meri chati ke ghane baal usne dekha. Uska thodi der bad maine apni shirt utar di our side me rakh de. Ab usne apane mammo per se apni saadi niche dhalka di. Ye sab wo is tarah kar rahi thi mano anjaane me ho raha ho. Neeche gire Aanchal ko usne thik bhi nahi kiya. Mera lund ab tight ho chukka tha, pehale maine apne khade lund ko pant ke upar se sehlaya aur dabaya.. Fir maine apne pant ki zip kol di, mai underwear nahi pehnta hoon isliye zip kholte hi mera lund bahar aagaya. Wo mere taraf dekh rahi thi. Aab bhi hum kuch nahi bol rahe the. Ab mai uska paas gaya aur maine kaha apko bura laga.. usne kuch kaha nahi.. maine use apni taraf ghumaya.. mera lund uska chehare ke samne fadak raha tha.. mai niche jhuka.. maine usase pooncha ye pasand hai.. usne sirf haan me sir hilaya.. fir kya tha.. maine use kiss kiya.. usne mujhe pura sahayog diya. Maine uski chunchiyan par blouse ke upar se hath rakha.. aur dabaya.. uska munh se siiiiiiiiiiiiii. .uuuuummmmm. . ki awaz nikli.. maine usase kaha mai tumhari chunchiyan ko pyar karunga.. bahut mast hai..Usne jaldi se apne blouse ke button kholne shuru kiye.. maine bhi khole aur usne uska blouse khul gaya aur black bra me kaid uska makhkhan jaisi chunchiyan mere samne aa gayi. Wo mere lund ko dekh rahe the, our main uske choocheeyo ko. Wo kafi der tak mere khade lund ko dekhte rahi maine usase kaha ise pyar karogi? Usne kuch nahi kaha, maine uska ek hath pakda aur mere lund par rakha, usne hath hata liya , maine fir se uska hath mere lund par rakha our phir usne usko pakad leya. Ab usne kaha.. ye bahut lamba aur mota hai.. mai pehali baar itna mota aur lamba lund dekh rahi hoon.. maine kaha tumhe pasand hai? Usne haan me sir hilaya aur mere lund ko kiss kiya supade ko jeebh se chata aur apne muh me le liya. Main chup chap uske choocheya masale laga. Wo itani tezi ke saat mere lund muh me ander bahar kar rahi the jaise wo pahali baar kar rahi ho. Saat saat main wo usko dekh bhi rahi the. Maine, pehalli baar Lund ko dekh rahi ho kya? Wo kuch nahi boli , maine uska peeth ke piche se uska bra ka hook nikala to uski chunchiyan bahar aa gayi, uska gore gore stan ekdum khade the.. bina bra ke bhi.. aur gulabi nipple kadak ho chuke the. Maine uska sir apne lund par dabaya our wo mere lund ko chatne lagi, mere lund ko usne apne cunchiyon ke bich me rakhkar apne chunchiyan ko dabane lagi, our mere tarf dekh kar boli : ha , pehele baar hi itane lambe aur mote mazboot aur kade lund ko dekh rahi hoon. Mere pati ka lund kabhi bhi khada nahe hua. Maine kaha: tumhari shaadi ko kitne saal ho gaye hai? Wo boli 20 saal , our main ab tak khade lund ke liye taras rahi ho. Meri choot Kunwari hai. Maine kaha ki boss ne tum ko kabhi nahi chooda, wo boli: kabhi nahi. Wo sirf mere choot me figuring kar dete the. Per kabhi bhi lund nahi dala mere choot me. Maine usko kaha ki ooh fir to tumhari choot ki seal bhi nahi tuti hogi mujhe tumhari choot dekhna hai tum apni choot mujhe dikhao. Usne apne saadi ko ek jatke me khol diya. Maine uska petioat ka nada khincha wo niche ja gira . usne ek jalidaar black panty pehani huyi thi. Maine uska ****ad ki taraf hath dala aur use panty ke andar daal ke jor se niche khincha.. panty fat gayi.. maine puri panty faad dali…ab Uski gulabi ubhari huyi choot mere samne the. Sach uski choot ekdum nayi aur bina chudi lag rahi thi. Abhi take gori aur gulabi. Maine kaha wah kya choot hai. Ekdum 18 saal ki ladki jaisi. Wo boli ki unka pati ka khada hi nahi hota, kabhi kabhi daane ko ungli se ragadte hai isase aag aur bhadak uthati thi, jab usne ye baat apne pati ko bataya to usne uske liye bahut saare vibrator la kar deta tha, maine kaha dikhao.. wo nangi hi andar gayi aur usne apne saare vibrator mere samne laa kar rakh diye. Maine kaha, tub 20 saal se iss se apna kaam chala rahi ho. Wo boli: ha, yeh he muje kuch sakoon dete hai. Maine kaha, aap ka dard main samjh sakta hoon. Wo boli: aaj jab maine tumhara khada mota aur lamba kadak und bathroom me dekha to mai ek dam garam ho gaye. Maine pooncha kya kabhi isme se koyi vibrator pura andar liya hai? Usne kaha nahi.. sirf upar upar se ragadte hoon. Bahut dard hota hai.. mai bardasht nahi kar pati isliye thoda andar daal kar ragad leti hoon.
Maine kaha , aaj main aap ke sari kami puri kar dooga. Wo bahut khush ho gayi, our boli: main umar me tum se badi hoon per tum mujhe se kuch bhi karne ko bolna , main wohi karungi, tab maine kaha , chalo pehele ye pata kar le ki boss kab wapas ayenge.. wo hansne lagi. Usne kaha arey wo aaj din bhar nahi ayenge. Tumhe meri chudayi karne ke liye hi to yahan bulaya hai. Agar tum pehal nahi karte to mai khud hi tumhe chudayi ke liye mazboot karti. Maine kaha to fir mai chahunga ki tumhari rasili choot ko achche se pehale chat loon aur tum mere mote lund ko achche se chuso.wo man gayi aur wohi sofe par apni tange faila kar let gaye. Mai uska pairon ke bich me aya.. choot ko dekha.. ek bhi baal nahi tha..aaj hi saaf kiya tha shayad. Sirf ek darar dikh rahi thi. .Maine uske choot per ek kiss diya. Wo tadap gaye , our boli, plz apne zubaan se isko chaato, maine kaha, darling umar to tumari 40 ki ho gayi ho, per aaj bhi tum kachchi kali ki tarah apne choot chatwane ko tadap rahi ho. Wo boli, kya karu, meri choot to abhi bhi kachchi kali hi hai na..meri choot se bahut paani nikalta hai.. please mere choot ko chattoo na. Maine uske choot ke lips ko khola.. daane ko anguthe se ragda wo sisiya gayi…aahhhhh…aur fir apni jeebh pehale choot ke charon taraf ghumaya.. wo apne chootad matkane lagi …si..si..si…si. . fir maine uske choot me apni gili jeebh daal de, aur ander bahar karne laga. Mere jeebh ki chudayi se wo..aahhhhhhh. ishhhh… haayy…ye maja mai jindagi me pehali bar le rahi hoon. .aur andar karo..achcha lag raha hai…aaaaahhh. . pehali baar meri choot ko maja aa raha hai… mai tezi se choot chat raha tha.. fir usne apni choot mere munh se jor se chipka di…aahhh sanjayyyy.. meri choot ka pani niklegaa.. haayyyyyy.. kehate huye usni choot ne mano jor ka fauwara chor diya .. Mere munh me juice bhar gaya aur chehra bhi bhig gaya….sach uski choot se bahut pani nikla tha.. maine choot chatna jari rakha. ab wo thoda shant ho gayi. meri jeebh ki chudayi se uska pani nikal gaya, maine kaha itane jaldi tum jhad gayi darling? Wo boli pehali baar meri choot me koi jeeb gayi hai. Isleye yeh nikal gaya, tum hato main saaf kar deti ho. Maine kaha darling yeh bhi koyi saaf karne ki cheez hai, yeh to hum mardo ke liye tum aurate nikalte ho.isliye ise mai pura chaat lunga. Phir main uska saara pani pee liya our phir main uski choot ko zoor zoor se chatne laga. Wo chillane lagi. Aaaaaaaaaaaaaa aaa aaaaaaaaaaa.
Aur zoor se karo, aaaaaaaaaaaaa maja aa gaya. Maine usko kaha ki aab hum 69 position me ho jate hai, tum mere lund ko chooso , our main tumari choot ko chaatoga. Maine use uthaya aur mai uski jagah par let gaya.. use kaha tum apni choot mere munh ke upar rakho taki mai niche se puri jeebh tumhari choot me daal saku. Usne vaisa hi kiya. Use badi jaldi thi mere lund ko chusne ki .Wo mere lund ko apne muh me lene ko besaabar ho rahi th. Wo jaldi se samne jhuki aur mere lund ko pakda pehale supade ki chamdi ko niche khicha.. supade ki motayi dekh kar boli.. itna mota to ek bhi vibrator nahi hai.. bahut hi mazboot aur kadak lund hai tumhari.. lehate huye usne supade ko kiss kiya fir pure lund ko jeebh se chata.. mai bhi gan gana utha.. mera lund aur fulne laga. Uska baad usne apne honto me mere supade ko liya , thodi der me hi . usne mere pura ka pura lund apne muh me ley rahe the. Mera lund 7.5 inch ka hai, mera lund uske gale tak ja raha tha. Wo mere tattoo ko bhi saath me munh me lena chahati thi. Maine usko kaha, darling tumhari, choot bahut tasty hai. Wo boli: yeh ek dum fresh choot hai, yeh baat alag hai ke main tumse badi hoon lekin meri choot ekdum kamsin aur fresh hai. Maine uske clitoris ko apne muh me ley leya our usko chusne laga, jis se wo itani garam ho gayi ki wo kapne lagi. Main uska clitoris ko zor zor se chat raha tha, saath saath me usko kaat bhi raha tha. Uski choot se isna pani nikal raha tha ki main bilkul gila ho chukka tha. Wo mere upar the our main uske neeche, wo mere lund ko muh se bahar nahi nikal rahe thi, main uske clitoris ko apne daanto se halka halka chabha raha tha. Main janta tha ki uske clitoris ki wajah se hi uske choot se itna pani nikal raha hai, mere pura muh uski pani se bhar gaya tha, per uska pani nikale hi ja raha tha. Usko multiple orgasm aa rahe the, jis ko wo bhaut enjoy kar rahe the. Wo apni choot mere munh par dabaye ja rahi thi.. uski gaand bhi mast thi chootad bhi ekdum shape me the. Maine ****ad dabate huye uska choot ke paani se ek ungli gili ki aur uski gaand me daal di.. wo chilla padi..oooooooh. .nooo.. pehale meri choot ko kholo apne lund se fir udhar hath lagaana.. maine kaha mai gaand me interested nahi hoon haan pyari gaand ho to pyaar jarur karta hoon..

Wo mere lund se nika pani ek baar pee chuke the. Mere lund ek baar phir apna pani chodne ko tayyar tha. Maine usko bola darling tum baith jaao mai tumhari pure chehare par apna cream lagaunga.. wo uth kar baith gayi..mai uska munh ke samne apna funfanata lund le kar muth marne laga.. aur wo apna munh khole jeebh nikal kar mera cream nikalne ka intezaar karne lagi. Yeh nazara aap kud sochiye kiasa hoga , jab ek 40 saal ki auart , wo bhi bilkul nagi , jiski choot bilkul geeli ho, wo aap ke samne apne ghutno ke bal baith kar aap ke lund se pani nikal ne ka wait kar rahi ho. Wo itani gharam ho chuki thi ki mere muth marne ke saath saath wo apna vibrator on kar ke apne choot me ragad rahi the. Tabhi mere lund se ek pichkari nikali, jo sidhe uske muh me gaye, phir maine uske poore chehare par apna pani chhoda jo uska gaalon par naak par aur uska mast chunchiyan par girne laga.. chehare ka maal wo jeebh nikaal kar chaat rahi thi aur chunchiyan ka cream usne aoni chunchiyan par faila kar masaag kiya. our boli our nikalo naa. Main kaha, kaisa laga mere pyari raand? Wo boli: jaannat ka maza mila hai aaj mujhko. Maine kaha jaannat to tere choot main hai saali, wo boli: tumara lund bhi kuch kam nahi. Wo muhj se boli: aaj tak kiitne choot mari hai, maine kaha bahut sari mari hai, per 40 saal ki ek dum taazi choot aaj pehali baar chaati hai. Maine kaha tumhari choot ekdum naram hai aur kitni gulabi hai.. abhi take iski lips bhi nahi khuli hai.. Wo boli: meri choot aab bhi kisi 16 saal ki ladki ki choot se kaam nahi.

Aab main thak kar necche bat gaya. Wo boli: , aaj tak mere choot me koyi lund nahi gaya hai, tum ne to do baar pani nikal diya hai, aap meri pyaasi choot ka kaya hoga? Maine kaha: darling tum mere lund ko phir se chatna shuru kar do, yeh lund 5 baar pani nikal sakta hai. Wo bahut khush ho gayi, our mere lund ko apne hatho me liya sehlaya bahut kiss kiya aur fir se chusane lagi. Mera lund fir se khada hone laga.. aur thodi der me hi kadak ho gaya. Maine punchha.. darling kaisa taste lag raha hai mere lund ka? wo boli: bahut hi mazedaar .kaash yeh lund muhje hamesha ke liye mil jaye. Maine kaha , tumhare choot ne aaj muhj ko pura gila kar diya hai. Itna pani maine kabhi kisi aurat ke choot se nahi neklate dekha jitna tumhare choot se nikla hai. Wo boli: sara pani maine ttumhare liye hi nikala hai, tum hi to kah rahe the ke aurate ke choot ka pani mardo ke leye hota hai, maine kaha, tumhare choot me se kuch jyada hi nikala hai. Mere pure badan per uske choot ka pani laga hua tha. Maine usko bola ki lund ke saath saath tu mere badan ko bhi chaat lo, wo tayyar ho gayi our apni jeeb se mere badan se apni choot ke pani se saaf karne lagi.uske liye ye ek naya experience thausne mere chehare se shuru kiyia aur niche chati par gayi.. usne mere nipple ko chata fir munh me liya jisase mai aur josh me aa gaya.. mera lund aur fufkarne laga.. Uska ek haat ab bhi mere lund per tha, jisko wo hila rahi the, uski chamadi upar niche kar rahi thi.. wo mere lund ko aur kada karke apne choot marwana chahati thi.

Wo mere doono nipple ko apne daanto se kaat rahi the. Mujh ko dard hone laga , main bola, saali, katati hai, wo boli : sanju hum aurato ka bhi dil karta hai ki hum bhi tum mardo ke chati ko dabaye our unko chate, maine kaha tum inko chuso , wo bhir mere nipple ko choosne lagi. Ab mera lund bahut kadak ho gaya tha. Maine usko kaha, darling tumhari choot ko faadne ke leye mera lund ready hai. Usne mere lund ke supare per ek kiss kiya aur mere lund se boli: hey mere pyare laude, aaj main aapne choot tujh ko deti hoon, tum isko aaj faad dena, agar isme se khoon bi nikale, tab bhi is per raham nahi karna, main kaha, chalo ab tum ghodi banjao. Maine uske muh deewar ki taraf kiya, our uske gaand ko kuch upper kiya, our apne lund ko uski choot per ragadne laga. Mere lund ke saparsh se he wo tez saasse lene lagi. Maine uske choot se apna lund tezi se ragad raha tha. Wo boli: hiii.. kyu tadpate ho ab to is choot per taras kho , our isme apne garam lund dal do, please 20 saal ke garmi nikal do. Maine ek jhatke ke saath hi uske choot me apna lauda dal deya. Mere lund ka supada uski 40 saal ki Kunwari choot ka munh kholte huye andar dhans gaya.Mere laude ke jate he wo cheekh padi ooooohhhhh.. marr ..gayiiiiiiii… .. kitna mota haiiiiiii.. bahut dard ho raha haiiiii…aaahh. . maine kaha . jaan abhi to pura lund bahar hai.. usne kaha ..mat dalo.. maine kaha.. fir choot fategi kaise..kehate huye maine dusra jor ka jhatka mara uski kamar pakad kar..aur mere lund ne uski seal tod di…aur is baar uski cheekh bahut jor ki thi..oooh..maaaaa… nikalo…. Meri choot ke chithade ho gaye… nahi chudwana mujhe..mai thoda ruka.. aur samne hath le ja kar uski chunchiyan ko dabane laga…aur usi halat me lund ko aage piche karne laga.. uski choot se bahut khoon nikal raha tha…aur wo niche floor par tapak raha tha..usne bhi niche ye dekha aur kehane lagi.. meri choot to gayi.. bahut jalan ho rahi hai.. maine kaha abhi thik ho jayega.. aur dheere dheere dhakke marta raha.. choot sach me bahut tight thi.. ek to uski is umar tak kunwara pan jisase choot ke andar ka bhag faila nahi tha aur dusari aaj take uski choot me kisi lund ka na ghusna. Maine ab supade take lund ko bahar khincha aur puri takat se andar dhakela.. mera lund uski choot ko cheerta hua.. pura andar ghus gaya aur mere dhakke se wo bhi samne bed par gir padi.. maine use kamar se pakad kar uthaya.. maine dekha uski seaansoo nikal rah the. Mai ab ruk gaya. Thodi der baad uska dard kam hone baad maine pura lund bahar nikal kar chodna shuru kiya.. mere dhakke jabardast the. main bhi aaj iske choot fadni ki sauchi the. 40 saal ki choot ka mukabala ek 25 saal ke lund se tha. Main janta hoo ki choot kabhi bhi thakti nahi hai. Per maine soch liya tha ki aaj isko itna chooduga ki iske 20 saal ki saari kasar nikal jay